Tax Planning: वित्त-वर्ष-23 का पहला महीना ख़त्म होने पर है. आमतौर पर, ये अप्रैल का महीना टैक्स को लेकर थोड़ा सुकून और राहत वाला महीना समझा जाता है. और राहत हो भी क्यों न, आखिर एक महीने पहले ही तो आप टैक्स के दबाव से उबरे होते हैं. इसके अलावा ज़्यादातर कंपनियां, अप्रैल में अपने कर्मचारियों के काम का रिव्यू या अप्रेज़ल (appraisal) करती हैं, तो माहौल में थोड़ी उम्मीद भी तैर रही होती है.
देखिए, हम इस सुकून और राहत और उम्मीद में खलल नहीं डालना चाहते, मगर यही वक़्त है जब हमें टैक्स को लेकर आपसे कुछ कहना है. और अगर इससे आपके सुकून में खलल पड़ता है, तो नाराज़ होने से पहले ये समझ लीजिए कि हमारा असली मक़सद साल के ख़त्म होने की बड़ी चिंता को आपकी ज़िंदगी में आने ही नहीं देने का है. और ये एक नेक इरादा है, जो आपके लिए ज़्यादा बड़ा और ज़्यादा टिकाऊ सुकून और राहत लेकर आएगा.
दरअसल वित्त-वर्ष की शुरुआत ही वो सही समय है जब आप इस बात की ख़ुद को गारंटी दे सकते हैं कि कम-से-कम इस साल के आखिरी दिनों में टैक्स के तौर पर मोटी रकम नहीं कटवानी पड़ेगी. अब आपको करना बस इतना ही है कि आप इसी महीने टैक्स बचाने के लिए बचत और निवेश शुरू करें. यानी टैक्स प्लानिंग पर इसी महीने अमल शुरू कर दें.
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पहले अपना सही टैक्स पता करें
टैक्स प्लानिंग का पहला क़दम है कि सबसे पहले आप अपनी टैक्स की देनदारी पता करें. यानी, आपकी कुल आमदनी पर कितना इनकम टैक्स बन रहा है. धनक का टैक्स कैलकुलेटर इसमें आपकी मदद करेगा. धनक टैक्स कैलकुलेटर के लिए यहां क्लिक करें.
अपनी टैक्स रिज़ीम चुनें
अपनी टैक्स देनदारी जानने के बाद, आपका अगला क़दम ये जानने का है कि आपके लिए कौन सा टैक्स सिस्टम बेहतर होगा, नया या पुराना टैक्स सिस्टम. अगर आप बचत और निवेश के ज़रिए टैक्स छूट का फ़ायदा उठाना चाहते हैं, तो आपके लिए पुराना सिस्टम (old regime) बेहतर रहेगा. वहीं अगर आपकी आमदनी के हिसाब से कमाओ और टैक्स चुकाओ वाला नया सिस्टम (new regime) बेहतर होता है, तो आप उसे ही चुनें. नए टैक्स सिस्टम में आपको 80C के तहत ₹1.5 लाख तक, निवेश पर टैक्स छूट का फ़ायदा नहीं मिलेगा. ऐसे में, अगर आप बचत और निवेश के ज़रिए टैक्स देनदारी कम करते रहे हैं, तो आपके लिए पुराना सिस्टम ही बेहतर रहेगा.
आपके लिए पुरानी या नई टैक्स रिज़ीम बेहतर है जानने के लिए हमारी ये स्टोरी नया या पुराना? बजट 2023-24 के बाद टैक्स का कौन सा तरीका बेहतर पढ़ें जिसमें अलग-अलग आमदनी के ब्रैकेट के आधार पर टैक्स कैलकुलेट किया गया है. वैसे हमारा टैक्स कैलकुलेटर भी आपको ये बातें बताएगा.
अगर आपने पुरानी टैक्स रिज़ीम चुनी है, तो आसानी से और सुकून से पूरे साल भर टैक्स बचाने के लिए आपको आगे बताए हुए काम करने चाहिए.
बूंद-बूंद से सागर भरे
अब आपको टैक्स बचाने के लिए कितनी रक़म निवेश करनी होगी, इसका मोटा-मोटा अंदाजा हो गया होगा. ऐसे में आप निवेश की रक़म को साल के 12 महीनों में बराबर-बराबर बांट लें. और अपना निवेश अभी से शुरू कर दें. इससे आपको साल के अंत में अफ़रातफ़री में टैक्स बचाने के लिए बड़ी रक़म नहीं निवेश करनी होगी. जो कि आमतौर पर बहुत से लोगों के साथ होता है. पूरे साल टैक्स को बांट देने से आप हर महीने के बजट पर दबाव भी कम कर पाएंगे और अभी की गई टैक्स प्लानिंग आपको साल भर सुकून देगी.
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टैक्स बचत के सही निवेश चुनें
अगर आप अभी से टैक्स प्लानिंग पर अमल करते हैं, तो आप निवेश के लिए ऐसे विकल्प चुन पाएंगे जो न सिर्फ़ टैक्स बचाने में मदद करते हैं बल्कि रिटर्न के लिहाज़ से भी आकर्षक हैं. वहीं अगर आप टैक्स प्लानिंग को टालते हुए वित्त-वर्ष के आखिरी महीनों में ले जाते हैं, तो इस बात की आशंका बढ़ जाती है कि आप सिर्फ़ टैक्स बचाने के मक़सद से निवेश करेंगे, और हो सकता है इस ज़रूरत के लिए आप ऐसी स्कीम या निवेश के प्रॉडक्ट चुन लें जो आपके लिए अच्छे न हों.
हमारा मानना है कि टैक्स बचाने के तमाम विकल्पों में म्यूचुअल फ़ंड के टैक्स सेवर फ़ंड्स अच्छे होते हैं. मगर इस विषय पर और विस्तार से पढ़ने के लिए आप इस आर्टिकल को ज़रूर पढ़ें.
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