एंडोमेंट इंश्योरेंस प्लान एक तरह की जीवन बीमा पॉलिसी है, जो इन्वेस्टमेंट और लाइफ़ कवर का मिला जुला रूप है. ये प्लान आमतौर पर 10, 20 या उससे भी ज़्यादा साल के होते हैं. हालांकि, पॉलिसी बीच में ही बंद (surrender) की जा सकती है, और उस समय तक जमा किया गया पैसा वापस ले सकते हैं, लेकिन क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट बीच में ही ख़त्म हो जाता है, इसलिए कुल जमा पैसे का केवल एक हिस्सा ही वापस मिलता है. इस पैसे को 'सरेंडर वैल्यू' कहा जाता है. बाक़ी पैसे को पॉलिसी को बीच में ही ख़त्म करने की पेनल्टी मान लिया जाता है.
ज़्यादातर बीमा पॉलिसियां लगातार तीन साल तक प्रीमियम का भुगतान करने के बाद ही इसे सरेंडर करने की अनुमति देती हैं. हालांकि, ये अलग-अलग पॉलिसियों के लिए अलग-अलग हो सकता है. इसी तरह, हरेक पॉलिसी के लिए तय नियम और शर्तों के आधार पर सरेंडर वैल्यू अलग-अलग होती है. पर, इसे पता करना बहुत मुश्किल नहीं है.
आप उन पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को देखें, जो पॉलिसी ख़रीदते समय जारी किए गए थे. इसमें बताए गए नियम और शर्तों के सेक्शन में 'सरेंडर' का क्लॉज़ देखें. आमतौर पर ये एक अलग प्वाइंट के तौर पर दिया होता है और इसे खोजना मुश्किल नहीं होना चाहिए. अगर आपके पास नियम और शर्तों की एक PDF है तो ये काम आपके लिए बहुत आसान हो जाएगा. सर्च फ़ंक्शन का यूज़ करें और सरेंडर के बारे में सर्च करें.
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क्लॉज़ में दोनों बातों की जानकारी होगी - पॉलिसी कब सरेंडर की जा सकती है (कितने साल बाद) और इसकी सरेंडर वैल्यू क्या होगी. इसमें सरेंडर वैल्यू की कैलकुलेशन के लिए एक पूरा फ़ॉर्मूला दिया होगा.
ज़्यादातर पॉलिसियों में, ये 'गारंटीड सरेंडर वैल्यू' और 'स्पेशल सरेंडर वैल्यू' से ज़्यादा है. गारंटीड सरेंडर वैल्यू आम तौर पर भुगतान किए गए कुल प्रीमियम का 30 प्रतिशत होता है, जिसमें पहले साल के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम और किसी भी राइडर के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम शामिल नहीं होता है. स्पेशल सरेंडर वैल्यू मुख्य रूप से दो फ़ैक्टर पर निर्भर करती है. पहला फ़ैक्टर, पेड-अप वैल्यू है, जो घटा हुआ मैच्योरिटी अमाउंट या पॉलिसी के कुल वर्षों, यानी ओरिजिनल टेन्योर के अनुपात में बीमा राशि है, जिसके लिए पॉलिसी ख़रीदी गई थी. दूसरा है 'सरेंडर वैल्यू फ़ैक्टर', जो बीमा कंपनी द्वारा जारी किया जाने वाला इंडेक्स है. ये इस बात पर आधारित होता है कि पॉलिसी के ओरिजिनल टेन्योर और किस वर्ष में इसे सरेंडर किया गया.
एंडोमेंट पॉलिसी न तो इन्वेस्टमेंट के रूप में और न ही बीमा के रूप में अच्छी होती हैं. आम तौर पर सलाह दी जाती है कि अगर आप उनकी मेच्योरिटी से बहुत दूर हैं तो उन्हें छोड़ दें यानी बंद कर दें और प्राप्त राशि को बेहतर रिटर्न वाले इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में इन्वेस्ट करें, और अपनी बीमा ज़रूरतों के लिए अलग से एक अच्छा टर्म प्लान ख़रीदें. हालांकि, अगर मेच्योरिटी केवल कुछ साल दूर हैं, तो कैलकुलेट करें. इसमें अगले कुछ वर्षों तक बने रहना फ़ायदेमंद भी हो सकता है.
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