फ़्लेक्सी-कैप और फ़ोकस्ड फ़ंड के पास अपनी मर्ज़ी से फ़ैसले लेने की आज़ादी (फ़्री विल) होती है. ये फ़ंड सभी तरह की कंपनियों में निवेश कर सकते हैं - चाहे वो स्मॉल-कैप हो, मिड या फिर लार्ज-कैप.
लेकिन अगर आप एक अच्छे मनोवैज्ञानिक हैं, तो आपको ज़रूर पता होगा कि फ़्री विल कहीं न कहीं नियतिवाद या डिटर्मनिज़म (कि इंसान के काम स्वतंत्र नहीं होते) से जुड़ी हुई होती है. डिटर्मनिज़म एक विचार है जो कहता है कि फ़्री विल सिर्फ़ भ्रम है, और कुछ अंदरूनी और बाहरी वजहें हमारी पसंद और फ़ैसलों पर असर डालती हैं.
फ़ोकस्ड फ़ंड का भी कुछ ऐसा ही हाल है. हालांकि वे पूरे मार्केट पूल में निवेश कर सकते हैं, पर बाहरी ताक़तों (रेगुलेटर्स) द्वारा उन्हें सिर्फ़ 30 कंपनी स्टॉक्स रखने की इजाज़त दी जाती है.
इस वज़ह से, साल 2021 की शुरुआत से, एक औसत फ़ोकस्ड फ़ंड के पोर्टफ़ोलियो में सिर्फ़ 29 स्टॉक हैं, जबकि एक फ़्लेक्सी-कैप पोर्टफ़ोलियो में औसतन 51 स्टॉक हैं.
पोर्टफ़ोलियो संबंधी इस पाबंदी के अलावा, फ़्लेक्सी-कैप और फ़ोकस्ड फ़ंड के बीच कुछ और भी अंतर हैं.
1. डायवर्सिफ़िकेशन
फ़ोकस्ड फ़ंड (ज़्यादा से ज़्यादा 30 स्टॉक की लिमिट वाले) में डायवर्सिफ़िकेशन कम होता है, जिससे कॉन्सन्ट्रेशन रिस्क बहुत ज़्यादा बना रहता है. ये रिस्क, पोर्टफ़ोलियो को मार्केट अस्थिरता की तरफ बहुत ज़्यादा उजागर कर देता है क्योंकि किसी एक स्टॉक की बड़ी गिरावट भी पोर्टफ़ोलियो के कुल रिटर्न को कम कर सकती है.
2. मिड- और स्मॉल-कैप को लेकर रुख़
फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड का स्मॉल और मिड-कैप की तरफ़ झुकाव थोड़ा ज़्यादा होता है.
अगर आप इस बारे में सोचें तो ये सही भी लगता है. चूंकि फ़ोकस्ड फ़ंड सिर्फ़ 30 स्टॉक ही रख सकते हैं, इसलिए वे जोख़िम कम करने के लिए स्मॉल और मिड-कैप में बड़ी सावधानी बरत सकते हैं.
आपको ये भी जान लेना चाहिए कि फ़ोकस्ड फ़ंड को अपने इन्वेस्टमेंट बायस की घोषणा पहले ही करनी होती है. मिसाल के तौर पर, LIC , मोतीलाल ओसवाल और क्वांट (Quant) के तीन फ़ोकस्ड फ़ंड को अपने लार्ज-कैप बायस के बारे में बताना पड़ा था. इस वज़ह से, हमने फ़्लेक्सी-कैप और फ़ोकस्ड फ़ंड की तुलना करते वक़्त इन तीनों को शामिल नहीं किया है.
इसलिए, न तो फ़ोकस्ड और न ही फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड एक-दूसरे की तुलना में ज़्यादा जोख़िम भरे हैं. ये बात सच है कि फ़ोकस्ड फ़ंड का पोर्टफ़ोलियो कंसन्ट्रेटेड होता है, पर लार्ज-कैप स्टॉक्स की तरफ इनका ज़्यादा झुकाव इस जोख़िम को कम कर देता है.
बेहतर प्रदर्शन
ये सोच बड़ी आम है कि फ़ोकस्ड फ़ंड बेहतर रिटर्न देते हैं क्योंकि उनमें 30 से ज़्यादा स्टॉक नहीं होते हैं.
(ज़्यादा कंसंट्रेशन का मतलब है ज़्यादा जोख़िम. ज़्यादा जोख़िम का मतलब है ज़्यादा रिटर्न. बस इसी आधार पर फ़ोकस्ड फ़ंड को अक्सर बेहतर समझा जाता है.)
क्या सच में ऐसा ही है? आइए पता करें.
कैटेगरी एवरेज़ रिटर्न
हमने, 1 जनवरी 2014 के बाद इन फ़ंड द्वारा दिए गए सालाना रिटर्न की तुलना की. इससे इनकी लगातार रिटर्न देने की क्षमता का पता लगता है.
हमने पाया कि एक औसत फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड और एक औसत फ़ोकस्ड फ़ंड का प्रदर्शन लगभग एक जैसा ही रहा. ये प्रदर्शन 50-50 रहा, जिसका मतलब है कि फ़ोकस्ड फ़ंड आधे वक़्त तक तो फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड को मात देते रहे पर बाकी आधे वक़्त उनसे पीछे भी रहे.
आपस में मुक़ाबला
हरेक म्यूचुअल फ़ंड हाउस, एक फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड भी जारी कर सकता है और साथ-साथ एक फ़ोकस्ड फ़ंड भी. इसलिए, हमने इन दोनों की इन-हाउस मुक़ाबले की भी तुलना की. इस तुलनात्मक स्टडी को लेकर हमारा ये मानना था कि चूंकि हरेक फ़ंड हाउस की इन्वेस्टमेंट को लेकर अपनी अलग पहचान होती है और स्टॉक चुनने की प्रक्रिया एक जैसी हो सकती है, इसलिए दोनों तरह के फ़ंड की निष्पक्ष तुलना की जा सकती है.
यहां भी, दोनों तरह के फ़ंड का प्रदर्शन लगभग एक जैसा रहा. हमने पाया कि 45 फ़ीसदी फ़ोकस्ड फ़ंड सालाना रिटर्न के आधार पर अपने इन-हाउस फ़्लेक्सी-कैप प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.
हालांकि, अगर डेली-बेसिस पर पांच साल के रिटर्न का मूल्यांकन किया जाए, तो फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड इस दौड़ में आगे हैं. इस टाइम फ्रेम में, सात में से पांच फ़ंड हाउस के फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड अपने फ़ोकस्ड प्रतिद्वंद्वियों से आगे हैं.
फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड थोड़ा आगे
एक साल के रोलिंग रिटर्न में दोनों फ़ंड का प्रदर्शन लगभग एक जैसा रहा, पर पांच साल के रोलिंग रिटर्न में फ़्लेक्सी-कैप आगे रहा
समय | दोनों फ़ंड कैटेगरी वाले फ़ंड हाउस की संख्या | बेहतर प्रदर्शन करने वाले फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड की संख्या | बेहतर प्रदर्शन करने वाले फ़ोकस्ड फ़ंड की संख्या |
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1-साल | 20 | 11 | 9 |
5-साल | 7 | 5 | 2 |
*एक और पांच साल का रोलिंग रिटर्न डेटा तब से लिया गया है जब से दोनों फ़ंड साथ में वज़ूद में आए |
हमारा मानना है
अगर 2014 के बाद से पांच साल के रोलिंग रिटर्न की बात करें, तो फ़्लेक्सी-कैप फ़ंड निवेश के लिहाज़ से ज़्यादा बेहतर मालूम पड़ते हैं.
अगर इसे एक तरफ रख दें, तो प्रदर्शन के नज़रिये से फ़्लेक्सी-कैप और फ़ोकस्ड फ़ंड लगभग एक जैसे ही लगते हैं. इसलिए, हमने अपने एनालिस्ट की पसंद सेक्शन में बेहतर फ़्लेक्सी-कैप और फ़ोकस्ड फ़ंड की एक क्यूरेटेड लिस्ट बनाई है.