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क्या रियल एस्टेट इन्वेस्टर्स के लिए लौट रहा है सुनहरा दौर?

घोटालों से परेशान रियल एस्टेट सेक्टर की कमाई का दौर लौट सकता है

क्या रियल एस्टेट इन्वेस्टर्स के लिए लौट रहा है सुनहरा दौर?

भारतीय निवेशकों की रियल एस्टेट के साथ कुछ मीठी यादें रही हैं. जहां भारतीयों ने हमेशा ही एक एसेट क्लास के तौर पर रियल एस्टेट को ख़ास अहमियत दी, वहीं ये सेक्टर घोटालों और धोखेबाज़ों के कारण बदनाम भी रहा.

ये कहना इस सेक्टर को सिर्फ़ कुछ रेग्युलेटरी बदलावों की जरूरत थी, इसकी मुश्किलों को कमतर आंकने जैसा होगा. हालांकि इस सेक्टर में बदलाव आए हैं. डिमोनिटाइज़ेशन, टैक्स क़ानूनों में बदलाव, रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (RERA) जैसे बदलावों ने इस सेक्टर को कई ज़रूरी और बड़े झटके दिए.

महामारी के बाद जिस तरह से इस इंडस्ट्री के लिए हालात पूरी तरह बदले, उससे मंदी की ख़तरा सबसे ज़्यादा था. इसीलिए, तब किसी को अचरज नहीं हुआ, जब BSE Realty इंडेक्स ने बीते पांच साल के दौरान सालाना महज़ 7.8 फ़ीसदी और बीते 10 साल में 6.7 फ़ीसदी रिटर्न दिया. इसके उलट BSE Sensex का रिटर्न बीते 5 और 10 साल के दौरान, क्रमशः 12.1 और 12.5 फ़ीसदी रहा.

बेहतर भविष्य का निर्माण
एक निराश करने वाले अतीत के बावजूद, हाल के आंकड़े रियल एस्टेट सेक्टर के सुनहरे दिनों की ओर इशारा करते हैं.

फ़ाइनेंशियल ईयर 2022 में बुकिंग में भारी बढ़ोतरी को आगे के अच्छे दौर के रूप में देखा जा सकता है. शुरुआती लोगों के लिए, बुकिंग (रियल एस्टेट की दुनिया में) से इंडस्ट्री द्वारा हमारे जैसे लोगों को बेची गई ज़मीन या प्रॉपर्टी की वैल्यू का पता चलता है.

यहां पर फ़ाइनेंशियल ईयर 2023 और फ़ाइनेंशियल ईयर 2022 के 9 महीनों में 5 सबसे बड़े लिस्टिड रियल एस्टेट डेवलपर्स (एम-कैप के मुताबिक़) के बुकिंग के आंकड़े यहां दिए गए हैं.

आप देख सकते हैं कि इन सभी की बुकिंग में असाधारण बढ़ोतरी हुई है. गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties) और मैक्रोटेक (Macrotech) ने फ़ाइनेंशियल ईयर 23 के शुरुआती 9 महीनों में रिकॉर्ड बुकिंग दर्ज की.

भले ही ओबेरॉय रियैल्टी (Oberoi Realty) के वित्त-वर्ष23 के शुरुआती 9 महीनों के आंकड़े उतने प्रभावशाली नहीं रहे, लेकिन इसकी बड़ी वजह 1 साल पहले इसी समय के दौरान के शानदार प्रदर्शन के चलते हाई-बेस रहा था.

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सेक्टर में बूस्ट

  • बढ़ी हुई आमदनी और कम दरें: एवरेज हाउसहोल्ड इनकम में बढ़ोतरी के साथ-साथ कम ब्याज दरों और होम लोन तक आसान पहुंच से भारतीयों के लिए एक घर ख़रीदना ख़ासा आसान हो गया.
  • टैक्स बेनिफ़िटः सब्सिडी और होम-लोन पर ₹2 लाख तक टैक्स छूट, जैसे फ़ायदे से निवेश के तौर पर रियल एस्टेट की लोकप्रियता बढ़ी.
  • ऑर्गनाइज़ इकोनॉमी का बूस्ट: GST लागू होने, RERA और संगठित क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में किए गए बड़े बदलावों के बाद, महामारी से संगठित क्षेत्र की कंपनियों को बढ़ावा मिला और छोटी-छोटी कंपनियां मार्केट से बाहर हो गईं. एक रियल एस्टेट कंसल्टेंट Anarock के मुताबिक, बड़ी संख्या में रियल एस्टेट कंपनियों का बिज़नस 60 फ़ीसदी तक कम हो गया, जबकि ब्रांडेड (ऑर्गनाइज़्ड) डेवलपर्स की सप्लाई में 50 फ़ीसदी से ज़्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई. ऑर्गनाइज़्ड कंपनियों ने टियर-2 शहरों तक अपना विस्तार किया, जिससे डिमांड को बूस्ट मिला. इससे सेक्टर में इन्वेस्टर सेंटिमेंट में सुधार दर्ज किया गया.

कैसा होगा भविष्य
HDFC के हाल के वित्त-वर्ष23 की तीसरी तिमाही के आकलन से पता चलता है कि हाउसिंग फ़ाइनेंस सेक्टर में भारतीयों के लिए घरों की फ़ाइनेंसिंग कभी इतनी किफ़ायती नहीं रही. कम-से-कम बीते 25 साल में तो ऐसा नहीं रहा.

HDFC के प्रकाशित डेटा के मुताबिक़, उसके क्लाइंट के अफ़ोर्डेबिलिटी रेशियो (affordability ratio) में धीरे-धीरे गिरावट आई है.

अफ़ोर्डेबिलिटी रेशियो एक प्रॉपर्टी की क़ीमत और ख़रीदार की सालाना इनकम के बीच का रेशियो है. इसलिए, रेशियो जितना कम होगा, खरीदार के लिए प्रॉपर्टी उतनी ही ज़्यादा अफ़ोर्डेबल होगी.

दशक के दौरान HDFC के क्लाइंट्स के लिए इस रेशियो में धीरे-धीरे गिरावट आई है. कुल मिलाकर, भारतीय ज़्यादा कमा रहे हैं और इसलिए उनके लिए घर ख़रीदना ज़्यादा आसान हो गया है. अगर प्रॉपर्टी की क़ीमतों की तुलना में सालाना इनकम ज़्यादा तेज़ी से बढ़ती रहती है, तो रियल एस्टेट की डिमांड में फ़िलहाल कमी नहीं आएगी.

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सेक्टर की दिशा
आंकड़े कहते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर सालों तक ढांचागत खामियों और निवेशकों के अविश्वास से जूझने के बाद, आखिरकार सही दिशा में आगे बढ़ता नज़र आ रहा है.

हालांकि, हम ये नहीं कह रहे कि निवेशक आंखें मूंदकर अपना पैसा रियल एस्टेट सेक्टर में लगाएं. क्योंकि भले ही इस सेक्टर अच्छा प्रदर्शन है, पर सिर्फ़ इसी वजह से इसमें पैसा नहीं लगाना चाहिए.

हमेशा की तरह, आप जिस कंपनी में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं उसकी संभावनाओं के बारे में ठीक से सोच-विचार और रिसर्च करना चाहिए.


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