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निवेश से पहले किसी कंपनी को परखने के छः पैमाने

क्या आपने कभी जानना चाहा कि किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश से पहले किस तरह के एनालेसिस की ज़रूरत होती है? जानने के लिए पढ़िए।

निवेश से पहले किसी कंपनी को परखने के छः पैमाने

फ़र्ज़ कीजिए कि आप एक कंपनी में निवेश करना चाहते हैं। अगर आप अनुभवी निवेशक हैं, तो आपको पता होगा कि क्या करना है। पर क्या हो अगर आप एक उभरते हुए निवेशक हैं? या कोई जो निवेश करने के फ़ैसले से पहले पैमानों को जानना-समझना चाहता हो? आप क्या करेंगे?
पहली बात, आप कंपनी को समझने से शुरुआत करते हैं। ये सिर्फ़ यहीं तक सीमित नहीं है कि कंपनी कौन से उत्पाद और सेवाएं देती है। आप कंपनी के बिज़नस सैग्मेंट के बारे में जानना चाहते हैं, कैसे ये अपने उत्पाद बनाती है और उन्हें मार्केट कैसे करती है, उसके कस्टमर्स कौन हैं, कंपनी पैसे किस तरह से बनाती है और इसके अलावा भी ऐसी ही कई चीज़ें। अगर आपको लगता है कि आप ऐसे सवालों के जवाब नहीं पा रहे हैं, तो आप दूसरी कंपनी की तरफ़ बढ़ जाते हैं। आप उन्हीं कंपनियों के साथ रहना चाहते हैं जिन्हें आप समझते हैं।
दूसरी बात, उस इंडस्ट्री को समझें जिसमें कंपनी ऑपरेट करती है। इसका मतलब है आपको ये पता करना होगा कि क्या उतार-चढ़ाव अर्थव्यवस्था में आने वाले बदलावों के साथ-साथ होते रहते हैं, कंपनी के कितने प्रतिस्पर्धी हैं, प्रतिस्पर्धा कितनी तेज़ है, क्या प्रतिस्पर्धा सिर्फ़ क़ीमत को लेकर है, कंपनी और उसके जैसी दूसरी कंपनियों के कामकाज के तरीक़ों में क्या फ़र्क़ है, आदि।
तीसरी बात, नंबरों को गहराई से देखना शुरु कीजिए। आपको पता होना चाहिए कि फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट को कैसे समझना है। अगर आप ये नहीं जानते, तो इक्विटी में ख़ुद से निवेश नहीं करना चाहिए। हालांकि, अगर आपके पास ज़रूरी क़ाबिलियत है, तो आपको फ़ाइनेंशियल रिपोर्टिंग क्वालिटी चेक के साथ शुरुआत करनी चाहिए। ग़लत तरह की कंपनियों से दूर रहने में मदद करेगा। मीट्रिक का एक उदाहरण है ऑपरेशन के कैश फ़्लो जो EBITDA (ब्याज, टैक्स, डेप्रीसिएशन और एमोरटाइज़ेशन के पहले की आमदनी) द्वारा बांटे गए हों। ये बताएगा कि ऑपरेटिंग प्रॉफ़ेट कैश में तब्दील हो रहे हैं या नहीं। रेशियो जितना ज़्यादा होगा, उतना बेहतर।
एक बार आपने ये तय कर लिया कि कंपनी सही है या नहीं, इसके बाद आप फ़ाइनेंशियल अनालेसिस से शुरुआत कर सकते हैं। इसका मतलब होता है कंपनी के फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट को गहराई से समझना। इसमें आप कंपनी के प्रदर्शन की बेहतर समझ के लिए कई रेशियो कैलकुलेट करेंगे। मिसाल के तौर पर, एसेट टर्नओवर रेशियो बताता है कि रेवेन्यू पाने के लिए कंपनी को कितनी मेहनत करनी होती है। ये कहने की ज़रूरत नहीं कि आप ये सभी अनालेसिस कंपनी के प्रतिस्पर्धियों के परिप्रेक्ष्य में कर रहे हैं।
जिस तरह आप किसी क़िताब को उसके कवर से नहीं आंकते, उसी तरह आपको कंपनी के फ़ाइनेंशियल केवल संघनित वित्तीय विवरणों (condensed financial statements) से नहीं आंकने चाहिए। अकाउंट सेक्शन के नोट्स को नज़रअंदाज़ न करें। बारीक़ी से पढ़ने पर बहुत कुछ पता चलता है। हालांकि, अगर आप नहीं समझ पा रहे हैं कि क्या हो रहा है, तो आप इस कंपनी को छोड़ कर दूसरी पर ध्यान दें।
अब तक, ज़्यादातर अनालेसिस ये समझने के लिए किया गया है कि कंपनी ने कैसा प्रदर्शन/विकास किया है। लेकिन अगर कंपनी भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करती है तभी आपका निवेश अच्छे नतीजे देगा।
चौथी बात, मैनेजमेंट क्वालिटी और ग्रोथ की रणनीतियों का मूल्यांकन करने की ज़रूरत है। क्या कंपनी का प्रबंधन प्रमोटर कर रहे हैं या क्या कोई प्रोफ़ेशनल मैनेजमेंट टीम है? क्या कंपनी के प्रमोटर के हित कंपनी के बाहर भी हैं? किस तरह के रिलेटेड-पार्टी ट्रांज़ैक्शन हो रहे हैं? सीईओ कैपिटल को कितनी अच्छी तरह से एलोकेट करता है? कंपनी माइनॉरिटी शेयर-होल्डरों के साथ कैसा व्यवहार करती है? क्या उत्तराधिकार का कोई मज़बूत प्लान है? प्रबंधन और/या प्रमोटर के मूल्यांकन के लिए आपको इस तरह के सवालों के जवाब देने होंगे।
पांचवीं बात, आपको ये सोचने की ज़रूरत है कि कंपनी भविष्य में विकास करने की कैसी योजना बना रही है। क्या कंपनी अपने मौजूदा सेगमेंट को जारी रखेगी या दूसरे सेगमेंट में डाइवर्सिफ़ाई करेगी? या, क्या ये पूरी तरह से एक नए बिज़नस की शुरुआत करने जा रही है? इन रणनीतियों को कैसे फ़ंड किया जाएगा? प्रॉफ़िट कैसा होगा? इस तरह के सवाल आपको ग्रोथ की रणनीतियां पता करने में मददगार होंगे।

छठा, वैलुएशन है। आपको ये पता लगाना है कि मौजूदा क़ीमत पर आपको कंपनी में निवेश करके (तक़रीबन) कितना रिटर्न मिलेगा। अगर ये नंबर आपकी ज़रूरत के न्यूनतम रिटर्न से ज़्यादा है, तब आपको निवेश करना चाहिए। अगर नहीं, तो कंपनी को अपनी वॉच लिस्ट में रखें। जानिए स्टॉक वैल्यूएशन कैसे असेस करें।
अंत में, ध्यान रखें कि, ये सारे अनालेसिस एक-एक करके नहीं किए जाते हैं। हरेक फ़ैक्टर एक दूसरे से जुड़ा होता है। इसके अलावा, ये फ़ैक्टर और फ़ाइनेंशियल मेट्रिक्स अलग सेक्टर में अलग हो सकते हैं। ये काम काफ़ी ज़्यादा लगता है, न?
एक तरीक़ा और है। और इस तरीक़े में मज़ा सारा मिलता है और कोई काम भी नहीं। आप वैल्यू रिसर्च की स्टॉक एडवाइज़र सर्विस की सदस्यता ले सकते हैं। हम अपने सबस्क्राइबरों के लिए ये सारे एनालेसिस और इसके अलावा भी बहुत कुछ करते हैं। सबस्क्राइब करने से, आपको उन कंपनियों की तैयार लिस्ट मिल जाएगी, जिनमें आप वैल्थ बनाने के लिए लंबे समय का निवेश कर सकते हैं।


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