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खूबसूरत फ़रेब न बन जाए बंपर मुनाफ़ा?

हर इन्वेस्टर ज़बरदस्त मुनाफ़ा चाहता है,पर आप छप्पर फाड़ फ़ायदे की तरफ़ भागें या नहीं,यहां जानिए

खूबसूरत फ़रेब न बन जाए बंपर मुनाफ़ा?


बड़ा मुनाफ़ा कमाना हर किसी की चाहत होती है.और ऐसा चाहने में कुछ गलत भी नहीं है.इक्विटी ऐसी एसेट क्‍लास रही है जिसने लंबे समय में लोगों को शानदार रिटर्न से नवाजा है.लंबे समय में बड़ी रकम बनाने के लिहाज से इक्विटी का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है.

लेकिन इक्विटी का शानदार रिटर्न एक खूबसूरत फरेब भी साबित हो सकता है.खास कर उन लोगों के लिए जो कम अवधि में इक्विटी के तेज उतार-चढ़ाव के रिस्‍क को नहीं समझते.वे उन सरल बातों पर पर भी गौर नहीं करते जो इक्विटी इन्‍वेस्टिंग में अहम हैं.ऐसे लोग सिर्फ रिटर्न के लालच में आकर इक्विटी में निवेश करते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई गवां देते हैं.

एक एसेट क्‍लास के तौर पर इक्विटी में वैसे तो कोई भी निवेश कर सकता है.लेकिन इक्विटी से शानदार रिटर्न वही हासिल कर पाएगा जो इक्विटी में निवेश की तय शर्तो को पूरा करेगा.आइये देखते हैं कि ये शर्ते क्‍या

अच्‍छा होगा आने वाला कल
इक्विटी इन्‍वेस्टिंग की एक बुनियादी शर्त है.वो है इस बात का भरोसा होना कि आने वाला समय अच्‍छा होगा.चाहे बात कंपनी की हो या अर्थव्‍यवस्‍था की.अगर आप वाले समय को लेकर आशावादी हैं तो आप एक सफल इक्विटी इन्‍वेस्‍टर बन सकते हैं.वहीं अगर आप को आने वाले समय को लेकर किसी तरह का संशय है तो ये निवेश के तौर पर सफलता की राह में ये मुश्किलें आ सकती हैं.

लंबे समय का गेम
इक्विटी एक दो साल का गेम नहीं है.ये लंबे समय का दांव है.अगर आप कम से कम पांच साल या इससे अधिक समय के लिए पैसा लगा सकते हैं तो इक्विटी आपके लिए है.और अगर अगर आपको पहले से पता है कि आप इतने लंबे समय के लिए पैसा नहीं लगा सकते हैं तो इक्विटी से दूर रहें.वरना रिटर्न को लेकर आप निराश होंगे और हो सकता है कि आपको पूंजी का नुक़सान भी उठाना पड़े।

रिस्‍क उठाने की कूवत
इक्विटी लंबे समय में शानदार रिटर्न देती है तो यहां रिस्‍क भी उतना ज्‍यादा होता है.ये बात सही है कि लंबे समय में निवेश का रिस्‍क काफी हद तक कम हो जाता है.लेकिन एक निवेशक के तौर पर इक्विटी में निवेश के रिस्‍क को नजर अंदाज नहीं कर सकते.अगर आप पूंजी का नुक़सान सहन नहीं कर सकते या उम्र के ऐसे दौर में जहां और कमाने का गुंजाइश कम है तो आप पूरा पैसा प्‍योर इक्विटी में निवेश से बचें.इसके बजाए आप अपनी निवेश को डेट और इक्विटी में सही अनुपात में लगाएं.

ज़रूरत क्‍या है

निवेश करें या न करें.ये आपकी ज़रूरत या गोल से भी तय होता है.अगर आप रिटायरमेंट या बच्‍चे की हायर एजुकेशन के लिए निवेश करने जा रहे हैं, जिसके लिए आपको पैसे की जरूरत 10 साल या इससे भी अधिक समय बाद होगी तो आपके लिए इक्विटी सही है.लेकिन अगर आपका गोल नियमित आमदनी हासिल करना है तो आपके लिए इक्विटी ठीक एसेट क्‍लास नहीं है.

एकमुश्‍त निवेश को न कहें

किसी भी निवेशक को इक्विटी में एकमुश्‍त निवेश यानी एक बार में बड़ी रक़म निवेश नहीं करनी चाहिए.अगर आप ऐसा करते हैं तो हो सकता है कि आप ऐसे समय निवेश करें जब मार्केट अपने पीक पर हो और आपके निवेश के कुछ समय बाद ही मार्केट गिर जाए.इससे आपके निवेश की वैल्‍यू अचानक काफ़ी कम हो सकती है.और इसे सहन करना सबके बस की बात नहीं होती है.वैसे तो मासिक SIP के जरिए निवेश सबसे बेहतर विकल्‍प है लेकिन अगर आपके पास निवेश के लिए बड़ी रक़म है तो आप इसे 6 माह से लेकर 3 साल तक की अवधि में फैला कर निवेश करें.इससे आपके निवेश की लागत औसत हो जाएगी.और मार्केट के पीक पर निवेश का रिस्‍क भी नहीं रहेगा.


धनक करेगा आपकी मदद

यहां पर धनक आपकी मदद कर सकता है.अगर आप इक्विटी में निवेश के जरिए एक तय समय में एक तय रकम जुटाना चाहते हैं तो गोल हासिल करने में धनक कैलकुलेटर आपकी मदद कर सकता है.धनक कैलकुलेटर का लिंक https://www.dhanak.com/goal-calculator/.


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