ये कहना कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने भारतीय मार्केट में तबाही मचा दी है, इसके असर को कम करके आंकना है। जब से एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति और अमेरिका की इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म के बीच जंग शुरू हुई है तब से निवेशक अडानी ग्रुप में अपने निवेश को लेकर परेशान हैं और इसी वजह से अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यूएशन गिर कर लगभग आधी हो चुकी है।
हालांकि अभी विवाद को परे रखते हैं। निवेशक तो ये जानना चाहते हैं कि क्या उनको डरना चाहिए। जिन लोगों ने सीधे अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में सीधे निवेश किया है उन्होंने अपने जोखिम पर ऐसा किया होगा। लेकिन उनका क्या जिन्होंने म्यूचुअल फ़ंड (Mutual Fund) रूट के जरिए निवेश किया है?
म्यूचुअल फ़ंड द्वारा सबसे ज्यादा खरीदे गए अडानी ग्रुप स्टॉक्स
कुल 154 फ़ंड ने अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में निवेश किया है, जिसमें से 107 पैसिवली मैनेज्ड हैं और बाकी एक्टिवली मैनेज्ड हैं।
हालांकि, एक्टिवली मैनेज्ड फ़ंड ने सिर्फ अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी टोटल गैस,अडानी पोर्ट्स और सात लिस्टेड अडानी ग्रुप कंपनियों के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में निवेश किया है।
क्वांट म्यूचुअल फंड, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड, टाटा म्यूचुअल फंड और यूटीआई म्यूचुअल फंड का अडानी स्टॉक्स में सबसे ज्यादा एक्सपोजर है।