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ITR में म्‍यूचुअल फ़ंड निवेश का ख़ुलासा कैसे करें?

अपने म्‍यूचुअल फ़ंड निवेश पर टैक्‍स कब चुकाना है और अपने ITR में इसका ख़ुलासा कैसे कर सकते हैं, आइए जानते हैं

ITR में म्‍यूचुअल फ़ंड निवेश का ख़ुलासा कैसे करें?

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सैलरीड क्‍लास लोग अक्‍सर ये सवाल करते हैं कि ITR-1 में इनकम टैक्‍स रिटर्न फ़ाइल करते समय अपने म्‍यूचुअल फ़ंड निवेश का ख़ुलासा कहां करें? फ़ाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए ITR फ़ाइल करने की समय सीमा क़रीब आ रही है, ऐसे में इस तरह के सवालों की बाढ़ फिर से आ गई है.

निवेश नहीं बेचा तो नहीं चुकाना होगा टैक्‍स

पहली बात, अगर आपने मौजूदा फ़ाइनेंशियल ईयर के दौरान निवेश के एक हिस्‍से को या पूरा नहीं बेचा है तो आपको म्‍यूचुअल फ़ंड निवेश पर टैक्‍स नहीं चुकाना होगा. आपके निवेश की वैल्‍यू भले ही बढ़ गई हो, गेन पर तब तक टैक्‍स नहीं लगता है जब तक निवेश को रिडीम न किया जाए. म्‍यूचुअल फ़ंड पर कैपिटल गेन टैक्‍स तभी लगता है जब निवेश को रिडीम किया जाए. और, टैक्‍स उसी फ़ाइनेंशियल ईयर में लगता है जिस फ़ाइनेंशियल ईयर में निवेश बेचा गया है. इसके अलावा, ITR-1 में अलग से इसे दिखाने की ज़रूरत भी नहीं है. आम तौर पर सैलरी क्‍लास के लोग इनकम टैक्‍स रिटर्न फ़ाइल करने के लिए ITR-1 का इस्‍तेमाल करते हैं.

ये भी पढ़िए - पुरानी और नई टैक्स रिज़ीम को चुनने के लिए बेहतरीन गाइड

ITR-2 से फ़ाइल होगा रिटर्न

हालांकि, अगर आपने फ़ाइनेंशियल ईयर 2023-24 में म्‍यूचुअल फ़ंड में अपने निवेश को रिडीम कर लिया है तो आप ITR-1 का इस्‍तेमाल करते हुए इनकम टैक्‍स रिटर्न फ़ाइल नहीं कर सकते हैं. इसके लिए आपको रिटर्न ITR-2 के फ़ाइल करना होगा. किसी ने भी अगर फ़ाइनेंशियल ईयर के दौरान कैपिटल गेन के ज़रिए इनकम हासिल की है तो उसे ITR फ़ाइल करने के लिए ITR-2 फ़ॉर्म का इस्‍तेमाल करना होगा. इस फ़ॉर्म में इसके लिए अलग से सेक्‍शन होता है. इस सेक्‍शन में आप म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट पर हासिल किए गए कैपिटल गेन से जुड़ी जानकारी भर सकते हैं. जैसे क्‍या गेन इक्विटी फ़ंड, डेट फ़ंड बेच कर हासिल किया गया है? गेन शार्ट टर्म है या लॉन्ग टर्म, क्‍योंकि दोनों के टैक्‍स में काफ़ी अंतर होता है.

बेफ़िक्र रहें! आपको टैक्‍स मैनुअली कैलकुलेट नहीं करना होता है. CAMS के ज़रिए पूरे म्‍यूचुअल फ़ंड निवेश का कंसोलिडेट कैपिटगल गेन को डाउनलोड किया जा सकता है. आपको सिर्फ़ रजिस्‍टर्ड E-mail ID एंटर करनी होगी. इसके अलावा, आप अपना डिजिटल अकाउंट Login करके अलग-अलग फ़ंड हाउस में अपना निवेश चेक कर सकते हैं या आप हेल्‍पलाइन में कॉल कर सकते हैं.

पहले के मुक़ाबले ITR फ़ाइल करना अब इतना भी मुश्किल नहीं है. सरकार ने इंटरफ़ेस को काफ़ी बेहतर बना दिया है. जिसमें आपकी ज़्यादातर जानकारी पैन के ज़रिए ऑटोमैटिकली फेच कर ली जाती है.

ये भी पढ़िए - टैक्स-रिटर्न फ़ाइल करने का तेज़ और आसान तरीक़ा


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