बजट स्पेशल

बजट 2022 और मार्केट

बजट 2022 की ऐसी घोषणाएं जिनसे कैपिटल मार्केट की ग्रोथ में मदद मिलेगी।

बजट 2022 और मार्केट


ये बेवजह नहीं है कि केंद्रीय बजट पर हर किसी का ध्यान लगा रहता है और हर साल इसका बेसब्री से इंतज़ार किया जाता है। केंद्र का सालाना बजट न केवल केंद्र सरकार की कई योजनाओं की रूपरेखा तया करता है बल्कि भविष्य की योजनाओं से लोगों की उम्मीदों तय करता है और निवेशकों को सरकार के इरादों भी बजट से पता चलते हैं। आने वाले साल में केंद्र सरकार की कई योजनाओं की रूपरेखा देकर, केंद्रीय बजट न केवल भविष्य की पहल के लिए लोगों की उम्मीदों को तय करता है, बल्कि इसके ज़रिए निवेशकों को सरकार के इरादों पर एक झलक भी मिलती है।
जहां इस साल के बजट को लेकर मार्केट का रुख़ कमोबेश शांत रहा है, वहीं एक ट्रेडर को ये समझना चाहिए कि बजट का असली असर बजट वाले दिन नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक पड़ने वाले असर के रूप में होता है। तो, बजट में की गई ऐसी घोषणाएं, जो हमारी नज़र में अहम हैं, उनकी एक लिस्ट हम यहां पर दे रहे हैं:
· सरकार “ग्रीन” बॉन्ड जारी करना चाहती है जिससे जुटाए गए धन का इस्तेमाल ग्रीन इंफ़्रास्ट्रक्चर को फ़ाईनांस करने में किया जाएगा ताकि कार्बन फ़ुट-प्रिंट कम करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
· स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए एक अलग कमेटी सेटअप की जाएगी जो ये पता करके परामर्श देगी कि वेंचर कैपिटल और प्राईवेट इक्विटी निवेश की रेग्युलेटरी रुकावटों को कैसे बढ़ाया जाए।
· सरकार द्वारा समर्थित फ़ंड [जैसे - नेशनल इन्वेस्टमेंट और इंफ़्रास्ट्रक्चर फ़ंड (NIIF)], सिडबी (SIDBI), और प्राईवेट फ़ंड मैनेजरों को साथ ले कर, सनराईज़ सेक्टर्स (जैसे - डिजिटल इकोनॉमी, एग्री-टेक, डीप-टेक, आदि) की फ़ंडिंग को प्रमोट किया जाएगा।
· ऐसे योग्य स्टार्ट-अप जो वित्त-वर्ष2023 में बने हैं, उनकी टैक्स रियायतों की समय सीमा को और आगे बढ़ाया जाएगा।
· वर्चुअल डिजिटल एसेट (जैसे कि बिटक्वाइन और दूसरी क्रिप्टोकरंसियां) पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा।
· एयर इंडिया (₹18,000 करोड़ की एंटरप्राईज़ वैल्यू) के सफल विनिवेश और नीलांचल इस्पात निगम (₹12,100 करोड़ की एंटरप्राईस वैल्यू) की सबसे ऊंची बोली लगाने की अनुमति देने के बाद, सरकार अब LIC के IPO को लॉंच करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ दूसरे विनिवेश के विकल्पों पर ग़ौर कर रही है।
· इंटरनेशनल फ़ाईनेंशियल सर्विसिज़ सेंटर (IFSC) में विदेशी निवेशकों के लिए नई सेवाओं को शुरु किया जाएगा।
· अनलिस्टिड शेयरों के लंबी-अवधि के कैपिटल गेन पर लगने वाले सरचार्ज को घटा कर 15% के फ़्लैट रेट कर दिया गया है।


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