Gandhar Oil Refinery IPO: स्पेशियल्टी ऑयल बनाने वाली कंपनी गांधार ऑयल रिफ़ाइनरी इस सप्ताह अपना इनीशियल पब्लिक ऑफ़र लॉन्च करने जा रही है. हम यहां इसकी क्षमताओं, कमज़ोरियों, ग्रोथ की संभावनाओं सहित कई अहम बातों के बारे में बता रहे हैं. इन्हें जानकर आपके लिए इस IPO में निवेश से जुड़ा फ़ैसला लेना आसान हो सकता है.
1. क्वालिटी
कंपनी का तीन साल का एवरेज ROE और ROCE क्रमशः 30 और 32 फ़ीसदी रहा है. बीते तीन फ़ाइनेंशियल ईयर के दौरान उसने पॉज़िटिव कैश फ़्लो दर्ज किया है.
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का एवरेज (%) | TTM | FY23 | FY22 | FY21 |
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ROE (%) | 30.1 | 28.3 | 32.3 | 32.5 | 25.4 |
ROCE (%) | 31.8 | 31.8 | 34.7 | 35.9 | 24.8 |
EBIT मार्जिन (%) | 6.5 | 6.8 | 7.4 | 6.5 | 5.7 |
डेट टू इक्विटी | 0.3 | 0.2 | 0.2 | 0.1 | |
ROE यानी रिटर्न ऑन इक्विटी
ROCE यानी लगाई गई कैपिटल पर रिटर्न |
2. ग्रोथ
पिछले तीन साल के दौरान रेवेन्यू और नेट प्रॉफ़िट सालाना क्रमशः 36 और 38 फ़ीसदी की दर से बढ़ा है.
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
2 साल का CAGR (%) | TTM | FY23 | FY22 | FY21 | |
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रेवेन्यू (करोड़ ₹) | 35.5 | 4266 | 4079 | 3543 | 2221 |
EBIT (करोड़ ₹) | 53.5 | 289 | 300 | 231 | 127 |
PAT (करोड़ ₹) | 37.7 | 177 | 190 | 147 | 100 |
नेटवर्थ (करोड़ ₹) | 30.7 | 811 | 760 | 561 | 445 |
कुल कर्ज़ | 56 | 385 | 220 | 191 | 90 |
EBIT यानी इंटरेस्ट और टैक्स से पहले अर्निंग
PAT यानी प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स माइनस माइनॉरिटी इंटरेस्ट |
3. वैल्युएशन
स्टॉक की वैल्यू, क्रमशः 9.4 और 1.5 गुने के P/E और P/B पर आंकी गई है, जबकि इसके जैसी दूसरी कंपनियों का मीडियन P/E और P/B क्रमशः 29 और 4.6 गुना है.
4. क्या करती है कंपनी
गांधार ऑयल रिफ़ाइनरी स्पेशियलिटी ऑयल बनाने वाली कंपनी है. ये मुख्य रूप से व्हाइट ऑयल पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसकी फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 के उसके राजस्व में 64 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी. अपने ब्रांड 'डिव्योल' (Divyol) के तहत पर्सनल केयर, स्वास्थ्य देखभाल, परफ़ॉरमेंस ऑयल, ल्युब्रिकैंट्स और प्रोसेस और इंसुलेटिंग ऑयल से लेकर 440 से अधिक पेशकशों वाली प्रोडक्ट्स की एक बड़ी रेंज के साथ, कंपनी ऑटोमोटिव, इंडस्ट्रियल पावर, टायर और रबर के साथ-साथ पर्सनल और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र जैसे उद्योगों की ज़रूरतों को पूरा करती है.
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5. पूंजी का कैसे होगा इस्तेमाल
इशू का 40 फ़ीसदी हिस्सा ऑफ़र फ़ॉर सेल (OFS) है. वहीं, 37 फ़ीसदी रक़म को वर्किंग कैपिटल एक्सपेंस में इस्तेमाल किया जाएगा और बाक़ी कैपेक्स और कॉर्पोरेट एक्सपेंस में काम आएगा.
IPO डिटेल्स
IPO का साइज़ (करोड़ ₹) | 500.7 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 198.7 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 302 |
प्राइस बैंड (₹) | 160-169 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 22 नवंबर से 24 नवंबर, 2023 |
इशू का उद्देश्य | ऑफर फॉर सेल, वर्किंग कैपिटल की ज़रूरतें, सिलवासा प्लांट के लिए कैपेक्स, कर्ज़ चुकाना. |
6. कंपनी की क्षमताएं
गांधार ऑयल रिफ़ाइनरी 27 फ़ीसदी मार्केट शेयर के साथ व्हाइट ऑयल बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी है. ये भारत के स्पेशियल्टी ऑयल सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक भी है. ग्लोबल मार्केट में इसकी 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी है. गांधार ऑयल भारत में तेजी से बढ़ती मांग का फ़ायदा उठाने के लिहाज से भी मजबूत स्थिति में है. भारत में पर्सनल केयर से लेकर इंडस्ट्रियल इस्तेमाल में आने वाले तमाम प्रोडक्ट्स के लिए स्पेशियल्टी ऑयल की ख़ासी मांग है.
7. गांधार ऑयल की कमज़ोरियां
ब्रेंट क्रूड पर निर्भरताः स्पेशियल्टी ऑयल काफ़ी हद तक ब्रेंट क्रूड से निकाले जाने वाले बेस ऑयल्स पर निर्भर है. इसलिए, ब्रेंट क्रूड की क़ीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा उसर कंपनी के मार्जिन पर पड़ता है.
आपूर्ति में बेहद फ़ोकस होना: फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 में, कुल कच्चे माल की ज़रूरत में टॉप 10 स्पेशियल्टी ऑयल सप्लायर्स की हिस्सेदारी 74 फ़ीसदी थी. इसके अलावा, दक्षिण कोरिया और गल्फ़ कॉर्पोरेशन काउंसिल (GCC) ने इसी अवधि के दौरान 60 फ़ीसदी से ज़्यादा कच्चे माल की सप्लाई की. इसलिए, इन क्षेत्रों और सप्लायर्स को प्रभावित करने वाली कोई भी बड़ी आर्थिक घटना गांधार ऑयल के ऑपरेशन पर प्रतिकूल असर डालेगी.
ज़्यादा वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत: फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 में, कंपनी ने 31 दिनों के वर्किंग कैपिटल साइकल की सूचना दी. ये ट्रेंड साल-दर-साल बढ़ रहा है, जो फ़ाइनेंशियल ईयर 2021 में 19 दिनों से बढ़कर जून 2023 को समाप्त तिमाही में 46 दिनों तक तक पहुंच गया.
प्रमोटर्स का ऊंचा वेतन (रिम्युनरेशन): गांधार ऑयल के प्रमोटर्स रमेश पारेख, समीर पारेख और असलेश पारेख को फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 के दौरान उनके पारिश्रमिक के रूप में प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स का 7 फ़ीसदी से ज़्यादा हासिल हुआ.
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8. बिज़नस और क्लाइंट्स
फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 में कंपनी का टैक्स के पहले का प्रॉफ़िट ₹300 करोड़ रहा था.
कंपनी के यूनिलीवर, प्रॉक्टर एंड गैम्बल (P&G), मैरिको, इमामी, डाबर और बजाज कंज़्यूमर केयर सहित बड़े क्लाइंट्स से पुराने और मजबूत संबंध हैं.
भले ही गांधार ऑयल कम कंपनियों वाले मार्केट में परिचालन करती है, लेकिन दूसरी स्थापित कंपनियों से उसे तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है.
9. मैनेजमेंट
IPO के बाद प्रमोटर्स की हिस्सेदारी बढ़कर 65 फ़ीसदी तक पहुंच जाएगी. कंपनी के प्रबंधन में शामिल प्रमुख लोगों (की मैनेजेरियल पर्सनल) और सीनियर मैनेजमेंट को 15 साल से ज़्यादा का अनुभव है.
हालांकि, मैनेजमेंट के भरोसेमंद और उसकी अकाउंटिंग पॉलिसी के टिकाऊ होने से संबंधित कोई सूचना नहीं है.
अच्छी बात ये है कि प्रमोटर्स ने अपने कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं.
10. कैश फ़्लो और कर्ज़
बीते तीन साल में कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉजिटिव रहा है.
मार्च 2023 तक कंपनी का डेट टू इक्विटी रेशियो 0.3 गुना रहा है.
हालांकि, कंपनी को अपने ऑपरेशन के लिए ज़्यादा वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत होती है.
भले ही, कंपनी की बैलेंसशीट पर कुछ क़र्ज़ दर्ज है, लेकिन IPO से मिली पूंजी से उसे अपनी वर्किंग कैपिटल की ज़रूरतों को कुछ हद तक पूरा करने में मदद मिलेगी.
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