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STOCKS: क्या पिछला परफ़ॉर्मेंस देख कर इन्वेस्ट करना चाहिए?

किसी स्टॉक ने अगर अच्छा रिटर्न दिया है तो आपको उस पर अपना पैसा लगाना चाहिए या कुछ और बातें भी जाननी ज़रूरी हैं

STOCKS:  क्या पिछला परफ़ॉर्मेंस देख कर इन्वेस्ट करना चाहिए?

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Stock Market: गुज़रे वक़्त से सीखना तो चाहिए, लेकिन उसमें जीते रहना सही नहीं.

हमें ग़लत मत समझें, हम लाइफ़ और इन्‍वेस्टिंग को एक ही जैसा नहीं कह रहे हैं. यहां, हमारा मतलब किसी स्टॉक के दाम से है. स्‍टॉक के पिछले परफ़ॉर्मेंस के बारे में सोचना समझना चाहिए, लेकिन उस स्‍टॉक में निवेश करने के लिए केवल यही वजह नहीं हो सकती.

अक्‍सर ऐसा होता है कि किसी वजह से, कुछ वक़्त के लिए शेयर की क़ीमत में उछाल आ जाता है और जब तस्वीर साफ़ होती है, तो कीमत वापस गिर जाती है.

ऐसे में, पिछले मज़बूत प्रदर्शन को आने वाले समय के भी शानदार रिटर्न का आधार नहीं मान लेना चाहिए.

आंकड़े क्या कहते हैं
अपनी बात साबित करने के लिए हमने एक आसान सा काम किया. 2014 से 2018 के बीच, हर एक साल के लिए हमने पिछले 5 साल में सबसे ज़्यादा सालाना रिटर्न देने वाले टॉप-10 स्‍टॉक में निवेश किया. मिसाल के तौर पर, साल 2015 के लिए हमने उन स्‍टॉक्‍स में निवेश किया जिन्‍होंने 2009 से 2014 के बीच सबसे ज़्यादा रिटर्न दिया था.

इसके बाद हमने, कैलकुलेट किया कि अगर हम अगले 5 साल तक इन स्‍टॉक्‍स में निवेश बनाए रखें, तो हमारा निवेश कितना सालाना रिटर्न देगा.

रिटर्न की हक़ीक़त

हमने इस एक्‍सरसाइज में 32 अलग-अलग स्‍टॉक्‍स में निवेश किया

अवधि अच्‍छे समय में रिटर्न (%) अगले 5 साल में रिटर्न (%)
2009-2014 145.4 15.2
2010-2015 117.7 -0.9
2011-2016 109.5 7
2012-2017 118.3 -2
2013-2018 104.1 8.3

इस कैलकुलेशन से हमने ये पाया:

  • निवेश के हर एक साल में, लगभग आधी कंपनियों ने नेगेटिव रिटर्न दिया. इसका नतीजा ये हुआ कि कुल रिटर्न ज़ीरो रहा.
  • जिन स्‍टॉक्‍स में निवेश किया गया उनकी लिस्‍ट तेज़ी से बदली. ऐसा इसलिए हुआ क्‍योंकि टॉप परफॉर्मर लगातार बदलते रहे. यानी प्रदर्शन नियमित नहीं था.

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काम की बात
ऊपर की गई एक्‍सरसाइज़ दिखाती है कि सिर्फ़ पिछले प्रदर्शन के आधार इन्‍वेस्टिंग कितना जोख़िम भरी हो सकती है. हालांकि निवेशकों को ये ध्‍यान रखना चाहिए कि हम पिछले प्रदर्शन की अहमियत को कम करके नहीं आंक रहे हैं. बीते समय में ऊंचे रिटर्न के मामले में आपको निवेश करने से पहले दूसरे तमाम फैक्‍टर्स पर भी ग़ौर करना चाहिए.

लेकिन इस बात की जांच करना कि किसी स्‍टॉक शानदार प्रदर्शन क्‍यों किया और क्‍या स्‍टॉक में तेज़ी लाने वाले फैक्‍टर लंबे समय तक टिकने वाले हैं या नहीं, ये कहीं ज़्यादा अहम बातें हैं. लंबे समय में लगातार ग्रोथ दर्ज करने वाली कंपनियां आपके लिए रक़म बनाएंगी, न कि वो कंपनियां, जो कुछ समय के लिए चमकती हैं और उतनी ही तेज़ी से अपनी चमक खो भी देती हैं.

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