आप किराने की दुकान चला रहे हैं या साबुन बनाने की यूनिट। किसी शोरूम के मालिक हो सकते हैं या थोक कारोबारी। कैश फ्लो या कैश की ज़रूरत को आप किसी से भी ज्यादा बेहतर समझते हैं। और बाजार के खिलाड़ी तो आप हैं ही। तभी आप अपने दम पर बिजनेस चला रहे हैं। और नफ़ा-नुकसान का हिसाब तो आप रोज लगाते ही होंगे।
कमाने वाले हर व्यक्ति के लिए बचत और निवेश ज़रूरी है। आप भी इसी दुनियादारी से दो चार हैं। महंगाई को बेअसर करने के लायक रिटर्न मार्केट से जुड़े उत्पाद ही दे सकते हैं। पर अपना काम, अपना काम होता है। क़ारोबार की दुनिया में कहते हैं, टाइम इज मनी। ऐसे में आप म्यूचुअल फ़ंड या स्टॉक्स के बारे में पढ़े, उसकी बारीकियों को समझें और फिर कदम उठाएं। आपसे ऐसी उम्मीद करना थोड़ी ज्यादती होगी। मार्केट में निवेश करके मुनाफ़ा कमाने का एक तरीका और है। यह तरीका म्यूचुअल फ़ंड से ज्यादा सहूलियत वाला है और इसमें जोखिम भी बहुत कम है।
यह तरीका है सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP। SIP बचत और निवेश के मोर्चे पर आप का काम बहुत आसान कर देती है। आप कहेंगे कैसे ? खुद ही देख लीजिए। 'हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े-लिखे को फारसी क्या’।
· कोई भी बिजनेस या कारोबार रातों-रात खड़ा नहीं होता है। इसमें सालों का समय लगता है। SIP भी लंबे समय का गेम है। SIP तभी अच्छी तरह से काम करती है, जब निवेश लंबे समय यानी 10,15 20 साल या इससे ज्यादा समय के लिए किया जाए। किसी भी निवेशक को रोज SIP का रिटर्न चेक नहीं करना चाहिए। वैसे भी आपके पास इतना समय कहां है?
· आपको मार्केट की चाल को लेकर ज्यादा माथा-पच्ची करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि SIP निवेश के ज़ोखिम को काफ़ी हद तक कम कर देती है।
· आप ज्यादा कमाते हैं या कम। यहां यह मायने नहीं रखता। SIP में आप 1,000 से लेकर 50,000 या कितनी भी रकम से निवेश शुरू कर सकते हैं।
· आप कारोबारी हैं तो सस्ते और महंगे का खेल तो समझते ही हैं। कई बार माल सस्ता मिलने पर कारोबारी सामान्य से थोड़ा ज्यादा माल खरीद कर स्टॉक कर लेते हैं। और बाद में कीमतें बढ़ने पर उनको इसका फ़ायदा मिलता है।
· मार्केट में भी सस्ते और महंगे का खेल चलता रहता है। मार्केट गिरता है तो सस्ता हो जाता है और चढ़ता है तो महंगा। अच्छे खिलाड़ी मार्केट सस्ता होने पर खरीदारी बढ़ा देते हैं। यानी सस्ते मार्केट में आप भी SIP की रकम बढ़ा देंगे तो बड़ा मुनाफ़ा कमाएंगे।
· कारोबार में नफा-नुकसान लगा ही रहता है। इस बात की गारंटी कोई नहीं ले सकता कि कारोबार में हमेशा नफ़ा ही नफ़ा होगा। लेकिन नुकसान होने पर आप कारोबार बंद नहीं कर देते। ठीक उसी तरह से SIP में भी नफा-नुकसान लगा रहता है। लेकिन नुकसान होने पर भी आपको SIP में निवेश बंद नहीं करना है। समय आने पर आपको इसका पुरस्कार बड़े मुनाफ़े के तौर पर मिलेगा।
बस एक बार का पेन
अब बात करें हैं कि SIP अकाउंट खुलवाने की। यह बहुत आसान है। यह काम अपनी रिवॉल्विंग चेयर पर बैठे-बैठे भी कर सकते हैं। बस मोबाइल उठाएं। आप किसी भी फ़ंड हाउस की वेबसाइट पर जाएं। अपना पसंदीदा फ़ंड चुनें और SIP अकाउंट खोलें।
यहां आप अपनी सहूलियत से SIP की रकम तय करें। यह रकम आपकी चुनी हुई डेट पर हर माह आपके बैंक अकाउंट से कट जाएगी। बस आपको यह पक्का करना है कि इतनी रकम आपके अकाउंट में हो। बाकी आपको कुछ भी नहीं करना है। यह प्रॉसेस हर माह ऑटो मोड में चलती रहेगी, जब तक आप चाहेंगे। प्रॉसेस तभी बंद होगा जब आप अपना SIP अकाउंट बंद कराएंगे।