Investing Mistakes: इन्वेस्टिंग हारने वालों का खेल है.
नहीं, हाल में हुए नुकसान की वजह से हमारा रुख निगेटिव नहीं हुआ है. हम सिर्फ वो बात ही कह रहे हैं जो जाने-माने भारतीय इन्वेस्टर और वैल्यूक्वेस्ट कैपिटल (ValueQuest Capital) के मैनेजिंग पार्टनर संजय बक्शी ने 1996 में अपने लेख 'Why Most Investors are Mostly Wrong Most of The Time' (क्यों ज़्यादातर इन्वेस्टर्स अधिकांश समय ज़्यादातर गलत होते हैं?) में कहीं थीं.
इस लेख में बख्शी ने कहा था कि निवेश में जीतना शानदार निर्णय लेने के बजाय यथासंभव कम से कम गलतियां करना है, जो एक हारने वाले के खेल की परिभाषा है.
तो सामने आने वाला अगला प्रश्न ये है कि ये गलतियां क्या हैं और इनसे कैसे बचा जाए?
भले ही बख्शी कैसे इन्वेस्टिंग की गलतियों को न्यूनतम किया जाएगा, इससे जुड़े अपने ट्रेड सीक्रेट का खुलासा नहीं करते, लेकिन उन सामान्य गलतियों के बारे में बताते हैं जो इन्वेस्टर्स अक्सर करते हैं.
गलत एसेट में निवेश
बक्शी कहते हैं कि 'अधिकांश निवेशक स्टॉक खरीदने की बड़ी गलती तब करते हैं जब बॉन्ड अधिक उपयुक्त होते हैं और इसका उल्टा भी करते हैं.'
हकीकत यही है कि जब एसेट एलोकेशन की बात आती है तो एक बात सभी के लिए सही नहीं होती. विभिन्न एसेट क्लास (इक्विटी, डेट आदि) में आप कितना निवेश करते हैं, ये बात जोख़िम की भूख, निवेश के गोल्स और हर एसेट क्लास के तुलनात्मक आकर्षण पर निर्भर करती है. अपने एसेट एलोकेशन के लिए दूसरों की नकल करके आप मुसीबत में पड़ सकते हैं.
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मार्केट के बारे में अनुमान न लगाएं
न सिर्फ अनुज बक्शी, बल्कि लगभग हर मार्केट एक्सपर्ट ने इसके बारे में बात की है. कई इन्वेस्टर्स को लगता है कि मार्केट में पैसा बनाने का सिर्फ एक ही तरीका यह अनुमान लगाना है, कब ये ऊपर जाएगा और कब नीचे आएगा.
और यहां पर स्टॉकब्रोकर्स और पंटर्स की पूरी एक इंडस्ट्री है, जो प्रॉफिट कमाने और ये जानने का दावा करते हैं कि उन्हें मालूम है, क्या होने वाला है. हालांकि, सच्चाई, जैसा कि बक्शी ने स्पष्ट रूप से कहा है, 'यदि किसी के पास शेयर बाजार की गतिविधियों की सटीक भविष्यवाणी करने की क्षमता है, तो वह इतनी जल्दी एक बहुत, बहुत अमीर आदमी बन जाएगा कि उसे अपने पूर्वानुमानों को आम पब्लिक को बेचने की आवश्यकता नहीं होगी।' फिर भी कई लोग इस फैक्ट की अनदेखी करते रहते हैं और ब्रोकर्स, दोस्तों और कभी कभार अनजान लोगों के टिप्स पर ख़रीद और बिक्री करते रहते हैं.
साथ ही, अनुमान लगाने का मतलब है ज़्यादा ट्रांजेक्शन और ज़्यादा इन्वेस्टमेंट के फैसले, जिसका मतलब है कि गलतियां होने की ज़्यादा संभावनाएं. आपको इसी बात से बचना चाहिए.
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खबरों और प्रचार में फंसना
आर्टिकिल में बक्शी लिखते हैं कि "बड़ी संख्या में इन्वेस्टर्स उन फ़ैक्टर्स पर ध्यान देते हैं जो किसी स्टॉक के आकलन करने के लिहाज से पूरी तरह बेमतलब होते हैं."
यूनिकॉर्न्स और न्यू-एज कंपनियों के इस दौर में, जहां फंडामेंटल्स को तवज्जो देने का चलन खत्म हो गया है, कई इन्वेस्टर्स लगातार ऐसी ही गलतियां करते हैं.
हमेशा याद रखें कि सनक और प्रचार कम समय के लिए कारगर हो सकते हैं, लेकिन बाजार हमेशा ही बाधाओं को दूर करता है और लंबे समय में प्रदर्शन करने वालों को रिवार्ड देता है.
भावनाएं और जल्दबाजी
रिसर्च करने के बजाय, इन्वेस्टर्स अक्सर अपनी भावनाओं के आधार पर ख़रीद और बिक्री का फैसला करते हैं. कई लोग तो अक्सर इस बात को मानते ही नहीं हैं कि उन्होंने गलती कर दी है और घाटे से बचने की उम्मीद में स्टॉक्स को होल्ड रखते हैं. दूसरे पहलू पर गौर करें तो कई लोग प्रॉफ़िट बुक करने की उत्सुकता में अक्सर जल्दी बाहर निकल जाते हैं.
बख्शी लेख में भावनाओं के चलते निवेश के फैसले लेने की एक बड़ी गलती की ओर इशारा करते हैं और कहते हैं, 'कई निवेशक शेयर की कीमतें बढ़ने पर बेवजह जोश में आ जाते हैं और जब वे गिरते हैं तो उदास हो जाते हैं।'
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क्या है निष्कर्ष
जहां इन्वेस्टिंग की सामान्य गलतियों पर बक्शी की राय वास्तव में एक अच्छी सलाह है, वहीं वो इन्वेस्टिंग के एक ज़्यादा अहम पहलू पर भी जोर देते हैं. दरअसल, हर कोई गलती करता है और यह जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है. यहां तक कि वारेन बफ़े (Warren Buffett) जैसी बड़ी हस्ती को यूएस एयर (US Air) जैसे स्टॉक्स में निवेश से भारी नुकसान उठाना पड़ा था. हालांकि, जो बात उन्हें हमारे दौर का महान इन्वेस्टर बनाती है, वो इन गलतियों को कभी नहीं दोहराना है.