Hindustan Aeronautics: पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के स्टॉक्स को उनके डिविडेंड्स के लिए जाना जाता है, लेकिन वेल्थ क्रिएशन के लिए भी ऐसा हो ये जरूरी नहीं है. हालांकि, हाल के वर्षों में इनमें से कुछ कंपनियों ने इस ट्रेंड को ख़ारिज कर दिया है और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स इसकी बेहतरीन मिसाल है.
बीते पांच साल के दौरान, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) के शेयर में सालाना 34 फ़ीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. इसके विपरीत सेंसेक्स की ग्रोथ 12 फ़ीसदी ही रही है. इसके फंडामेंटल्स और सेक्टर से जुड़े हालात में लगातार सुधार के चलते इसकी ज़्यादातर ग्रोथ बीते साल ही देखने को मिली है. इस आर्टिकल में, हमने HAL की दमदार ग्रोथ से जुड़े फ़ैक्टर्स पर ग़ौर किया है.
HAL का मुख्य बिज़नस क्या है?
HAL एयरोस्पेस और डिफेंस (A&D) में परिचालन करती है. इसकी गतिविधियों में भारतीय रक्षा बलों के लिए डिफेंस एयरक्राफ्ट और हेलीकाप्टरों के डिजाइन, विकास, निर्माण, मरम्मत और अपग्रेड करना शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, HAL कुछ अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर ISRO के साथ सहयोग करती है. यह स्पष्ट है कि कंपनी के प्रमुख ग्राहकों में भारतीय डिफेंस सर्विसेज शामिल हैं.
भले ही, HAL के रेवेन्यू में ग्रोथ सुस्त रही है, लेकिन इसके प्रॉफ़िट में दमदार ग्रोथ देखने को मिली है और कंपनी ने अपनी बैलेंसशीट को मजबूत किया है. इस ग्रोथ की अहम वजह सिर्फ टॉप लाइन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय इफ़िशिएंसी और प्रॉफ़िटेबिलिटी पर जोर देना रही है.
बदल रही किस्मत
बीते पांच साल के दौरान HAL के फ़ाइनेंशियल्स में ख़ासा सुधार हुआ है
FY23 | FY22 | FY21 | FY20 | 3 साल की ग्रोथ (% सालाना) | |
---|---|---|---|---|---|
रेवेन्यू (करोड़ ₹) | 26927 | 24620 | 22882 | 21445 | 7.9 |
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट (करोड़ ₹) | 4901 | 4305 | 4186 | 3916 | 7.8 |
ऑपरेटिंग प्रॉफ़िट मार्जिन (%) | 18.2 | 17.5 | 18.3 | 18.3 | |
PAT (करोड़ ₹) | 5828 | 5080 | 3246 | 2883 | 26.4 |
ROE (%) | 27.2 | 29.3 | 22.6 | 22.7 |
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डिफेंस सेक्टर के लिए ज़्यादा एलोकेशन
सरकार के केंद्रीय बजट से डिफेंस सेक्टर को ख़ासा ज़्यादा एलोकेशन मिला है. फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 में, सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए ₹5.9 लाख करोड़ एलोकेट किए. ये एलोकेशन हाल के वर्षों में लगातार बढ़ा है. फ़ाइनेंशियल ईयर 2019 के बाद से, डिफेंस के लिए एलोकेशन सालाना 8.3 फ़ीसदी की दर से बढ़ा है. इसके अलावा, घरेलू मैन्युफ़ैक्चरिंग पर भी जोर दिया जा रहा है. इन फ़ैक्टर्स से HAL को इस क्षेत्र में ग्रोथ के लिए अनुकूल माहौल मिला है.
इफ़िशिएंसी में सुधार
कुछ साल पहले तक, अपनी लीडरशिप स्थिति के बावजूद, HAL को ऑपरेशन के लिहाज से जूझना पड़ता था. वर्ष 2019 में, इसने लगातार तीन साल तक ऑपरेशन से निगेटिव कैश फ्लो और 400 दिन से ज़्यादा के कैश कन्वर्जन साइकल की जानकारी दी थी. नतीजतन, उसे अपनी कार्यशील पूंजी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए शॉर्ट टर्म बॉरोइंग पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे उसकी फ़ाइनेंशियल स्थिति खराब हो गई थी.
हालांकि, मैनेजमेंट ने इन मुद्दों के समाधान के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं. उन्होंने न केवल इन्वेंट्री टर्नओवर में सुधार किया है, बल्कि अपने बिज़नस मॉडल को भी एडजस्ट किया है. इसके चलते, उसके कैश कन्वर्जन साइकल में सुधार हुआ है और कंपनी अपने कर्ज के बोझ को कम करने में कामयाब रही है. फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 में, HAL ने कई वर्षों के दौरान अपना सबसे कम कैश कन्वर्जन साइकल हासिल किया और कंपनी लगभग कर्ज मुक्त हो चुकी है.
HAL की इफ़िशिएंसी में दमदार सुधार
FY23 | FY22 | FY21 | FY20 | FY19 | |
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CFO (करोड़ ₹) | 8830 | 10173 | 15117 | 1527 | -7700 |
कुल कर्ज (करोड़ ₹) | 49 | 47 | 51 | 5927 | 4157 |
इन्वेंट्रीज़ (करोड़ ₹) | 12149 | 14347 | 16373 | 19346 | 19664 |
ट्रेड रिसीवेबल्स (करोड़ ₹) | 4719 | 4642 | 5668 | 11235 | 12458 |
कैश कन्वर्जन साइकल (दिन) | 140 | 219 | 319 | 404 | 442 |
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प्रॉफ़िटेबिलिटी में बढ़ोतरी
जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि इसके बिज़नस मॉडल में स्ट्रैटजिक एडजस्टमेंट से न केवल लिक्विडिटी से जुड़ी समस्याएं हल हुई हैं, बल्कि प्रॉफ़िटेबिलिटी भी बढ़ी है. HAL अब बिज़नस में सर्विस पर ज़्यादा जोर दे रही है, जो प्रोडक्शन वॉल्यूम में कमी से भी जाहिर होता है. नए विमानों की संख्या फ़ाइनेंशियल ईयर 2019 के 41 की तुलना में घटकर 22 रह गई, वहीं, नए इंजनों की संख्या 102 से घटकर 51 रह गई. नतीजतन, रेवेन्यू ग्रोथ कुछ हद तक कम हो गई है.
इसकी भरपाई की बात करें तो, सर्विसेज पर ज़्यादा जोर से HAL अपना मार्जिन बढ़ाने में सफल रही है, जिसके परिणामस्वरूप प्रॉफ़िटेबिलिटी में सुधार हुआ है. ऑपरेटिंग मार्जिन बढ़ा और फ़ाइनेंशियल ईयर 2018 से अभी तक शुद्ध मार्जिन दोगुना हो गया है.
भविष्य की संभावनाएं
मैनेजमेंट ने भरोसा जाहिर किया है कि ग्रोथ का हालिया ट्रेंड भविष्य में भी जारी रहेगा. HAL ने कई नई परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें सिविल एयरक्राफ्ट सेगेंट में प्रवेश और ISRO रॉकेट इंजन के लिए एक मैन्युफ़ैक्चरिंग प्लांट की स्थापना शामिल है. इन लक्ष्यों को हासिल करने के उद्देश्य से, कंपनी ने कैपेसिटी बढ़ाने के लिए पूंजी ख़र्च की योजना बनाई है, जिसमें तुमकुरु में चल रही हेलीकॉप्टर परियोजना भी शामिल है.
हालांकि, ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि HAL एक पब्लिक सेक्टर का उपक्रम (PSU) है, इसीलिए निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. रेवेन्यू के लिए कंपनी की सरकार पर निर्भरता एक बड़ी चिंता बनी हुई है. भले ही, कैश कन्वर्जन साइकल में सुधार हुआ है, लेकिन 140 दिन अभी भी तुलनात्मक रूप से लंबी अवधि है. इसलिए, हम सुझाव देते हैं कि निवेशक HAL में निवेश पर विचार करते समय अच्छी तरह से विचार करें और इन फ़ैक्टर्स को ध्यान में रखें.
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