ULIP का फाइनल पेआउट पॉलिसीहोल्डर को दिया जाता है या फिर पॉलिसी में इंश्योर्ड व्यक्ति को दिया जाता है?- सब्सक्राइबर
वो पॉलिसीहोल्डर ही है जिसे मेच्योरिटी बेनेफ़िट मिलता है. आइए, इसे विस्तार से समझते है.
बीमा में, तीन पक्ष शामिल हो सकते हैं:
- पहला, पॉलिसी होल्डर यानी वो जो पॉलिसी ख़रीदता है और प्रीमियम भरता है.
- दूसरा, इंश्योर्ड व्यक्ति (जिसे पॉलिसी में कवर किया गया है), और…
- तीसरा, नॉमिनी (जिसे इंश्योर्ड व्यक्ति की मृत्यु के बाद पूरी रक़म मिल जाती है).
मगर ULIP में ये सभी पक्ष अलग-अलग हो सकते हैं.
आइए, इन दोनों स्थितियों को थोड़ा ध्यान से समझते हैं:
- केस 1 - पॉलिसीहोल्डर प्रीमियम भी भरता है: मान लीजिए कि एक शख्स जो ULIP पॉलिसी (पॉलिसीहोल्डर) ख़रीदता है और प्रीमियम भी भरता है. उसकी पत्नी इंश्योर्ड है और उसका बेटा नॉमिनी है.
अब अगर, पॉलिसी बिना किसी दुखद घटना के जारी रहती है और मेच्योर हो जाती है तो इस स्थिति में मेच्योरिटी बेनेफ़िट (इंश्योर्ड रक़म/ और निवेश की गई रकम) का भुगतान उस शख्स को किया जाता है, जो पॉलिसीहोल्डर है. - केस 2 - अगर पॉलिसीहोल्डर प्रीमियम नहीं भरता है: ऊपर दिए गए उदाहरण को लेते हैं, लेकिन उसमें वो शख्स यानी “पति” प्रीमियम नहीं भरता है, मगर अभी भी वो पॉलिसीहोल्डर है तो इस स्थिति में, पॉलिसी मेच्योर होने पर मेच्योरिटी बेनेफ़िट का भुगतान पति को ही किया जाएगा.
हालांकि, ULIP के मेच्योरिटी बेनेफ़िट लेने के वास्ते पात्र होने के लिए पॉलिसी होल्डर को ये सुनिश्चित करना पड़ता है कि पॉलिसी के सभी दस्तावेज़ सही हैं और इसका प्रीमियम भी समय पर भरा गया है.
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