Mutual Fund Statement: अगर आप म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश करते हैं तो म्यूचुअल फ़ंड स्टेटमेंट अक्सर आपकी नज़रों के सामने से गुजरता होगा. लेकिन क्या आप इसमें मौजूद फ़ैक्ट और डेटा जैसी चीज़ों के बारे में ठीक से जानते हैं. ये डिटेल या डेटा आपके लिए काफ़ी काम के हो सकते हैं. इन पर ध्यान नहीं देने से आप कभी-कभार मुश्किल में भी पड़ सकते हैं. हम इसी विषय पर यहां विस्तार से बात कर रहे हैं.
क्या है म्यूचुअल फ़ंड स्टेटमेंट
What is Mutual Fund Statement: वैसे तो म्यूचुअल फ़ंड स्टेटमेंट कुछ हद तक बैंक अकाउंट स्टेटमेंट की तरह होता है. इसमें आपके म्यूचुअल फ़ंड निवेश के सारे डिटेल या समरी होती है. हालांकि, हर फ़ंड हाउस के फ़ंड स्टेटमेंट का फ़ॉर्मेट और ले-आउट अलग-अलग हो सकता है लेकिन इसके बेसिक फ़ीचर्स एक जैसे होते हैं.
ये हैं म्यूचुअल फ़ंड स्टेटमेंट के 6 फ़ैक्ट:
1. फ़ोलियो नंबर का रिकॉर्ड
आपके लिए फ़ोलियो नंबर का रिकॉर्ड रखना जरूरी है. ये आपके निवेश का रेफरेंस नंबर है. हर बार जब आप नया निवेश करते हैं तो आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि फ़ोलियो नंबर समान ही हो. इससे आपके लिए किसी ख़ास फ़ंड हाउस के फ़ंड में किए गए निवेश को ट्रैक करना आसान होगा. अगर आप समान फ़ोलियो नंबर का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो हर नए निवेश के साथ आपके बहुत सारे फ़ोलियो नंबर हो जाएंगे. इससे आपके लिए अपने निवेश को ट्रैक करना मुश्किल हो जाएगा.
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2. बैंक का नाम और अकाउंट नंबर
आपको ये पक्का करना चाहिए कि आपके बैंक का नाम और अकाउंट नंबर सही हो. अगर ऐसा नहीं होता है तो आपको फ़ंड बेचते समय दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
3. KYC कंप्लायंस
आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि आपने, 'नो योर कस्टमर' यानी KYC नियमों का पालन किया है. इसके अलावा म्यूचुअल फ़ंड निवेशक के लिए FATCA डिक्लेयरेशन भी ज़रूरी है. FATCA एक अमेरिकी कानून है और भारत-अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत भारतीय म्यूचुअल फ़ंड निवेशक के लिए ये बताना ज़रूरी है कि वो अमेरिकी नागरिक है या नहीं.
4. एजेंट का कोड
अगर आपने किसी एजेंट के जरिए निवेश किया है तो उसका नेम कोड और EUIN नंबर आपको अकाउंट स्टेटमेंट में दिखेगा. आप इसे नोट कर सकते हैं.
5. ट्रांज़ैक्शन समरी
आपको ट्रांज़ैक्शन समरी देखनी चाहिए. इस सैक्शन में पता चलता है कि आपने किस तरह का ट्रांज़ैक्शन चुना है. जैसे- SIP, SWP आदि.
6. फ़ंड का लोड स्ट्रक्चर
Mutual Fund Load Structure: आपको अपने फ़ंड का लोड स्ट्रक्चर समझना चाहिए. जैसे अगर आप, एक तय समय से पहले अपना फ़ंड बेच देते हैं तो आपको पेनल्टी के तौर पर कुछ रक़म चुकानी होती है. इसे लोड कहते हैं. अब म्यूचुअल फ़ंड एग्ज़िट लोड (Mutual Fund Exit Load) देना होता है. यानी अगर आप तय समय पहले फ़ंड बेचते हैं तो आपको पेनल्टी देनी होगी.
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