Anand Kumar
Tata Motors DVR: टाटा मोटर्स जल्द ही अपने DVR शेयरों के बदले सामान्य शेयर जारी करेगा. नए निवेशकों के लिए, DVR शेयर, ऐसे शेयर होते हैं जिनमें सामान्य शेयरों के मुक़ाबले कम वोटिंग राइट होते हैं. आसान शब्दों में कहें, तो DVR शेयरहोल्डर्स की कंपनी पॉलिसी से जुड़े फ़ैसलों में ज़्यादा दखलंदाज़ी नहीं होती.
टाटा मोटर्स के मामले में, DVR शेयरों में सामान्य शेयरों की तुलना में 10 फ़ीसदी ही वोटिंग राइट होते हैं. हालांकि, DVR शेयरहोल्डर्स को ज़्यादा (5 फ़ीसदी ज़्यादा) डिविडेंड मिलता है.
इस एक्सचेंज का स्वैप रेश्यो 7:10 है. इसका मतलब है कि हर 10 DVR शेयरों के लिए आपको टाटा मोटर्स के सात सामान्य शेयर मिलेंगे.
क्यों जारी किए थे DVR शेयर?
कंपनी ने जैगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) के अधिग्रहण के पैसे जुटाने के लिए, साल 2008 में DVR शेयर लॉन्च किए थे. हालांकि, पिछले दशक में, सेबी ने कई रेग्युलेटरी बदलाव किए, जो DVR शेयर लॉन्च करने पर बंदिशें लगाते हैं. इसके चलते DVR शेयर अपने सामान्य शेयरों की तुलना में कम क़ीमत पर ट्रेड होने लगे.
ये भी पढ़िए- Varun Beverages: 5 साल में 7 गुना होने की वजह?
स्वैप की वजह
मैनेजमेंट ने कहा है कि स्वैप से कंपनी को अपने कैपिटल स्ट्रक्चर की जटिलता को कम करने में मदद मिलेगी.
इसके अलावा, कैपिटल रिस्ट्रक्चरिंग से इक्विटी शेयरों में 4.2 फ़ीसदी की कमी आएगी. इससे प्रति शेयर अर्निंग्स (EPS) बढ़ेगी और सभी शेयर्सहोल्डर्स को मुनाफ़ा होगा.
ये भी पढ़िए- क्या एक रिटायर्ड व्यक्ति को स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहिए?
क्या आर्बिट्राज़ का कोई मौक़ा है?
असल में 25 जुलाई, 2023 को जब स्वैप की घोषणा की गई तब आर्बिट्राज़ का मौक़ा था.
- 25 जुलाई 2023 तक टाटा मोटर्स का क्लोज़िंग प्राइस: ₹639.45
- 25 जुलाई, 2023 तक टाटा मोटर्स DVR का क्लोज़िंग प्राइस: ₹373.1
इस तरह, अगर मान लें कि आपने ऐलान के दिन ₹3,731 (373.1 रुपये गुणा 10) में 10 DVR शेयर ख़रीदे. तो अब, स्वैप के बाद, आपको टाटा मोटर्स के सात सामान्य शेयर और मिलेंगे.
इस तरह, इन सात शेयरों के अधिग्रहण की कॉस्ट ₹3,731 होगी. हालांकि, अगर आपने घोषणा के दिन ओपन मार्केट से टाटा मोटर्स के सात सामान्य शेयर ख़रीदे होते, तो आपने लगभग 20 फ़ीसदी ज़्यादा, ₹4,476 (यानी, ₹639.45 को 7 से गुणा किया होता) निवेश किया होता.
इसलिए, आप अधिग्रहण की कॉस्ट (यानी, एक आर्बिट्राज़ मौक़ा) में इस अंतर का फ़ायदा उठा सकते थे.
हालांकि, जैसा कि हमेशा होता आया है, निवेशकों ने इस मौके़ को देखा और DVR शेयर ख़रीदने के लिए दौड़ पड़े. इससे DVR शेयर की क़ीमत में (26 जुलाई, 2023 को 12 फ़ीसदी से ज़्यादा) उछाल आया और मौक़ा भी खंत्म हो गया.
असल में, ज़्यादातर आर्बिट्राज़ मौक़ों पर यही होता है. हमने वेल्थ इनसाइट के अपने जुलाई के एडिशन में इसी तरह के और उदाहरण शामिल किए हैं.
ये भी पढ़िए- असली उतार-चढ़ाव, नक़ली रिस्क