जीवन बीमा मुख्यतौर पर रिस्क-मैनेजमेंट का ज़रिया है, जो बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर, उस पर निर्भर लोगों को आर्थिक सुरक्षा देता है। अगर आपका बीमा अच्छी तरह से हुआ है, तो आप पर निर्भर करने वाला जीवन-साथी, बच्चे और अभिभावक इस लाइफ़ इंश्योरेंस की मदद से अपनी जीवन शैली को बरक़रार रख सकते हैं।
पूंजी की सुरक्षा और महंगाई से बचाव
जीवन बीमा पॉलिसी में पॉलिसी की शर्तों के अनुसार बीमे की रकम पर गारंटी होती है। लेकिन गारंटी तभी तक होती है जब तक प्रीमियम का भुगतान नियमित तौर पर किया जाता रहे और पॉलिसी क़ायम रहे। जीवन बीमा महंगाई से बचाव नहीं करता है क्योंकि बीमा एक निश्चित कवर वाली और निश्चित अवधि की योजना है।
गारंटी
बीमे की निश्चित रक़म की गारंटी होती है, और बीमे की अवधि के दौरान प्रीमियम भी पहले से तय होता है। कुछ लाभ वाली पॉलिसी भी हैं, जो न्यूनतम लाभ की गारंटी देती हैं, और ये लाभ बीमाकर्ताओं और पॉलिसी के लिहाज़ से अलग-अलग होता है।
नक़दी की सुविधा
जीवन बीमा पॉलिसियों से पैसा लेने की सुविधा होती है (टर्म इंश्योरेंस को छोड़ कर)। हालांकि ये इस बात पर निर्भर करता है कि पॉलिसी किस तरह की है, और यह कितने साल तक लागू रही है।
टैक्स पर असर
जीवन बीमा पॉलिसी के तहत चुकाये गये प्रीमियम पर एक वित्त-वर्ष में ₹1.5 लाख तक के प्रीमियम पर धारा 80C के तहत टैक्स से छूट मिलती है।
जीवन बीमा पॉलिसी कहां से खरीदें
जीवन बीमा पॉलिसी आप अलग-अलग जगह से खरीद सकते हैंः
· किसी एक बीमा कंपनी के लिए काम करने वाले एजेंट
· बैंक जो किसी एक बीमा कंपनी का प्रतिनिधित्व करते हैं
· कॉर्पोरेट एजेंट जो कीसी ख़ास बीमा कंपनी का प्रतिनिधित्व करते हैं
· गैर बैंकिग वित्तीय संस्थाओं (NBFC) में काम करने वाले जो किसी एक बीमा कंपनी का प्रतिनिधित्व करते हैं
· ब्रोकर जो कई बीमा कंपनियों के लिए काम करते हैं
· सीधे बीमा कंपनी से ऑनलाईन
· टेलीमार्केटिंग
· खुदरा स्टोर (रीटेल स्टोर) और मॉल
· बैंकिंग प्रॉडक्ट के साथ मिलने वाली बीमा पॉलिसी
· ग़ैर-सरकारी संस्थान (NGO) या स्वंय-सहायता समूह जो ग्रामीण क्षेत्रों के लिए
· इंटरनेट पर थर्ड-पार्टी वेबसाईट
पॉलिसी कैसे ख़रीदें
एक बार जब आप तय कर लेते हैं कि आपको कितनी रक़म के इंश्योरेंस की ज़रूरत है, और बीमाकर्ता क्या पॉलिसी ऑफ़र कर रहा है, तो आपको प्रपोज़ल फ़ॉर्म भरना होगा और इन चीजों का इंतजाम करना होगा:
· जन्म की तारीख़ और पहचान का सबूत देने वाले कागज़ात, जैसे - पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर-कार्ड। हालांकि अब आधार कार्ड ज़रूरी हो गया है
· बड़ी रक़म का कवर पाने के लिए आय के प्रमाण की ज़रूरत होती है
· उम्र और कवर के अनुसार मेडिकल जांच भी करानी पड़ सकती है
· नॉमिनी के डीटेल
पॉलिसी कैसे चलाएं
· प्रीमियम का भुगतान नक़द या चेक या इलैक्ट्रॉनिक तरीके से किया जा सकता है
· आपको एक पॉलिसी प्रमाणपत्र मिलता है, जिस पर आपका नाम, प्रीमियम, पॉलिसी की अवधि, नियम और शर्तें लिखी होती हैं।
राइडर्स के बारे में
राइडर्स अतिरिक्त सुरक्षा के (additional protection) उपाय हैं, जो मूल जीवन बीमा पॉलिसी से जुड़े होते हैं। आमतौर पर ये मूल बीमा रकम की तुलना में सीमित आकार के होते हैं और उनकी अपने नियम व शर्तें हो सकती हैं, जिनमें कई बार निषेध करने वाली अतिरिक्त शर्तें भी जुड़ी हो सकती हैं। सीधे शब्दों में कहें तो राइडर्स ऐसे विकल्प हैं जो आपको अपने बीमा कवर की राशि और क्वालिटी बढ़ाने का मौक़ा देते हैं।
गंभीर बीमारीः जीवन बीमा पॉलिसी के साथ जोड़ा गया ये राइडर बीमा कराने वाले व्यक्ति को गंभीर बीमारी की स्थिति में अतिरिक्त कवर मुहैया कराता है। ज़्यादातर मामलों में, गंभीर बीमारी की पहचान होने पर अतिरिक्त कवर का भुगतान कर दिया जाता है। इसके तहत कवर की गई बीमारी और आपको जिस प्रीमियम का भुगतान करना होता है, वह बीमाकर्ताओं के लिहाज से अलग-अलग होता है, लेकिन ज्यादातर बीमाकर्ता कैंसर, कोरोनरी आर्टरी बॉयपास, हार्टअटैक, किडनी/रीनल फ़ेलियर, बड़े अंग का प्रत्यारोपण और लकवे जैसी बीमारियों को कवर करते हैं।
बीमारी का खर्चः इस श्रेणी के राइडर उन रोगों के जोखिम को कवर करते हैं, जिसमें डॉक्टरी इलाज की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टरी इलाज के बढ़ते खर्च के साथ इस श्रेणी के राइडर उपयोगी होते हैं, खासकर जब उम्र के साथ सेहत बिगड़ने लगती है।
अपंगता/ अंग कट जाने पर मिलने वाला लाभः किसी दुर्घटना के कारण होने वाली विकलांगता की स्थिति में ये राइडर, मूल पॉलिसी के बीमे की राशि के बराबर रक़म का अतिरिक्त कवर मुहैया कराता है। अगर दुर्घटना में पूर्ण और स्थायी विकलांगता हो जाती है, तो ये राइडर दूसरे लाभ भी देता हैः इस लाभ का एक हिस्सा बीमा कराने वाले व्यक्ति को हर साल तब तक दिया जाता है, जब तक वो ठीक नहीं हो जाता। कुछ बीमाकर्ता विकलांग होने पर प्रीमियम भी माफ़ कर देते हैं।
प्रीमियम से छूट: यह राइडर तब काम करता है, जब व्यक्ति (जिसने जीवन बीमा पॉलिसी ली है) किसी चोट या बीमारी की वजह से पूरी तरह अपंग हो जाता है (या कमाने की क्षमता खो बैठता है-कई बार बेरोज़गारी की भी चिंता की जाती है)। ऐसे में मूल पॉलिसी पर प्रीमियम से तब तक छूट दी जाती है, जब तक व्यक्ति शारीरिक तौर पर फिर से सक्षम नहीं हो जाता। हालांकि इस बीच प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता, लेकिन पॉलिसी का कवर उसी तरह जारी रहता है जैसे कि प्रीमियम के भुगतान के दौरान होता है। दूसरे शब्दों में, यह राइडर आपकी जीवन बीमा पॉलिसी पर विकलांगता के बीमे की तरह काम करता है।
दुर्घटना में मृत्यु लाभ का राइडर: ये राइडर पॉलिसी की अवधि के दौरान दुर्घटना में मौत होने की हालत में काम आता है। यह सिर्फ़ दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने की स्थिति में ही जीवन बीमा पॉलिसी की रक़म में ऊपर से जुड़ता है।
लेवल टर्म कवर: ये राइडर आपको सीमित अवधि के लिए जीवन कवर बढ़ाने का विकल्प देता है। ये अवधि पॉलिसी की मियाद से कम होती है। ये राइडर तब फ़ायदेमंद है जब आप की जिम्मेदारियां पहले से ज़्यादा हो गई हों या आपकी आर्थिक देनदारियां बढ़ गई हों।
गारंटी के साथ बीमा की योग्यता का राइडरः ये राइडर भविष्य में आपका बीमा हो पाने का बीमा कर देता है। ये आपको अपने जीवन की अलग-अलग पड़ाव पर बिना किसी डॉक्टरी जांच के अतिरिक्त बीमा (जो आपकी मूल पॉलिसी की क़िस्म का होगा) ख़रीदने के योग्य बनाता है।