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मुश्किल तो है, पर आसान भी है

म्यूचुअल फ़ंड निवेश में सफलता का आसान रास्ता

मुश्किल तो है, पर आसान भी है

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इस बार जून 2023 की 'म्यूचुअल फ़ंड इनसाइट' की हमारी कवर स्टोरी काफ़ी हिम्मत वाली कही जाएगी, क्योंकि ये न सिर्फ़ अपनी बात सशक्त रूप में सामने रख रही है, बल्कि पाठकों की कड़ी प्रतिक्रिया का जोख़िम भी उठा रही है. ये मानव स्वभाव का सरल सा तथ्य है कि ख़ुद को ग़लत ठहराया जाना उन्हें पसंद नहीं आता, और देखा जाए, तो ये कवर स्टोरी ठीक यही काम कर रही है.

पिछले 20 साल में, वैल्यू रिसर्च ने कई वेबसाइट और मैगज़ीनें प्रकाशित की हैं, मैंने देखा है कि जब भी किसी लेख में नकारात्मकता का बोध आया, उसे ज़्यादा पसंद नहीं किया गया. आप सोचेंगे कि किसी लेख में नकारात्मकता का बोध क्या होता है. जैसा कि मैंने कहा, इसकी सबसे ताज़ा मिसाल इस इशू की कवर स्टोरी है. एक नकारात्मक लेख या विश्लेषण वो है, जो बचत या निवेश के ख़तरों पर फ़ोकस करे और बताए कि क्या नहीं किया जाना चाहिए. इसके उलट, एक सकारात्मक लेख फ़ायदों की बात करता है, और बताता है कि फ़ायदे के लिए कुछ किए जाने के तरीक़े क्या हैं. सकारात्मक लेख मुनाफ़ा कमाने पर फ़ोकस करता है, वहीं नकारात्मक, पैसों का नुक़सान कम करने पर ज़ोर देता है. अंत में, दोनों ही मुनाफ़ा बढ़ाते हैं, और दोनों ही ज़रूरी भी हैं.

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ये कुछ-कुछ सेहतमंद बने रहने जैसा है. जैसा कि कई लोग अपनी ज़िंदगी के किसी मुक़ाम पर ख़ुद समझ जाते हैं कि हममें से ज़्यादातर लोगों के साथ ख़राबी ये नहीं कि हम ख़ुद को सेहतमंद रखने वाले काम नहीं करते. इसके बजाए, इंसान आमतौर पर सेहतमंद ही होता है, मगर आजकल, हममें से ज़्यादातर लोग कुछ ऐसा करते हैं जो हमारी सेहत ख़राब करता है. हम अच्छे खाने के साथ जंक फ़ूड खाते रहने से सेहतमंद नहीं हो सकते. अच्छी सेहत के लिए पहले जंक फ़ूड छोड़ना ही होगा. ठीक ऐसा ही निवेश के साथ भी है.

हालांकि, ग़लत तरीक़े से निवेश करने की अपनी किसी आदत पर ध्यान देना अक्सर लोगों के लिए मुश्किल होता है. और आमतौर पर निवेशक अपने नुक़सान को रोकने पर ध्यान देना पसंद नहीं करते. वो स्वभाव से ही आशावादी होते हैं. ऐसा लगता है जैसे निवेश करना लोगों को उम्मीदों से भर देता है, पर शायद ऐसा नहीं है. दरअसल ये स्वभाव से ही आशावादी होना होता है जो उन्हें निवेश की ओर ले जाता है, ख़ास तौर पर इक्विटी-निवेश के मामले में. इक्विटी फ़ंड्स में निवेश की शुरुआत के ये ज़रूरी है कि आप भविष्य के बेहतर होने पर विश्वास करें. बाक़ी हर चीज़ यहीं से शुरू होती है.

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अब आप समझ गए होंगे कि मैं इस बार की म्यूचुअल फ़ंड इनसाइट की कवर स्टोरी को लेकर इतना सतर्क क्यों हूं. अगर मेरा मुख्य उद्देश्य पाठकों की संख्या बढ़ाने और उन्हें संतुष्ट रखने का ही होता, तो वैल्यू रिसर्च हमेशा सकारात्मक और उत्साह बढ़ाने वाली बातें ही कहता. अफ़सोस, निवेश इससे कहीं ज़्यादा मुश्किल काम है. ग़लत फ़ैसले आपके निवेश को बड़ा नुक़सान पहुंचा सकते हैं, और इनका बुरा असर आपके अच्छे फ़ैसलों से कहीं ज़्यादा तेज़ी से हो सकता है. साफ़ है कि अगर आपका लक्ष्य मुनाफ़ा और सुरक्षित तरीक़े से मुनाफ़ा हासिल करना है, तो आप अपने पैसों से जो काम नहीं करते हैं वो उससे कहीं ज़्यादा अहम हो जाता है जो आप असल में करते हैं. अब सवाल है कि आप ग़लतियों से कैसे बच सकते हैं? इसका शुरुआती क़दम होगा कि आप नकारात्मक कहानियों के प्रति अपनी अनिच्छा पर जीत हासिल करें और हमारे साथ मिल कर देखें कि निवेश की ग़लतियां कहां होती हैं.

जैसा कि होता है, म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों में निवेश को लेकर कुछ पहले से मौजूद नुक़सान देने वाली ग़लत सोच, नज़रिए और निवेश करने के तौर-तरीक़े होते हैं. कुल मिलाकर यही बात म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों की ज़्यादातर मुश्किलों का कारण बन जाती है.

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पर हां, निवेश मुश्किल है ये कह कर मैं किसी को डराना और निवेश से दूर नहीं करना चाहता. ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जिनमें सफलता सही तरीक़े से काम करने पर निर्भर करती है और कुछ काम ऐसे हैं जहां ग़लतियों से बचने पर सफलता मिलती है. हम लोग असल में क़िस्मत वाले हैं कि निवेश दूसरी कैटेगरी में आता है. क्योंकि इसका मतलब है कि पैसा बनाना मुश्किल नहीं है. आपको सिर्फ़ इतना करना है कि ग़लतियां करने से बचना है, और बस इतना करके आप अच्छी-ख़ासी दौलत खड़ी कर सकते हैं! क्या ये बात आपको बहुत आसान लगती है, मगर मेरे पास आपके लिए अच्छी ख़बर है. ये इतना ही आसान है. सही रिसर्च हो, गाइडैंस हो, और अनुशासन वाला स्वभाव हो, तो आप म्यूचुअल फ़ंड निवेश की अपनी नाव को किसी भंवर में फंसाने के बजाए, अपने आर्थिक लक्ष्य के किनारे पर पहुंचा सकते हैं. संपन्नता के इस आसान से सफ़र का ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा उठाने के लिए आपको चाहिए धीरज, जागरूकता, जानकारी और दूसरों के अनुभवों से सीखने की क़ाबिलियत.

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