PAN (परमानेंट एकाउंट नंबर) कार्ड के आने से पहले, फ़ाइनेंस की दुनिया में हर काम कागज़ों पर ही होता था. उस दौर के खोए हुए या भूले हुए निवेशों का पता लगाना भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसा है.
पर आज, IEPF और हाल ही में लॉन्च हुए UDGAM जैसे मॉडर्न प्लेटफ़ॉर्म की बदौलत इन निवेशों को दोबारा वापस पाना आसान और व्यवस्थित हो गया है. तो, आइए इन दोनों प्लेटफ़ॉर्म की जांच-पड़ताल करें और जानें कि कैसे आपका खोया हुआ पैसा वापस मिल सकता है.
इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फ़ंड (IEPF)
भले ही IEPF का पहला मक़सद निवेशक की जानकारी, जागरूकता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है, पर ये फ़ंड स्टॉक मार्केट में कई तरह के इंवेस्टमेंट से भी जुड़े हैं, जिनमें ये निवेश भी शामिल हैं:
- पब्लिक कंपनियों के शेयर
- अनक्लेम्ड डिविडेंड्स
- मैच्योर डिबेंचर्स
- रिफ़ंड के लिए ड्यू एप्लीकेशन मनी
- कंपनी की डिपॉज़िट स्कीम के तहत मैच्योर डिपॉज़िट (बैंकों को छोड़कर)
अगर सात साल तक क्लेम न किया जाए, तो उसके बाद अनक्लेम्ड पैसा IEPF में ट्रांसफ़र कर दिया जाता है. इस फ़ंड ट्रांसफ़र के ज़रिये, कंपनियां निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने का एक और मौक़ा देती हैं. इसलिए, अगर आप IEPF प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिये अपना खोया हुआ पैसा क्लेम करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स फ़ॉलो करें.
IEPF के ज़रिये कंपनी स्टॉक्स क्लेम करने के स्टेप
1. परिवार के किसी सदस्य के अनक्लेम्ड शेयर या डिविडेंड के बारे में पता करने के लिए यहां क्लिक करें.
2. सर्च फ़ील्ड में अपने परिवार के सदस्य का नाम डालें. हालांकि फ़ोलियो और DP एकाउंट नंबर होना ज़रूरी नहीं हैं, पर अगर आपके पास ये नंबर मौजूद हैं तो आप ज़्यादा सटीक तरीक़े से सर्च कर सकते हैं.
3. अगर सर्च करने पर उनका नाम मिल जाए, तो आपको बधाई. आप बाक़ी जानकारी, जैसे कि शेयरों की संख्या और कुल देय राशि जानने के लिए इस पर क्लिक कर सकते हैं (स्क्रीनशॉट देखें).
अगर आप किसी दिवंगत रिश्तेदार के एसेट ढूंढ़ रहे हैं, तो नीचे कुछ और ज़रूरी स्टेप दिए गए हैं:
- अगर निवेश की वैल्यू ₹5 लाख से ज़्यादा है, तो आपको कोर्ट आर्डर लेना होगा. अगर वसीयत (Will) नहीं है, तो आपको कोर्ट से अपने पक्ष में उत्तराधिकार का सर्टिफ़िकेट लेना होगा.
- उसके बाद, ट्रांसमिशन प्रक्रिया के बारे में संबंधित कंपनी या उसके रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफ़र एजेंट (RTA) को सूचना देनी होगी.
- आपकी रिक्वेस्ट को वेरीफ़ाई करने के बाद, कंपनी आपको एक एंटाइटलमेंट लेटर देगी, जिसकी मदद से आप IEPF से शेयर दोबारा पा सकेंगे.
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एंटाइटलमेंट लेटर मिलने के बाद, इन स्टेप को फ़ॉलो करें:
4. एकाउंट बनाने के लिए यहां लॉग इन करें.
5. इसके बाद, 'MCA Services' सेक्शन के तहत IEPF-5 एप्लीकेशन फॉर्म भरें. अपने रिकॉर्ड के लिए पावती या रसीद (acknowledgement) का प्रिंट आउट ज़रूर निकालें.
6. इसके बाद, जिस कंपनी के शेयर आप क्लेम कर रहे हैं, उसके नोडल ऑफ़िसर को नीचे दिए गए फ़िजिकल डॉक्यूमेंट भेजें:
- IEPF-5 फ़ॉर्म
- SRN (सर्विस रिक्वेस्ट नंबर) के साथ रसीद
- ऑरिजिनल इन्डेम्निटी बॉन्ड और ऑरिजिनल एडवांस रसीद
- डीमैट के रूप में रखी गई सिक्योरिटीज़ के मामले में, ऑरिजिनल शेयर सर्टिफ़िकेट या ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट की एक कॉपी
- अपने आधार (Aadhaar) कार्ड की ख़ुद से सत्यापित की गई कॉपी
- एंटाइटलमेंट का सबूत (आमतौर पर कंपनी से मिला हुआ एंटाइटलमेंट लेटर)
- कैंसिल चेक
- अगर आप विदेशी या NRI हैं तो पासपोर्ट, OCI और PIO कार्ड की कॉपी
7. फिर कंपनी आपके क्लेम को वेरीफ़ाई करेगी और जानकारी IEPF को भेजेगी. मंजूरी मिलने पर, शेयर्स आपके डीमैट एकाउंट में ट्रांसफ़र कर दिए जाएंगे, और डिविडेंड आपके बैंक एकाउंट में भेज दिया जाएगा.
सब्र रखें
ये प्रक्रिया कई महीनों तक चल सकती है. पर आख़िर में, इस सब्र का फल मीठा होगा. भले ही IEPF के ज़रिये आप शेयर्स, डिविडेंड्स और मैच्योर डिबेंचर्स जैसे अनक्लेम्ड एसेट दोबारा पा सकते हैं, पर इसमें सभी तरह के फ़ाइनेंशियल एसेट शामिल नहीं होते. मिसाल के तौर पर, बैंक डिपॉज़िट इसके दायरे में नहीं आते. यहीं पर हमें UDGAM की ज़रूरत पड़ती है.
अनक्लेम्ड डिपॉज़िट्स गेटवे टु एक्सेस इन्फॉर्मेशन (UDGAM)
RBI के अनुसार, ₹42,272 करोड़ (मार्च 2023 तक) अनक्लेम्ड बैंक डिपॉज़िट्स के रूप में लावारिस पड़े हैं! अनक्लेम्ड बैंक डिपॉज़िट्स में वे सभी सेविंग और करंट एकाउंट्स आते हैं जो 10 साल से भी ज़्यादा वक़्त से डॉर्मेंट या निष्क्रिय पड़े हैं. साथ ही, वे टर्म डिपॉज़िट्स जो मैच्योरिटी के 10 साल बाद तक भी भुगतान नहीं किए गए हैं, उन्हें भी अनक्लेम्ड डिपॉज़िट्स में शामिल कर लिया जाता है.
भले ही बैंक आमतौर पर अपनी वेबसाइट में अनक्लेम्ड एकाउंट्स की एक लिस्ट पब्लिश करते हैं, पर UDGAM के ज़रिये इस डेटा को एक ही जगह देखा जा सकता है. नीचे बताया गया है कि आप किस तरह इसे देख सकते हैं.
UDGAM के ज़रिये निवेश क्लेम करने के स्टेप्स
1. UDGAM पोर्टल पर जाएं और अपना रजिस्ट्रेशन करें.
2. लॉग इन करने के बाद, उस एकाउंट होल्डर का नाम टाइप करें जिसकी अनक्लेम्ड डिपॉज़िट राशि आप जानना चाहते हैं. पक्का करें कि ये नाम बैंक रिकॉर्ड से मेल खाता हो.
3. इन विकल्पों में से कम से कम एक चीज़ एंटर करें - PAN, वोटर ID कार्ड नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, पासपोर्ट नंबर या जन्म तिथि - और 'Search' पर क्लिक करें. अगर इनमें से कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है, तो 'Show additional criteria' पर क्लिक करें और एड्रेस एंटर करें (स्क्रीनशॉट देखें).
4. हालांकि, अगर वो व्यक्ति सर्च करने पर मिल जाता है, तो 'Export PDF' पर क्लिक करें.
5. इस PDF में व्यक्ति का नाम, एड्रेस, बैंक और अनक्लेम्ड डिपॉज़िट रेफेरेंस नंबर (UDRN) सहित पूरी जानकारी मिल जाएगी. इससे आपको क्लेम प्रक्रिया आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
मिसाल के तौर पर, अगर आप भारतीय स्टेट बैंक के किसी अनक्लेम्ड एकाउंट को लेकर कोशिश कर रहे हैं, तो इन स्टेप्स का पालन करें:
- एकाउंट को चालू करने के लिए एक रिक्वेस्ट लेटर लिखें और इसे SBI शाखा में जमा करें. लेटर का फॉर्मेट यहां देखें.
- अपना रिक्वेस्ट लेटर और सभी ज़रूरी डॉक्युमेंट्स, जैसे कि ID कार्ड की कॉपी, एड्रेस प्रूफ़ और हाल ही में ली गई फ़ोटो जमा करें.
- शाखा आपके डॉक्युमेंट्स को वेरीफ़ाई करेगी और एकाउंट को लेनदेन के लिए चालू कर देगी.
याद रखें
किसी भी तरह की भूल से बचने के लिए साल में कम से कम एक बार अपने निवेश की जांच करें. इस तरह, आप अपनी मेहनत से कमाई गई पूंजी पर नज़र रख सकते हैं, जिस पर पहला हक़ सिर्फ आपका है.
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