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हर्ष इंजीनियर्स IPO: इन्‍फॉर्मेशन एनालिसिस

प्रेसिजन बेयरिंग केग बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी IPO लेकर आई है। कंपनी के बिजनेस के बारे में और जानकारी के लिए ये स्‍टोरी पढ़ें

हर्ष इंजीनियर्स IPO: इन्‍फॉर्मेशन एनालिसिस

क्‍या करती है हर्ष इंजीनियर्स

हर्ष इंजीनियर्स संगठित क्षेत्र में बेयरिंग केग बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। ये दुनिया की सबसे बड़ी बेयरिंग केग बनाने वाली कंपनियों में भी शुमार है।

बेयरिंग तमाम इंडस्‍ट्रीज जैसे ऑटोमोबाइल्‍स, एविएशन, रेलवे, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स आदि में सबसे कॉमन और अहम कंपोनेंट है। बेयरिंग केग्‍स बे‍यरिंग का पार्ट है। बेयरिंग केग बनाने की लागत बेयरिंग की तुलना में कम है। लेकिन बेयरिंग केग बनाने के लिए एक अलग मशीन की ज़रूरत होती है। इसीलिए बेयरिंग बनाने वाली कंपनियां बेयरिंग केग बनाने का काम आउटसोर्स कर देती हैं और यहीं पर हर्ष इंजीनियर्स की भूमिका शुरू होती है।

हर्ष इंजीनियर्स बेयरिंग केग्‍स की व्‍यापक रेंज बनाती है। जैसे ब्रास में, स्‍टील में, पॉलीमाइड में और 20 एमएम से लेकर 2,000 डायमीटर में। कंपनी में दो सेगमेंट हैं: इंजीनियरिंग बिजनेस, जो 94 प्रतिशत योगदान करता है और सोलर EPC बिजनेस, जो 6 प्रतिशत योगदान करता है। हर्ष इंजीनियर्स ब्रश और स्‍पेशिएलिटी कंपोनेंट भी बनाती है। कंपनी की कुल चार मैन्‍यूफैक्‍चरिंग फैसिलिटीज हैं। दो भारत में, एक चीन में, और एक रोमानिया में। ये सभी रणनीतिक तौर पर समुद्र तट के पास हैं जिससे निर्यात में सहूलियत हो।

निर्यात की बात करें तो कंपनी अपना 63 प्रतिशत राजस्‍व निर्यात से हासिल करती है और यूरोप का इसमें सबसे बड़ा योगदान है। यूरोप कंपनी के कुल निर्यात में 60 प्रतिशत का योगदान करता है।

इंटरनेशन बेयरिंग केग मार्केट हर्ष इंजीनियर्स के लिए वरदान साबित हो सकता है

ग्‍लोबल बेयरिंग केग मार्केट 2021 से 2029 के बीच सालाना 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्‍मीद है। इसकी वज़ह साफ है। इस सेगमेंट में आउटसोर्सिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है। मौजूदा समय में 79 प्रतिशत बेयरिंग केग इन हाउस बनाए जा रहे हैं और आने वाले समय में इसमें काफी बदलाव होगा।

ताकत

· मार्केट लीडर: हर्ष इंजीनियर्स भारत में मार्केट लीडर है और दुनिया में सबसे बड़ी वेयरिंग केग बनाने वाली कंपनियों में से एक है। कंपनी भारत में 50-60 प्रतिशत मार्केट शेयर होल्‍ड करती है और ग्‍लोबल मार्केट में कंपनी का शेयर 6.5 प्रतिशत है। ये दूसरी सबसे बड़ी इंडिपेंडेंट बेयरिंग बनाने वाली कंपनी है।

· लंबे समय का रिश्‍ता: कंपनी का अग्रणी बेयरिंग मैन्‍यूफैक्‍चरर्स के साथ वर्षों से मजबूत रिश्‍ता है। ये मैन्‍यूफैक्‍चरर्स रिपीट कस्‍टमर्स भी हैं। टॉप 5 कस्‍टमर्स के साथ रिश्‍ते की औसत उम्र एक दशक से अधिक है।

· फैसिलिटीज की स्‍ट्रैटेजिक लोकेशन: कंपनी की चारों फैसिलिटीज समुद्रतट के नजदीक है जिससे ट्रांसपोर्टेशन में आसानी हो। इसके अलावा प्रोडक्‍ट और मैन्‍यूफैक्‍चरिंग प्‍लॉन्‍ट में अदला बदली की क्षमता है। ऐसे में मैन्‍यूफैक्‍चरिंग को जरूरत के आधार पर एक प्‍लॉन्‍ट से दूसरे प्‍लॉन्‍ट पर शिफ्ट किया जा सकता है। इसके अलावा, हर्ष इंजीनियर्स के दुनिया भर में 20 वेयरहाउस हैं जहां इन्‍वेंट्री स्‍टॉक की जाती है जिससे ये मांग को तुरंत पूरा कर सकें।

कमजोरियां

· कुछ कस्‍टमर्स पर निर्भरता: टॉप 5 कस्‍टमर न सिर्फ कंपनी के राजस्‍व में 71 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं बल्कि मैन्‍यूफैक्‍चरिंग में भी इनका काफी दखल है। रेट्स पहले से तय का लिए जाते हैं और वे अपनी इच्‍छा से कभी भी डिजाइन बदल सकते हैं। ये बातें कंपनी को एक मुश्किल स्थिति में लाती हैं।

· बहुत अधिक वर्किंग कैपिटल की जरूरत: कंपनी को रोजमर्रा के ऑपरेशंस के लिए बड़े पैमाने पर वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत है और अभी कंपनी वर्किंग कैपिटल क्रेडिट के जरिए इस ज़रूरत को पूरा कर रही है। अगर कंपनी अपनी देनदारियों को नहीं चुका पाती है तो कंपनी ये सुविधा भी गवां सकती हैं।

· यूरोप में बिजली संकट: ये कम अवधि का मसला हो सकता है लेकिन फिर भी ये कंपनी के रोमानिया प्‍लॉन्‍ट के लिए खतरा है। प्‍लॉन्‍ट का इस्‍तेमाल प्रमुख रूप से कास्टिंग बनाने में किया जा रहा है और ये कंपनी के राजस्‍व में 20 प्रतिशत का योगदान कर रहा है।

हर्ष इंजीनियर्स IPO: इन्‍फॉर्मेशन एनालिसिस

ये जानने के लिए कि हमने तमाम मीट्रिक्‍स पर कंपनी का आकलन कैसे किया है हमारी स्‍टोरी हर्ष इंजीनियर्स: कितनी अच्‍छी है कंपनी भी पढें।

डिस्‍क्‍लेमर: लेखक इस IPO में आवेदक हो सकता है।


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