बजट स्पेशल

बजट 2022 और बिज़नस

बजट 2022 ने भारत की ग्रोथ की रफ़्तार पर अपना फ़ोकस बनाए रखा है। यहां हम बात कर रहे हैं बजट 2022 की उन महत्वपूर्ण घोषणाओं के बारे में जिनका बिज़नस पर असर होगा और जिन्हें आपको भी जानना चाहिए।

बजट 2022 और बिज़नस


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अपने 2022 के बजट भाषण की शुरुआत में कहा कि इस बजट का उद्देश्य अगले 25 साल के लिए मज़बूत बुनियाद रखना और अर्थव्यवस्था की दिशा तय करना है। भारत @75 से भारत @100 तक के इस ‘अमृत काल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने चार प्राथमिकताएं तय की हैं:
1. PM गतिशक्ति
2. इंक्लूसिव प्रोग्रेस
3. प्रोडक्टिविटी, निवेश, सनराईज़ ऑपर्चुनिटीज़, एनर्जी ट्रांज़िशन और क्लाईमेट एक्शन को बढ़ाना
4. निवेश की फ़ाईनेंसिंग
इसे ध्यान में रखते हुए, कैपिटल एक्सपेंडीचर बजट वित्त-वर्ष 22 में ₹5.54 लाख करोड़ से, 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर, वित्त-वर्ष 23 में ₹7.5 लाख करोड़ कर दिया गया है। ये GDP का क़रीब 2.9 प्रतिशत का ख़र्च है। ये बजट भाषण हाल के वर्षों में सबसे छोटे भाषणों में से था, और वित्त मंत्री ने पिछले साल की तरह कोई बड़े रिफ़ॉर्म भी नहीं किए। फिर भी, आइए कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बदलावों की चर्चा करते हैं, जो बिज़नस पर असर डाल सकते हैं।
इंफ़्रास्ट्रक्चर (सड़कें, हाईवेज़ और रेलवे)
· वित्त-वर्ष 23 में PM गतिशक्ति एक्सप्रेसवे मास्टर प्लान का गठन, जिससे लोगों की और सामान की आवाजाही तेज़ी से हो सके।
· वित्त-वर्ष 23 तक नेशनल हाईवे नेटवर्क को 25,000 किलोमीटर और बढ़ाया जाएगा। इसके लिए ₹20,000 करोड़ का इंतज़ाम किया जाएगा।
· वित्त-वर्ष 23 में पब्लिक-प्राईवेट पार्टनरशिप मॉडल (PPP) के ज़रिए 4 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स केंद्र शुरु किए जाएंगे।
· 'वन स्टेशन-वन प्रॉडक्ट' को लोकल बिज़नस और सप्लाई चेन की मदद के लिए शुरु किया जाएगा। रेलवे छोटे किसानों और SME के लिए नए प्रॉडक्ट बनाएगा और कुशल लॉजिस्टिक्स सर्विस तैयार करेगा।
· अगले तीन साल में 400 नई-जेनरेशन, वंदे भारत ट्रेन बनाई जाएंगी।
· अगले तीन साल में 100 PM गतिशक्ति, कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।

कृषि
· वित्त-वर्ष22 में किसानों को ₹2.37 लाख करोड़ के मिनिमम सपोर्ट प्राईज़ (MSP) की अदायगी सीधे की जाएगी।
· देश भर में केमिकल-फ़्री नेचुरल फ़ार्मिंग को प्रमोट किया जाएगा।
· कटाई के बाद बाजरे के उत्पादों को मूल्यवर्धन, खपत और ब्रांडिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
· आयात के विकल्प के तौर पर तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक व्यापक योजना लागू की जाएगी।
· भारत में बनाए गए कृषि क्षेत्र के उपकरणों और टूल्स की छूट को बढ़ाया जाएगा।
· फसल के मूल्यांकन, ज़मीन के रिकॉर्ड के डिजिटाईज़ेशन, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए 'किसान ड्रोन' के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।
· PM किसान योजना के तहत ₹68,000 करोड़ की राशि आवंटित की जाएगी।

माईक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राईज़ (MSME)
· उद्यम, ई-श्रम, नेशनल करियर सर्विस (NCS) और असीम पोर्टल (ASEEM) आपस में जोड़े जाएंगे। इनके कार्यक्षेत्र को बढ़ाया जाएगा ताकि अर्थव्यवस्था को ज़्यादा संगठित करने का लक्ष्य पाया जा सके और उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ाया जा सके।
· इमरजेंसी क्रेडिट लाईन गारंटी स्कीम (ECLGS) का कवर ₹50,000 करोड़ से बढ़ा कर ₹5 लाख करोड़ किया जाएगा और इसे मार्च 2023 तक बढ़ा दिया जाएगा। इस राशि को ख़ासतौर पर हॉस्पिटेलिटी और उससे जुड़े बिज़नस के लिए रखा गया है।
· क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फ़ॉर माईक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राईज़ (CGTMSE) फ़ंड को जोड़ देने से, माईक्रो और स्मॉल एंटरप्राईज़ को अतिरिक्त ₹2 लाख करोड़ का क्रेडिट मिलेगा।
· राईज़िंग एंड एक्सिलिरेटिंग MSME परफ़ॉर्मेंस (RAMP) प्रोग्राम के लिए अगले 5 साल के दौरान ₹6,000 करोड़ ख़र्च का प्रावधान किया जाएगा।

स्वास्थ्य
· नेशनल हेल्थ ईकोसिस्टम के लिए एक ओपन प्लेटफ़ॉर्म बनाया जाएगा।
· क्वालिटी मेंटल हेल्थ काउंसलिंग और केयर सर्विस के लिए नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम लॉन्च किया जाएगा।
· नेशनल हेल्थ मिशन के लिए ₹37,800 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
· प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लिए ₹10,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
· फ़ार्मासूटिकल्स के लिए PLI एलोकेशन को वित्त-वर्ष23 के लिए ₹1,629 करोड़ का बजट रखा गया है।

इन्क्लूसिव वैलेफ़ेयर
· हर घर, नल से जल - 3.8 करोड़ घरों में नल से पानी उपलब्ध कराने के लिए वित्त-वर्ष23 में ₹60,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
· सबके लिए घर - प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत 80 लाख घर बनाने के लिए ₹48,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
· नेशनल एजुकेशन मिशन में ₹39,553 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

डिजिटल बैंकिंग
· 2022 में, सभी 1.5 लाख पोस्ट ऑफ़िसों को कोर बैंकिंग सिस्टम से लाईव जोड़ा जाएगा।
· श्यडूल्ड कमर्शिल बैंकों की 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स को 75 ज़िलों में स्थापित किया जाएगा।

क्लीन एनर्जी और सस्टेनेबल मोबिलिटी
शहरी इलाक़ों में सार्वजनिक यातायात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार इलैक्ट्रिक गाड़ियां शुरु करेगी और ज़ीरो जैविक ईंधन की दिशा में बढ़ने पर काम करेगी।
· बैटरी आपस में बदलने (battery switchability) की पॉलिसी और पारस्परिक सामंजस्य (interoperability) के मापदंड तैयार किए जाएंगे ताकि शहरी इलाक़ों में बैटरी चार्जिंग स्टेशन की ज़रूरत को कम किया जा सके।
· PLI के उंची-क्षमता के ऐसे सोलर मॉड्यूल बनाने के लिए ₹19,500 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया जाएगा। इनमें पूरी तरह से इंटीग्रेटेड मैन्युफ़ैक्चरिंग यूनिटों को प्राथमिकता दी जाएगी।
· थर्मल पावर प्लांट में सालाना 38 MMT कार्बन डाईऑक्साईड उत्सर्जन कम करने के लिए 5 से 7 प्रतिशत बायोमास पैलेट्स को साथ में जलाया जाएगा।
· इंडस्ट्री के लिए ज़रूरी, चार पायलट प्रॉजेक्ट्स को शुरु किया जाएगा, जो उन्हें कोयले के गैस आधारित प्लांट में, और कोयले से कैमिकल प्लांट में बदलेगा।
· मिलेजुले ईंधन को बढ़ावा देने के लिए, अक्टूबर 2022 से शुद्ध ईंधन पर ₹2 प्रति लीटर का अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लिया जाएगा।

सरकारी ख़रीद
· चालू बिल के लिए 75 प्रतिशत राशि, अनिवार्य रूप से 10 दिनों के भीतर भुगतान करने का प्रावधान किया गया है और इससे जुड़े विवादों का निपटारा आपसी समझौतों के ज़रिए जल्दी हो सके, ऐसी व्यस्था बनाई जाएगी।
· एंड-टू-एंड ऑनलाईन ई-बिल सिस्टम लॉंच किया जाएगा, जिसके माध्यम से केंद्रीय मंत्रालय अपनी ख़रीद कर सकेंगे। इस सिस्टम में सप्लायर और कॉन्ट्रैक्टर अपने बिल और क्लेम डिजिटल सिग्नेचर से जमा कर सकेंगे और उसका स्टेटस कहीं से भी ट्रैक कर सकेंगे।
· इसके अलावा, सप्लायर और कॉन्ट्रैक्टरों का अप्रत्यक्ष ख़र्च कम करने के लिए, बैंक गारंटी के विकल्प के तौर पर श्योरटी बॉन्ड को स्वीकार किया जाएगा।
एनीमेशन विज़ुअल इफ़ेक्ट्स गेमिंग तथा कॉमिक्स (AVEGC) का प्रमोशन
· AVEGC सेक्टर की संभावनाओं को समझने के लिए एक टास्क फ़ोर्स का गठन किया जाएगा।

टेलीकॉम
· 5G स्पैक्ट्रम की नीलामी 2022 में की जाएगी।
· PLI स्कीम के एक हिस्से के रूप में 5G का ईकोसिस्टम बनाने के लिए, एक डिज़ाईन-आधारित मैन्युफ़ैक्चरिंग स्कीम लॉन्च की जाएगी।
· गांवों में ऑप्टिकल फ़ाईबर बिछाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट भारतनेट प्रॉजेक्ट के तहत PPP के ज़रिए वित्त-वर्ष 23 में दिए जाएंगे।
· वित्त-वर्ष 23 में टेलिकॉम और नेटवर्किंग प्रॉडक्ट्स के लिए ₹528 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

डिफ़ेंस
· वित्त-वर्ष 23 में घरेलू उद्योग के तहत, रक्षा क्षेत्र के लिए 68 प्रतिशत कैपिटल निर्धारित किया गया है, जबकि वित्त-वर्ष 22 में यह 58 प्रतिशत था।
· रक्षा अनुसंधान एवं विकास को इंडस्ट्री, स्टार्ट-अप और शिक्षा-क्षेत्र के लिए खोला जाएगा।

इंफ़्रास्ट्रक्चर स्टेटस
· डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर और क्लीन एनर्जी जमा करने के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए डेटा केंद्रों और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम इंफ़्रास्ट्रक्चर को सूची बद्ध किया जाएगा।

स्टार्ट-अप के लिए टैक्स रियायत
· टैक्स में छूट के फ़ायदों की योग्यता का दायरा एक साल बढ़ा कर मार्च 2023 कर दिया गया है।
· किसी भी तरह की संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले लंबी अवधि के कैपिटल गेन पर सरचार्ज 15 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है। ये कर्मचारियों को आकर्षित करने और ESOP के उपयोग को और बढ़ाएगा तथा इससे निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

नई बनी निर्माण ईकाइंयों के लिए टैक्स की रियायत
नई बनी मैन्युफ़ैक्चरिंग की सुविधाओं को 15 प्रतिशत के रियायती टैक्स का फ़ायदा देने के लिए, निर्माण शुरू करने की आखिरी तारीख़ मार्च 2023 से, एक साल बढ़ा कर, मार्च 2024 कर दी गई है।

छूट, कस्टम और टैरिफ़
· ड्यूटी और परियोजना आयात शुल्क में दी गई रियायतों ने कैपिटल गुड्स सेक्टर के विकास में रुकावटें पैदा की हैं। इनसे निपटने के लिए, सरकार ने कैपिटल गुड्स और परियोजना आयात में रियायती दरों को धीरे-धीरे ख़त्म करने, और 7.5 प्रतिशत का एक साधारण टैरिफ लागू करने का प्रस्ताव दिया है।
· कैपिटल गुड्स के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष कास्टिंग, बॉल-स्क्रू और लीनियर मोशन गाइड जैसे इनपुट पर कुछ छूट दी जा रही है।
· मौजूदा समय में दी जाने वाली 50 से ज़्यादा छूटों को धीरे-धीरे ख़त्म करने का प्रस्ताव है, जिसमें कुछ कृषि उत्पाद, रसायन, कपड़ा, चिकित्सा उपकरण और दवाओं पर दी जाने वाली छूट शामिल हैं। ये ऐसे उत्पाद हैं जिनके लिए अच्छी घरेलू क्षमता मौजूद है।
· पिछले साल स्टील स्क्रैप को दी गई कस्टम ड्यूटी पर छूट को MSME सेकेंडरी स्टील उत्पादकों को एक और साल के लिए बढ़ाया जा रहा है।
· धातुओं की ऊंची क़ीमत को ध्यान में रखते हुए, स्टेनलेस स्टील और कोटेड स्टील फ्लैट प्रोडक्ट, अलॉय स्टील के बार और हाई स्पीड स्टील पर कुछ एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग ड्यूटी को ख़त्म किया जा रहा है।
· गहने, ट्रिमिंग, फास्टनर, बटन, ज़िपर, लाइनिंग का सामान, ख़ास तरह का चमड़ा, फर्नीचर फ़िटिंग और पैकेजिंग बॉक्स जैसी चीज़ों पर छूट दी जा रही है, जिनकी ज़रूरत हैंडीक्राफ़्ट, टैक्सटाईल और चमड़े के कपड़ों, चमड़े के जूतों और दूसरी तरह के सामान के निर्यातकों को हो सकती है।
· श्रिम्प-एक्वाकल्चर के लिए ज़रूरी कुछ सामानों पर ड्यूटी को घटाया गया है।

इलैक्ट्रॉनिक्स
· पहनने वाले और सुनने के इस्तेमाल में आने वाले उपकरण, तथा इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट मीटर की डोमेस्टिक मैन्युफ़ैक्चरिंग सुविधा में समानता लाने के लिए कस्टम ड्यूटी में सुधार किया जा रहा है।
· मोबाइल फ़ोन चार्जर के एक ट्रांसफार्मर के पुर्ज़े पर, और मोबाइल कैमरा मॉड्यूल के कैमरा लेंस के साथ-साथ कुछ दूसरे सामान की ड्यूटी पर रियायतें दी जा रही हैं।
· बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स और IT हार्डवेयर के लिए PLI आवंटन वित्त-वर्ष 2013 के लिए ₹5,300 करोड़ का बजट है।
· बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स और IT हार्डवेयर के लिए वित्त-वर्ष 2013 का PLI आवंटन ₹5,300 करोड़ का है।

जवाहरात और ज्वेलरी
· पॉलिश किए डायमंड और जेमस्टोन पर कस्टम ड्यूटी को 5 प्रतिशत घटाया गया है।
· बिना तराशे हुए हीरे पर कोई सीमा शुल्क नहीं लगेगा।
· नकली ज्वेलरी के आयात पर कम-से-कम ₹400 प्रति किलो की कस्टम ड्यूटी तय की गई है।

केमिकल
· पेट्रोलियम रिफ़ाईन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण रसायनों, जैसे मेथनॉल, एसिटिक एसिड और भारी फ़ीडस्टॉक्स पर कस्टम ड्यूटी कम की जा रही है।
· सोडियम साइनाइड पर ड्यूटी बढ़ायी जा रही है जिसके लिए पर्याप्त घरेलू क्षमता है।

कॉर्पोरेट एग्ज़िट
· कंपनियों के ख़ुद बंद (volentary winding up) किए जाने की अवधि को, मौजूदा 2 साल से घटा कर, 6 महीने से भी कम किए जाने के लिए सेंटर फ़ॉर प्रोसेसिंग एक्सेलरेटेड कॉर्पोरेट एग्ज़िट (C-PACE) स्थापित किया जाएगा।


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