Sovereign Gold Bonds: सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) की पहली ट्रैंच (tranche) रिटर्न के मामले में दमदार साबित होती दिख रही है. भारत सरकार ने साल 2015 में आई, इस ट्रैंच के ज़रिये ₹245 करोड़ जुटाए थे, जो 30 नवंबर, 2023 को मेच्योर हो जाएगी.
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से मिले डेटा के मुताबिक़, अभी तक सिर्फ़ 6 फ़ीसदी निवेशकों ने मेच्योरिटी से पहले अपना SGB इन्वेस्टमेंट निकाला है, इसलिए ज़्यादातर निवेशकों को इससे सालाना 12 फ़ीसदी से ज़्यादा रिटर्न मिलने जा रहा है.
आइए, इस टेबल से इसे समझते हैंः
भारत की पहली SGB ट्रैंच का संभावित रिटर्न
2015 में इशू प्राइस* | ₹2,684/ ग्राम |
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2023 में अनुमानित प्राइस | ₹6,045/ग्राम |
मान लीजिए 2015 में आपने 50 ग्राम सोना ख़रीदा | ₹1.34 लाख (अनुमानित) |
मौजूदा वैल्यू | ₹3.02 लाख (अनुमानित) |
सालाना रिटर्न | 10.68 फ़ीसदी |
अतिरिक्त इंटरेस्ट साल में दो बार | 2.75 फ़ीसदी |
कुल सालाना रिटर्न | 12.73 फ़ीसदी |
टैक्स के बाद सालाना रिटर्न** | 12.11 फ़ीसदी |
*पहली SGB ट्रैंच के इन्वेस्टर्स 2 से 500 ग्राम तक सोना ख़रीद सकते थे.
**मान लीजिए कि आप इनकम टैक्स के 30 फ़ीसदी स्लैब में आते हैं |
गोल्ड बॉन्ड को लेकर ध्यान देने वाली बातें
हमने आपको अनुमानित आंकड़ा देने के लिए 13-17 नवंबर के बीच गोल्ड के क्लोज़िंग प्राइस के सिंपल मूविंग एवरेज का कैलकुलेशन किया.
हालांकि, असल रिडेम्शन प्राइस इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा प्रकाशित गोल्ड के 20-24 नवंबर के बीच के सिंपल क्लोज़िंग प्राइस के मूविंग एवरेज के आधार पर तय किया जाएगा. निवेश की रक़म सीधे निवेशकों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी.
टैक्स
SGB लॉन्च के दौरान | मौजूदा नियम (जो अब मायने रखता है) |
उस समय लॉन्ग टर्म गेन्स पर फ़्लैट 20 फ़ीसदी टैक्स (प्लस 4 फ़ीसदी सेस) लगता था. | मेच्योरिटी तक होल्ड करने पर SGB से हुए फ़ायदे पर कोई टैक्स नहीं लगता है. हर साल दो बार होने वाली इंटरेस्ट इनकम पर ही आपको टैक्स देना होता है. |
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SGB को लेकर आप क्या करें
भले ही, ये सच है कि SGB ख़ासे लोकप्रिय हो चुके हैं और सरकार अब तक SGB की कुल की 65 ट्रैंच जारी करके, आश्चर्यजनक रूप से ₹56,762 करोड़ का निवेश जुटा चुकी है. पर इसका मतलब ये नहीं कि गोल्ड में निवेश एक अच्छा आइडिया है. असल में, हम मानते हैं कि ये एक अनप्रोडक्टिव एसेट क्लास है, और इसमें अच्छे रिटर्न की गारंटी हमेशा नहीं होती.
पिछले 10 साल के रिटर्न पर ग़ौर करें, तो 31 अक्टूबर, 2023 तक ये चमकदार धातु ने महज़ 7.56 फ़ीसदी की दर से बढ़ी है, जो सेंसेक्स के 13.12 फ़ीसदी रिटर्न के मुक़ाबले काफ़ी कम है.
लेकिन इसके बावजूद आप गोल्ड ख़रीदना चाहते हैं, तो हम कहेंगे कि आप फ़िजिकल गोल्ड के बजाय सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड को चुनें. ये सुरक्षित भी हैं और मोटे तौर पर ज़्यादा रिटर्न भी देते हैं.
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