इस समय डेट फ़ंड निवेशकों को कोई रियल रिटर्न देने में संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में कोई डेट फ़ंड एक साल में 150 % रिटर्न कैसे दे रहा है। महंगाई दर से ऊपर मिलने वाले रिटर्न को रियल रिटर्न कहते हैं। आपको क्या लग रहा है, हम मजाक कर रहे हैं? ऐसा नहीं है। यहां क्लिक करके आप खुद देख सकते हैं।
इतने शानदार रिटर्न के साथ BOI AXA क्रेडिट रिस्क फ़ंड डेट फंड कैटेगरी में टॉप पर है। हालांकि, यहां एक पेंच है। ये रिटर्न अमांता हेल्थकेयर और सिन्टेक्स बॉण्ड्स के राइट बैक ओर सेल्स पर आधारित हैं, जिनको पहले कम करके आंका जा रहा था। कोई फ़ंड जब किसी कंपनी को अपने पोर्टफ़ोलियो में दोबारा शामिल करता है, तो इसे राइट-बैक कहते हैं। और जब किसी फ़ंड के पोर्टफ़ोलियो में शामिल कंपनी डिफॉल्ट करती हैं तो फ़ंड उस कंपनी को अपने पोर्टफ़ोलियो से हटा देता है, इसे राइट- ऑफ कहते हैं।
2018 से 2020 के बीच, इस फ़ंड ने क्वालिटी, IL&FS, DHFL, सिन्टेक्स, अवांथा होल्डिंग्स, कैफे कॉफी डे, एक्सेलरेटिंग एजुकेशन एंड डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, RKV एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड, अमांता हेल्थकेयर और दिनराम होल्डिंग्स जैसे इश्यूअर्स के बॉण्ड होल्डिंग में काफ़ी डाउनग्रेड्स देखे।
इस बीच, फ़ंड का AUM जोरदार तरीके से गिर गया, क्योंकि निराश निवेशक बड़े पैमाने पर राइट-ऑफ के बाद फ़ंड से बाहर निकल गए। इस तरह से बहुत छोटे असेट साइज पर मौजूदा रिकवरी ने पिछले एक साल की अवधि में इस फ़ंड को बेस्ट परफॉर्मिंग फ़ंड बना दिया है।
एक तरफ डाउनग्रेड्स की वजह से बड़ी तादात में नुक़सान उठाना पड़ा, वहीं रिकवरी का फ़ायदा कुछ थोड़े निवेशकों को मिला, जो फ़ंड के साथ बने रहे।
यही वो खामी है जिसे खत्म करने के लिए सेबी का सेग्रीगेशन या साइड-पॉकेटिंग रूल लाया गया है। इसका मकसद म्यूचुअल फ़ंड को निवेश का ऐसा जरिया बनाना है, जो सभी निवेशकों को वाजिब फ़ायदा दे।
साइड-पॉकेटिंग या सेग्रीगेशन अकाउंटिंग का एक मेथड है, जो फ़ंड हाउस को अपने पोर्टफोलियो में जोखिम वाले या खराब असेट को लिक्विड या अच्छे असेट से अलग करने की अनुमति देता है। अगर इन बॉण्ड्स को अलग कर दिया जाता, तो बाहर निकल गए निवेशकों को उनका वाजिब हिस्सा मिलता।
सेबी राइट-ऑफ के समय साइड-पॉकेटिंग नार्म्स को पहले ही लागू कर चुका था लेकिन फ़ंड ने इसे अपने स्कीम इन्फॉर्मेशन डाक्युमेट यानी SID में मई 2020 में ही शामिल किया।
इसका नतीजा यह हुआ कि मोटा मुनाफ़ा कुछ लोगों के पास ही रह गया, जबकि यह इस लाभ को इसके सही हकदारों में उचित तरीके से बांटा जाना चाहिए था।
यह, अनोखा मामला नहीं है। UTI क्रेडिट रिस्क फ़ंड ने मिड 2019 में DHFL बॉण्ड का बड़े पैमाने पर राइट ऑफ लिया था। उम्मीद थी कि फ़ंड 2021 के आखिरी कुछ महीनों में DHFL के रिजॉल्यूशन प्लान के तहत इन बॉण्ड्स से आंशिक रिकवरी हासिल करेगा। और यह जानकारी पहले से ही सबको पता थी। इसके बाद, हमने देखा कि रिकवरी से पहले फ़ंड का AUM बाकी कैटैगरी की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गया। इससे पता चलता है कि मौके की तलाश करने वाले निवेशकों ने शार्ट टर्म गेन के लिए फ़ंड खरीदा। और रिकवरी के बाद AUM में गिरावट से पता चलता है कि गेन के बाद कुछ निवेशक फ़ड से बाहर निकल गए।
लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे हालात को टाला जा सकेगा। ज्यादातर फ़ंड कंपनियों ने अब अपने फिक्स्ड इनकम फ़ंड में साइड पॉकेटिंग के प्रावधान प्रभावी कर दिया है। इसलिए, अगर उनके पोर्टफ़ोलियो में कोई बॉण्ड खराब हो जाता है तो उसको मुख्य पोर्टफ़ोलियो से अलग किया जा सकता है। अगर कोई रिकवरी होती है, तो वह रकम उन सभी निवेशकों को दी जाएगी जो बॉण्ड को पोर्टफोलियो से अलग करने के समय निवेशक थे।
निवेश्कों के लिए सीख
निवेशकों के नज़रिए से, अहम सीख यह है कि किसी ऐसे फ़ंड में आंख मूंद कर निवेश करने से बचें जो बेस्ट रिटर्न दे रहा हो। नेट असेट वैल्यू यानी NAV में इतने तेज उछाल की वजह से संभव है कि BOI AXA क्रेडिट रिस्क फ़ंड यहां से काफी लंबे समय तक अपनी कैटेगरी में टॉप परफॉर्मर बना रहे। लेकिन निवेशकों को गहराई में जाकर उन वजहों को समझने की जरूरत है, जो ये रिटर्न ला रहे हैं। इस मामले में क्या हुआ है इसे समझने के लिए रोलिंग रिटर्न पर गौर करना काफ़ी होगा।