ट्रांसपोर्ट इंफ़्रास्ट्रक्चर सेक्टर की जानी-मानी पब्लिक सेक्टर कंपनी IRCON इंटरनेशनल ने ऑफ़र फ़ॉर सेल (OFS) की घोषणा की है. जो लोग नहीं जानते, उन्हें बताते चलें कि OFS एक फ़ाइनेंशियल प्रक्रिया है जो लिस्टिड कंपनियों के प्रमोटरों को अपने शेयर सीधे तौर पर निवेशकों को बेचने की इजाज़त देती है.
ये OFS दो दिनों तक चलेगी: 7 और 8 दिसंबर, 2023. रिटेल निवेशक इसमें सिर्फ़ 8 दिसंबर, 2023 को हिस्सा ले पाएंगे.
OFS का फ़्लोर प्राइस ₹154 प्रति शेयर तय किया गया है, जो कि 6 दिसंबर, 2023 को स्टॉक के क्लोज़िंग प्राइस से 10% से भी ज़्यादा कम है. इस वजह से, 7 दिसंबर, 2023 को शुरुआती क़ारोबारी सेशन के दौरान इसके शेयर की क़ीमत लगभग सात फ़ीसदी तक घट गई.
OFS की वजह
ये OFS, सरकार द्वारा पब्लिक सेक्टर कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिशों में से एक है. इस वक़्त सरकार के पास IRCON में 73.1 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. OFS के ज़रिये, सरकार क़रीब ₹579 करोड़ जुटाने के लिए अपनी 4 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है. और अगर ये OFS ओवरसब्सक्राइब हो जाता है तो सरकार अतिरिक्त 4 फ़ीसदी का विनिवेश या डिसइनवेस्टमेंट भी कर सकती है. ध्यान दें कि इससे कंपनी को कोई भी मुनाफ़ा नहीं होगा. ये OFS पूरी तरह से डिसइनवेस्टमेंट के मक़सद से किया जा रहा है.
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IRCON इंटरनेशनल के बारे में जानें
ये भारतीय रेलवे की एक सहायक कंपनी है जो भारत सरकार के लिए सड़कें, पुल, रेलवे लाइन, एयरपोर्ट, एयरपोर्ट रनवे आदि बनाती है. हालांकि, इसका ज़्यादातर रेवेन्यू रेलवे प्रोजेक्ट्स के ज़रिये आता है.
सितंबर 2023 को ख़त्म हुई तिमाही तक, कंपनी के पास ₹32,152 करोड़ की मज़बूत ऑर्डर बुक थे.
पिछले कुछ सालों में IRCON का प्रदर्शन
FY23 में कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन में बड़ी गिरावट दिखी
फ़ाइनेंशियल | FY23 | FY22 | FY21 | FY20 | 3Y ग्रोथ (%) |
---|---|---|---|---|---|
रेवेन्यू (करोड़ ₹) | 11190.05 | 7821.64 | 5773.65 | 6096.36 | 22.4 |
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (करोड़ ₹) | 453.29 | 531.05 | 479.27 | 387.64 | 5.4 |
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन (%) | 4.1 | 6.8 | 8.3 | 6.4 | |
PAT (करोड़ ₹) | 765.23 | 592.27 | 391.06 | 485.27 | 16.4 |
ऑपरेशन से मिला कैश फ़्लो | -167.83 | 1414.06 | 518.12 | -135.74 | -7.3 |
फ़र्म को मिला फ़्री कैश फ़्लो | -209.11 | 1398.08 | 475.52 | -197.74 | -1.9 |
निवेश के बारे में सोच रहे लोगों को ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि बढ़िया रेवेन्यू ग्रोथ के बावजूद भी कंपनी में उतार-चढ़ाव भरा ऑपरेटिंग मार्जिन देखा गया. साथ ही, FY23 में इसके नेट प्रॉफिट में 'अन्य आय' का योगदान लगभग 40 फ़ीसदी था.
नोट: ऊपर बताई गई बातों को स्टॉक ख़रीदने की सलाह के तौर पर न देखा जाए. कृपया निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल कर लें.
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