ELSS फ़ंड का लॉक-इन पीरियड पूरा नहीं हुआ है लेकिन निवेशक की मौत हो गई है। ऐसे में क्या नॉमिनी फ़ंड रिडीम कर सकता है? - बुदरिया अशर
हां, निवेशक की मौत हो जाने पर नॉमिनी या वैध उत्तराधिकारी यूनिट एलॉटमेंट की डेट से एक साल के बाद ELSS फ़ंड यूनिट रिडीम करा सकता है. इसका मतलब है कि नॉमिनी/वैध उत्तराधिकारी को तीन साल का लॉक इन पीरियड पूरा होने तक इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं है.
ELSS फ़ंड में लॉक इन पीरियड 3 साल
ज्यादातर म्यूचुअल फ़ंड में लॉक इन पीरियड नहीं होता है, लेकिन इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम या ELSS फ़ंड में 3 साल का लॉक इन पीरियड है. तीन साल पूरे होने पर ही यूनिट को रिडीम किया जा सकता है.
हालांकि, अगर यूनिट होल्डर की मौत हो जाती है तो नॉमिनी या वैध उत्तराधिकारी एक प्रक्रिया के ज़रिए यूनिट क्लेम कर सकते हैं. इस प्रक्रिया को ट्रांसमिशन कहते हैं। एक बार यूनिट ट्रांसफ़र होने के बाद नॉमिनी या वैध उत्तराधिकारी इन यूनिट्स का ओनर बन जाता है और यूनिट रिडीम, ट्रांसफ़र या गिरवी रख सकता है.
ऐसे आसानी से समझें
मान लीजिए किसी निवेशक ने 2021 में ELSS फ़ंड में यूनिट खरीदे और 2022 में उसकी मौत हो गई. ऐसी सूरत में नॉमिनी यूनिट क्लेम करके अपने नाम ट्रांसफ़र करा सकता है. ये यूनिट तीन साल के लॉक इन पीरियड में हैं, ऐसे में ये समय पूरा होने से पहले इनको रिडीम नहीं कराया जा सकता.
ये भी पढ़ें- बुरी ख़बरों को छोड़ना बेहतर
हालांकि, इस मामले में यूनिट खरीदने वाले निवेशक की मौत हो चुकी है, ऐसे में लॉक इन पीरियड घटकर एक साल हो जाता है. ये याद रखना जरूरी है कि ऐसे मामले में ओरिजनल परचेज डेट पर विचार किया जाता है न कि ट्रांसमिशन डेट पर. इसलिए नॉमिनी अब यूनिट रिडीम करा सकता है क्योंकि यूनिट साल 2021 में खरीदी गई थी.