इनमें से कौन सा विकल्प बेहतर है- NPS या EPF? मेरे ऑफिस ने हमें मौज़ूदा EPF स्कीम से NPS में स्विच करने का विकल्प दिया है. मैं अगले साल रिटायर होने वाला हूं और मेरे पास लगभग ₹50 लाख PF जमा है. कृपया सुझाव दें कि इस पड़ाव पर NPS में स्विच करना मेरे लिए फ़ायदेमंद होगा या नहीं. - राजेश कुमार भसीन
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और इम्प्लॉइज प्रॉविडेंट फ़ंड (EPF) दोनों ही भारत में रिटायरमेंट प्लानिंग के लोकप्रिय विकल्प हैं. हालांकि, दोनों की फ़ीचर्स और उद्देश्य अलग-अलग हैं.
EPF स्कीम के तहत आपके वेतन से अनिवार्य रूप से इम्प्लॉइज प्रॉविडेंट फ़ंड काटा जाता है, जिसका मुख्य लक्ष्य आपके लिए एक रिटायरमेंट कॉर्पस या फ़ंड बनाना होता है. इस स्कीम के तहत रिटायरमेंट पर मिलने वाला पैसा टैक्स-फ़्री होता है. दूसरी ओर, NPS में आप अपनी मर्जी से रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स कर सकते हैं.
चूंकि आप अगले साल रिटायर होने वाले हैं और पहले से ही EPF के माध्यम से पैसा जमा कर चुके हैं, इसलिए अब NPS में स्विच करने से कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा. बेहतर होगा कि आप इंतजार करके पहले अपना EPF का पैसा ले लीजिए और फिर उसके बाद अपने अगले लक्ष्य और ज़रूरतों के आधार पर निवेश करें. अगर आप अपनी रिटायरमेंट लाइफ़ के दौरान रेगुलर इनकम पाना चाहते हैं, तो इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए निवेश का विकल्प चुनें.
अगर आप रेगुलर इनकम नहीं चाहते हैं और रिटायरमेंट के बाद भी NPS में निवेश करना चाहते हैं, तो आप नौकरी न करते हुए भी ऐसा कर सकते हैं. आप 70 वर्ष की उम्र तक अपनी इच्छा से NPS अकाउंट खोल सकते हैं और अपना पैसा निवेश कर सकते हैं. हालांकि, आपका पैसा 60 वर्ष की उम्र तक पहुंचने तक लॉक रहेगा; और यदि आप इस आयु तक अपने निवेश को विड्रॉ या रिडीम नहीं करते हैं तो ये आपके लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता है.
ये भी पढ़िए- NPS आपका ज़्यादा टैक्स बचा सकता है