हम भारतीय गोल्ड कितना पसंद करते हैं,ये बताने की जरूरत नहीं है। हालांकि यह देश के चालू खाते घाटे में बड़े पैमाने पर योगदान करता है। इसको देखते हुए भारत सरकार सॉवरेन गोल्ड बांड, गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम और गोल्ड क्वायन लेकर आई है। आईये इन पर एक-एक करके नजर डालते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम
कुछ ब्याज के साथ गोल्ड जैसा रिटर्न मुहैया कराने के इरादे से सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम लांच की है। सॉवरेन गोल्ड बांड की पेशकश हर साल ट्रैन्च में की जाती है। पहली ट्रैन्च की पेशकश नवंबर 2015 में की गई थी। वित्त वर्ष 2021-22 में SGBs की छह ट्रैन्च पहले ही अधिसूचित की जा चुकी हैं।
गोल्ड बांड आरबीआई द्वारा सरकार की तरफ से जारी किए जाते हैं। इस स्कीम के तहत गोल्ड बांड 1 ग्राम के गुणक में जारी किए गए हैं।
पूंजी की सुरक्षा और महंगाई से बचाव
सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम में पूंजी की सुरक्षा की गारंटी नहीं है। निवेशकों को गोल्ड की कीमत से लिंक्ड रिटर्न मिलता है। इसके अलावा ब्याज का भुगतान भी किया जाता है। स्क्ीम की अवधि के दौरान मिलने वाला ब्याज तय और गारंटीड होता है। यह स्कीम महंगाई के असर से बचाव नहीं करती है।
गारंटी
इस स्कीम के तहत कितना ब्याज मिलेगा यह तय होता है और स्कीम की अवधि में इस ब्याज की गारंटी होती है। गोल्ड की मात्रा, जिसके लिए निवेशक गोल्ड बांड खरीदता है, वह सुरक्षित रहती है।
नगदी की सहूलियत
स्कीम में लॉक इन पीरियड पांच साल का होता है। गोल्ड बांड ट्रांसफर किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप इन बांड को डीमैट फॉर्म में रखते हैं तो आप किसी भी समय स्टॉक एक्सचेंज पर इनकी ट्रेडिंग कर सकते हैं। यहां तक कि पांच साल से पहले भी। लेकिन नगदी की सहूलियत और कीमत को लेकर जोखिम रहता है।
टैक्स
सॉवरेन गोल्ड बांड की मैच्योरिटी पर बांड भुनाने पर लगने वाले कैपिटल गेन टैक्स से इंडीविजुअल को छूट दी गई है। किसी व्यक्ति को बांड ट्रांसफर करने से लगने वाले लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा।
बाहर निकलने का विकल्प
बांड की अवधि न्यूनतम आठ साल है। स्कीम में पांचवे, छठें, सातवें और आठवें साल बाहर निकलने का विकल्प है। गोल्ड बांड भुनाने के लिए निवेशक कूपन पेमेंट डेट से 30 दिन पहले संबंधित इंटरमीडियरी से संपर्क कर सकता है। समय से पहले बांड भुनाने के अनुरोध पर तभी विचार किया जाएगा जब निवेशक कूपन पेमेंट डेट से कम से कम एक दिन पहले इंटरमीडियरी से संपर्क करेगा।
कहां और कैसे खरीदें
गोल्ड बांड बैंक, पोस्ट ऑफिस और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए खरीदा जा सकता है। ये डीमैट और पेपर फॉर्म दोनों में उपलब्ध हैं। नो योर कस्टमर केवाईसी नार्म्स फिजिकल गोल्ड खरीदने की तरह ही हैं।
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम आपको अपने गोल्ड पर ब्याज कमाने का अवसर देती है। यह गोल्ड पर आने वाली स्टोरेज चार्ज भी बचाती है। इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए आपको किसी भी फिजिकल फार्म में जैसे ज्वैलरी, क्वाइन या बार रखे गोल्ड को डिपॉजिट कराना होगा। इसके बाद गोल्ड अपने भार के आधार पर ब्याज कमाएगा। बाद में आपको अपना गोल्ड गोल्ड के रूप में या रुपये में वापस मिल जाता है। आपको गोल्ड चाहिए या रुपया यह आपको डिपॉजिट के समय बताना होता है।
कैसे खोले अकाउंट
आपको सबसे पहले कलेक्शन एंड प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर जाकर अपने गोल्ड की शुद्धता की जांच करानी होगी। अगर आपका गोल्ड तय किए गए मानक को पूरा करता है तो आप गोल्ड डिपॉजिट कर सकते हैं। आपको गोल्ड की मात्रा और शुद्धता का सर्टिफिकेट मुहैया कराया जाएगा। आप जिस बैंक में अकाउंट खुलवाना चाहते हैं वहां यह सर्टिफिकेट देना होगा।
टैक्स
स्कीम से होने वाली कमाई पर कैपिटल गेन्स टैक्स, वेल्थ टैक्स और इनकम टैक्स नहीं लगेगा।
भुना सकते हैं सर्टिफिकेट
सर्टिफिकेट भुनाने पर आप नगदी या गोल्ड ले सकते हैं लेकिन डिपॉजिट के समय आपको यह बताना होगा कि आप नगदी लेंगे या गोल्ड।
ब्याज
बैंक की स्कीम के अनुसार गोल्ड जमा कराने वाले को भुगतान किए जाने वाले ब्याज की वैल्यू गोल्ड में या रुपए में तय होती है।
भारतीय गोल्ड क्वाइन
भारतीय गोल्ड क्वाइन गोल्ड मोनेटाइजेशन प्रोग्राम का हिस्सा है। सरकार ने भारतीय गोल्ड क्वाइन लांच किया है। इसके एक तरफ अशोक चक्र है ओर दूसरी तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर है। यह भारत में इकलौता क्वाइन है जिस पर बीआईएस हालमार्क है। क्वाइन 5 ग्राम और 10 ग्राम में उपलब्ध है। हाल में सरकार ने 1 ग्राम और 2 ग्राम के सिक्के भी जारी करने की अनुमति दी है। 20 ग्राम के गोल्ड बार भी उपलब्ध हैं। भारतीय गोल्ड क्वाइन अत्याधुनिक सेक्योरिटी फीचर्स और टेंपर प्रूफ पैकेजिंग से लैस है।
इन बातों को रखें याद
सॉवरेन गोल्ड बांड इंस्ट्रमेंट गोल्ड की प्राइस से लिंक्ड हैं और 2.50 फीसदी ब्याज का भुगतान करते हैं। आपको इनमें निवेश करने के लिए फिजिकल गोल्ड डिपॉजिट करने की जरूरत नहीं है।
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम आपके फिजिकल गोल्ड डिपॉजिट पर ब्याज ऑफर करती है और ब्याज का भुगतान गोल्ड में किया जा सकता है।
भारतीय गोल्ड क्वाइन आपको गारंटीड प्योरिटी का गोल्ड क्वाइन और बार खरीदने की सुविधा देता है।