Charlie Munger: पिछले वीकेंड में हुई बर्कशायर हैथवे की सालाना शेयरहोल्डर्स मीटिंग में शामिल होने के लिए हजारों निवेशक जुटे. मीटिंग में निवेश की दुनिया के दिग्गज वारेन बफ़े (Warren Buffett) और चाली मंगर ने सवालों के जवाब देने और वास्तविक हालात अपने विचार रखने में काफ़ी समय बिताया.
शेयरहोल्डर्स मीटिंग की पूर्व संध्या पर 99 साल के चार्ली मंगर ने यूके बेस्ड फ़ाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत की. मसला था कि फ़ाइनेंशियल सिस्टम किस तरफ़ जा रहा है. और ये शायद इस बात की झलक थी कि दोनों दिग्गज निवेशक कल की मीट में क्या बोलने जा रहे हैं.
ऊंचे रिटर्न का दौर ख़त्म
वारेन बफ़े और चार्ली मंगर की रणनीति बेहद सरल है, शानदार कंपनियां उचित कीमत पर खरीदो. इस रणनीति से उनको शानदार रिवार्ड भी मिला है. 1965 से 2022 के बीच उनकी कंपनी ने 19.8 फ़ीसदी सालाना रिटर्न दिया. ये रिटर्न S&P इंडेक्स के रिटर्न की तुलना में दोगुना है. कुल मिलाकर ये 37.9 लाख फ़ीसदी रिटर्न के बराबर है. 1965 का एक डॉलर 2022 में 3.7 मिलियन डॉलर हो गया.
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लेकिन मंगर का मानना है कि ऊंचे रिटर्न का ये दौर और लंबे समय तक नहीं चलेगा.
उन्होंने कहा कि ख़ास समय और कुछ ख़ास मौकों की वज़ह से ये रिटर्न मिला. उनके मुताबिक, बर्कशायर को कम ब्याज दरों, कम इक्विटी वैल्यू और शानदार मौकों का फ़ायदा मिला. उन्होंने कहा कि एक स्टॉक इन्वेस्टर के लिए वो शानदार समय था.
हालांकि, उनके मुताबिक आने वाला समय ज्यादा कमज़ोर है.
वे मौजूदा समय में ऊंची ब्याज दरों के दौर का हवाला देते हुए कहते हैं, "बीते समय जैसा ऊंचा रिटर्न हासिल करना अब बहुत मुश्किल होगा."
मनी मैनेजर्स पर सवाल
मंगर ने इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स की काफ़ी खिंचाई भी की है. उन्होंने कहा कि इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स की भीड़ सही नहीं है. उन्होंने इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स की तुलना ऐसे ज्योतिषाचार्य से की जो अपने क्लाइंट के अकाउंट से पैसे खींच रहे हैं.
बैड लोन का संकट
हाल ही में सिलिकॉन वैली बैंक फ़ेल हुआ है. ऐसे में मंगर को अमेरिका में बैंकों के हालात पर बात करने के लिए ज़्यादा कोशिश नहीं करनी पड़ी. मंगर ने बैड लोन के संकट को लेकर चेताया. हालांकि, उनका मानना है कि ये संकट 2008 के संकट जितना बड़ा नहीं होगा.
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कमर्शियल रियल एस्टेट में कमर्शियल बैंकों की बड़ी हिस्सेदारी का हवाला देते हुए मंगर ने कहा कि कई रियल एस्टेट (कमर्शियल) कंपनियों की सेहत अच्छी नहीं है. इसे जुड़ी काफ़ी चिताएं हैं. मंगर ने जिस तरह के रिस्क की बात की है वो ख़ास तौर पर अमेरिका को लेकर हैं. लेकिन अगर अमेरिका में कोई बड़ा संकट आता है तो इसका असर अमेरिका से 13,000 किलोमीटर दूर भारत में भी हो सकता है.