SIP सही है

म्यूचुअल फ़ंड क्या है?

Mutual Fund में किसे निवेश करना चाहिए, इस निवेश के फ़ायदे क्या हैं? जानिए यहां

what is mutual fund: म्यूचुअल फ़ंड क्या है?

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what is mutual fund: अगर आप घर ख़रीदने, बच्चों की एजुकेशन जैसी फ्यूचर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं तो म्यूचुअल फ़ंड इसमें ख़ासा मददगार हो सकता है. व्यवस्थित तरीके से किसी फ़ंड में निवेश से आप एक बड़ा कॉर्पस तैयार कर सकते हैं, जिससे आपको कम से कम लोन लेना पड़ेगा. हालांकि, आपको अपने गोल्स के आधार पर फ़ंड्स का चुनाव करना होगा.

एक उदाहरण से समझिए फ़ायदा

अगर आपने चार साल पहले घर ख़रीदने के लिए प्लानिंग की होती और ICICI प्रूडेंशियल भारत 22 FoF- डायरेक्ट प्लान में ₹10,000 की SIP शुरू की होती तो चार साल में आपने लगभग ₹4,80,000 जमा किए होते. इस अवधि में आपके पास लगभग ₹11.59 लाख का कॉर्पस तैयार हो जाता. दरअसल इस फंड ने इस अवधि में सालाना 46.96 फ़ीसदी की दर से रिटर्न दिया है. इस स्थिति में आपको अब घर ख़रीदने के लिए कम कर्ज लेना पड़ता. ये डेटा 9 जुलाई 2024 तक का है.

म्यूचुअल फ़ंड में कौन कर सकता है निवेश

  • Who is eligible to invest in mutual fund: आम आदमी यानी इसमें कोई भी निवेश कर सकता है, क्योंकि ये आसान है. इसके लिए आपको निवेश का एक्सपर्ट होने की ज़रूरत नहीं है.
  • इसमें बहुत थोड़ी रक़म से आप निवेश शुरू कर सकते हैं. इसमें आपका पैसा सुरक्षित रहता है. सबसे ज़्यादा रेग्युलेटेड निवेश का तरीक़ा है. हर तरह की निवेश की ज़रूरत पूरी करता है.
  • कम निवेश से आप डायवर्सिफाइड पोर्टफ़ोलियो का फ़ायदा ले सकते हैं, यानी इसमें जोख़िम ख़ासा कम रहता है.
  • लंबे समय के लिए निवेश की स्थिति में आपका निवेश बाज़ार में अचानक आने वाली गिरावट से सुरक्षित रहता है.

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क्या है म्यूचुअल फ़ंड

What is mutual fund in simple words: ज़्यादातर मामलों में म्यूचुअल फ़ंड में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न इक्विटी पर निर्भर होता है. ऐसे में अक्सर इन्वेस्टर्स के मन में विचार आता है कि क्यों न सीधे स्टॉक्स में ही निवेश किया जाए. इस प्रकार स्टॉक्स में निवेश के 2 तरीक़े हो सकते हैं. एक सीधे स्टॉक्स ख़रीदे जाएं या म्यूचुअल फ़ंड के ज़रिये इक्विटी में निवेश किया जाए.

हालांकि, इन दोनों तरीकों में बुनियादी तौर पर बड़ा अंतर है. स्टॉक्स ख़रीदने के लिए एक इन्वेस्टर स्टॉक्स चुनने, स्टॉक्स की क्वांटिटी लेने, उन्हें बेचने, प्रॉफ़िट या घाटा बुक करने जैसे फैसले ख़ुद ही लेता है. हालांकि, म्यूचुअल फ़ंड के मामले में एक इन्वेस्टर अपना पैसा एक फ़ंड मैनेजर को देता है, जो उसकी तरफ से ये फैसले लेता है.

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क्यों म्यूचुअल फ़ंड है सही?

mutual fund sahi hai: एक म्यूचुअल फ़ंड के मामले में हर महीने ₹5,000 के छोटे से निवेश से आप स्टॉक्स का एक डाइवर्सिफ़ाइड पोर्टफ़ोलियो हासिल कर सकते हैं.

आम तौर पर हम ये मानते हैं कि इक्विटी में निवेश के लिए स्किल, अनुभव और धैर्य की जरूरत होती है. ये सभी ख़ूबियां अनुभव के साथ ही विकसित होती हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, हम मानते हैं कि ज़्यादातर रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए म्यूचुअल फ़ंड ही निवेश का सही जरिया है.

यूं तो म्यूचुअल फ़ंड्स की दर्जनों कैटेगरी हैं. यहां हम आपको कुछ ख़ास कैटेगरी के बारे में बता रहे हैं. जिन्हें समझने से आपको मोटे तौर पर इनके बीच का फ़र्क़ समझ आ जाएगा. तो, निवेश करने वालों की अलग-अलग तरह की ज़रूरतों के लिए मोटे तौर पर इस तरह के म्यूचुअल फ़ंड होते हैं:

1. इक्विटी या ग्रोथ फ़ंड्स: आमतौर पर इक्विटी फ़ंड्स कंपनियों के स्टॉक में निवेश करते हैं और इनका मक़सद कैपिटल में बढ़ोतरी करना होता है. लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट (5 या उससे ज़्यादा साल) के लिए ये सही होते हैं.

2. इनकम या बॉन्ड या रेग्युलर इनकम फ़ंड: ये फ़ंड सरकारी सिक्योरिटीज़, बॉन्ड्स, और बैंक सर्टिफ़िकेट जैसे रेग्युलर इनकम बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं. ये तुलनात्मक रूप से सुरक्षित होते हैं और रेग्युलर इनकम चाहने वालों के लिए सही होते हैं.

3. हाइब्रिड फ़ंड: हाइब्रिड फ़ंड में इक्विटी और इनकम दोनों में इन्वेस्ट किया जाता है, जो ग्रोथ के साथ-साथ इनकम भी दे सकते हैं.

इन म्यूचुअल फ़ंड्स के अलावा दूसरी कई तरह के फ़ंड्स होते हैं, जो निवेशकों की अलग-अलग ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं.

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5 तरह के म्यूचुअल फ़ंड

आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफ़ोलियो के मुताबिक़, फंड कई तरह के हो सकते हैं. SEBI ने इन्हें 5 कैटेगरी में बांटा है:

1. इक्विटी म्यूचूअल फ़ंड (Equity Mutual Fund)
इक्विटी फ़ंड में ज़्यादातर पैसा स्टॉक में निवेश होता है. इनमें, फ़ंड मैनेजर को कम से कम 65 प्रतिशत पैसा स्टॉक में ही निवेश करना होता है, जबकि बचे हुए पैसे को बॉन्ड या बैंकों में रखा जा सकता है. इसमें दूसरी कैटेगरी के मुक़ाबले मुनाफ़ा ज़्यादा होता है मगर रिस्क भी ज़्यादा होता है.

2. डेट फ़ंड (Debt Fund)
इनमें ज़्यादातर पैसा बॉन्ड और कॉर्पोरेट FD में लगा होता है. एक डेट फ़ंड में कम-से-कम 65 प्रतिशत पैसा बॉन्ड या बैंक डिपॉज़िट में निवेश करना ज़रूरी होता है. इनमें जहां रिस्क कम होता है वहीं प्योर इक्विटी फ़ंड जैसी कैटेगरी के मुक़ाबले मुनाफ़ा भी कम ही मिलता है. डेट फ़ंड आपका पैसा सरकारी और प्राइवेट कंपनियों को क़र्ज़ देकर रिटर्न कमाते हैं. इनका रिस्क क़र्ज़ के रिस्क के मुताबिक़ होता है.

3. बैलेंस्ड म्यूचुअल फ़ंड (Balanced Mutual Fund)
बैलेंस्ड म्यूचुअल फ़ंड स्टॉक और बॉन्ड दोनों में पैसा लगाते हैं. इन फ़ंड्स का मक़सद पूंजी की सुरक्षा के साथ-साथ बेहतर रिटर्न पाना है. इनमें पैसा स्टॉक और बॉन्ड में बैलेंस तरीक़े से लगाया जाता है.

4. टैक्स सेविंग म्यूचुअल फ़ंड (Equity Linked Saving Scheme यानी ELSS)
ELSS: ये टैक्स बचाने का बढ़िया तरीक़ा है. इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत इसमें किए जाने वाले निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है. इनमें लगने वाला पैसा 3 साल के लिए लॉक-इन में रहता है, यानी 3 साल से पहले आप इन फ़ंड्स से पैसा नहीं निकाल सकते. किसी भी टैक्स बचाने वाले निवेश के तरीक़े में ये लॉक-इन की सबसे छोटी अवधि है. इनमें निवेश होने वाला ज़्यादातर पैसा स्टॉक में लगता है, जिससे बढ़िया रिटर्न मिलने की संभावना रहती है, लेकिन ज़ाहिर है, इसमें रिस्क भी शामिल होता है. हालांकि 3 साल की अवधि में आमतौर पर ये अच्छा रिटर्न ही देते हैं. शुरुआती निवेश के लिए ये निवेशक में अनुशासन पैदा करने में भी मदद करते हैं.

5. इंडेक्स फंड | Index Fund
इनमें पैसा स्टॉक्स में इन्वेस्ट होता है, लेकिन इसकी ख़ासियत है कि इनका इन्वेस्टमेंट चुने हुए इंडेक्स के मुताबिक़ किया जाता है. मिसाल के तौर पर, जो फ़ंड Sensex और Nifty की टॉप 100 या टॉप 50 कंपनियों के इंडेक्स को फ़ॉलो करते हैं वो अपना निवेश उसी अनुपात में रखते हैं. भारत जैसी एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में ऐसे फ़ंड्स में निवेश फ़ायदेमंद विकल्प कहा जाएगा. इसके लिए कम अनुभव के बावजूद बाज़ार में निवेश का फ़ायदा पाया जा सकता है. ये सस्ते भी होते हैं और इन्हें म्यूचुअल फ़ंड एजेंट के ज़रिए ख़रीदा जा सकता है.

धनक की 3 सर्विस करेंगी मदद

अब अगर आपने म्यूचुअल फंड में निवेश का मन बना लिया है तो सबसे पहला सवाल मन में आता है कि फंड की किस कैटेगरी में और किस फंड में निवेश किया जाए. दरअसल, लगभग 1,500 फंड और 37 कैटेगरी में से अपने लिए बेस्ट फंड चुनना आसान नहीं होता है. यहीं पर धनक का फायदा उठाया जा सकता है. ये हैं 3 खास सर्विस...

1. पोर्टफोलियो प्‍लानर: ये कस्‍टमाइज पोर्टफोलियो है जिनका सुझाव आपकी प्रीमियम मेंबरशिप के तहत किया जाता है. जो अल्‍गोरिद्म हमने विकसित किया है वह आपके गोल, आपकी इनकम, आपकी बचत की क्षमता और दूसरे फैक्‍टर्स को ध्‍यान में रखता है.

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2. एनेलिस्‍ट की पसंद: इसके अलावा वैल्यू रिसर्च में हमने म्यूचुअल फ़ंड्स की अपनी कैटेगरी भी बनाई हैं. भारत में 1,400 से ज़्यादा म्यूचुअल फ़ंड हैं जिनमें आप निवेश कर सकते हैं? इतनी बड़ी लिस्ट से अपनी पसंद का फ़ंड चुनना काफ़ी मुश्किल काम है. हमारा 'एनेलिस्ट की पसंद' सेक्शन आपकी इसी मुश्किल को आसान करता है.

यही नहीं, फ़ंड्स की कई दर्जन ऑफ़िशियल कैटेगरी को आसान बनाने के लिए, हमने फ़ंड्स को आपके इन्वेस्टमेंट की ज़रूरत के मुताबिक़ 8 कैटेगरी में बांटा है. हमारी बनाई हर कैटेगरी आपके अलग-अलग फ़ाइनेंशियल गोल से मेल खाती हैं. इतना ही नहीं, आपके निवेश की हर ज़रूरत पूरी करने और सही म्यूचुअल फ़ंड का चुनाव करने के लिए हम आपको फ़ंड का एनालेसिस और गाइडेंस भी देते हैं.

इन्हें इस तरह से बांटा गया है कि ये हर तरह के निवेशक की ज़रूरत को पूरा कर सकें. हमने म्यूचुअल फ़ंड्स को इन आठ कैटेगरी में आपकी ज़रूरतों को ध्यान में रख कर कैटेगराइज़ किया है:

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3. पोर्टफोलियो अनालेसिस: ज्‍यादातर लोगों के लिए, यह एक बड़ा सवाल है कि क्‍या आपका मौजूदा निवेश आपके गोल में फिट हो रहा है ? यह एक मुश्किल सवाल है क्‍योंकि एक फंड को बेचकर दूसरे फंड में निवेश करने का कई तरह से असर पड़ता है. और टैक्‍स के लिहाज से असर पड़ना एक अहम बात है. प्रीमियम सिस्‍टम में आपको एक अनुमान मिलेगा और हमारी एक्‍सपर्ट की टीम की जानकारी के आधार पर फंड की एक लिस्‍ट पा सकते हैं. पोर्टफ़ोलियो अनालेसिस कैसे करता है जानने के लिए यहां क्लिक करें.

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बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड कैसे चुनें

Best Mutual Fund: अच्छे रिटर्न के लिहाज़ से म्यूचुअल फ़ंड बेहतर विकल्प हैं. हक़ीक़त में, हर कोई अपने लिए बेस्ट म्यूचुअल फ़ंड ही चुनना चाहता है. इस मामले में धनक (dhanak.com) आपकी मुश्किल आसान कर सकता है. इसमें निवेश के लिए सबसे अच्छे लगने वाले फ़ंड को फ़ाइव स्टार रेटिंग दी जाती है. इस तरह से हम 1 स्टार से 5 स्टार तक की रेटिंग देते हैं. और, जिन फ़ंड्स को निवेश के लायक़ नहीं मानते है, उन्हें कोई रेटिंग नहीं दी जाती. हमारे इस फ़ीचर को इस्तेमाल करिए और निवेश के ज़रिए खुद को आर्थिक तौर पर सफ़ल बनाएं.


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