टैक्स बचाने के सबसे बढ़िया तरीक़े
सितंबर 2021 तक, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फ़ंड (ELSS) के, एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पिछले एक साल के दौरान ₹98,000 से बढ़ कर ₹1.49 लाख करोड़ हो गया है - ये 50 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़त है। इस वक़्त टैक्स सेविंग फ़ंड्स, इंडस्ट्री के कुल AUM का क़रीब 10 प्रतिशत हैं (सभी ओपन-एंड इक्विटी फ़ंड में)। मार्केट का लगातार ऊपर बने रहना ही AUM के इतना बढ़ जाने का कारण रहा है।
हालांकि, अगर आप पिछले एक साल के दौरान इस कैटेगरी के इन-फ़्लो और आउट-फ़्लो को देखें, तो आपको ये तस्वीर उतनी अच्छी नज़र नहीं आएगी। इन-फ़्लो कुछ कम हुए हैं, और आउट-फ़्लो में बहुत बड़ा उछाल आया है। इसी का नतीजा है कि 6 साल के लंबे अर्से के बाद, इस कैटेगरी के नेट-फ़्लो नेगेटिव हो गए हैं।
ऐसा कई कारणों से हुआ है। पिछले साल मार्च में आए बड़े मार्केट क्रैश ने निवेशकों को डरा दिया होगा, और इसीलिए जब मार्केट वापस रिकवर हुआ, तो उन लोगों ने जिनका तीन साल का लॉक-इन-पीरियड पूरा हो गया था, उन्होंने अपना पैसा निकाल लिया। इसके अलावा, इसी दौरान महामारी की वजह से कई लोग आर्थिक परेशानियों से गुज़रे और उन्होंने इसका सामना अपनी बचत का इस्तेमाल कर के किया। साथ ही, कई लोगों ने नई टैक्स सिस्टम को चुना होगा, ये कम टैक्स रेट का है मगर सेक्शन 80C के तहत कोई छूट नहीं देता।
टैक्स बचाने के सबसे बढ़िया तरीक़े
फिर भी ये फ़ायदे का सौदा है
इसके बावजूद, मौजूदा ट्रेंड से निवेशकों को हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। वो लोग, जो अब भी पुराने टैक्स सिस्टम में हैं, उनके लिए टैक्स सेविंग म्यूचुअल फ़ंड अब भी बचत का सबसे अच्छा तरीक़ा हैं।
सभी टैक्स-सेविंग विकल्पों को दो कैटेगरी में रखा जा सकता है। पहली कैटेगरी में, कई तरह के पारंपरिक फ़िक्स इन्कम के विकल्प हैं, जिनमें पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (PPF), पांच-साल का बैंक फ़िक्स डिपॉज़िट (Bank-FD), नेशनल सेविंग्स सर्टिफ़िकेट (NSC) जैसी स्कीम हैं। दूसरी कैटेगरी में वो स्कीम हैं, जिनमें इक्विटी में निवेश किया जाता है, इसमें ELSS, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIPs) और नेशनल पेंशन सिस्टिम (NPS) है।
यूलिप को उनके ज़्यादा ख़र्च और हाइब्रिड होने की वजह से छोड़ देना ही बेहतर होगा। NPS एक अच्छी स्कीम है और ये आपको सेक्शन 80CCD (1B) के तहत ₹50,000 तक की अतिरिक्त टैक्स छूट भी देता है। मगर इसमें लिक्विडिटी नहीं है, और जब तक सब्सक्राइबर 60 साल की उम्र का नहीं हो जाता, उसका पैसा क़रीब-क़रीब लॉक ही रहता है। इसके अलावा मेच्योरिटी पर आपको एन्युटी ख़रीदनी होती है, जो कॉर्पस का कम-से-कम 40 प्रतिशत होती है। दूसरी तरफ़, ELSS का लॉक-इम पीरियड सिर्फ़ तीन साल का ही होता है, जो सबसे कम है। हालांकि, ज़्यादा-से-ज़्यादा फ़ायदा लेने के लिए इसमें लंबे वक़्त तक निवेश जारी रखना चाहिए।
यहां तक कि फ़िक्स इन्कम निवेशों में, PPF सबसे अच्छा रिटर्न देने वाला टैक्स-सेविंग विकल्प है, उसकी अवधि भी 15 साल है।
तुलना से समझें
हमने PPF की तुलना की है जिसमें, टैक्स के बाद के 15 साल के रिटर्न को आधार बनाया है। हमने इसमें टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फ़ंड की कैटेगरी के पिछले दस साल के, हर महीने की औसत को लिया है। जहां PPF के रिटर्न टैक्स फ़्री होते हैं, वहीं ELSS में लॉंग-टर्म कैपिटल गेन का फ़ायदा ₹1 लाख से ज़्यादा होने पर, 10 प्रतिशत का टैक्स लगता है। इसे सरल बनाने के लिए हमने ₹1 लाख की छूट को शामिल नहीं किया है।
जैसा कि 'इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम बनाम पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड' के ग्राफ़ में दिखाया गया है, टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फ़ंड PPF से कहीं बेहतर फ़ायदा देते हैं। इसे और बारीक़ी से समझने के लिए, हमने इसमें 15 साल के दौरान हर महीने, सबसे ख़राब रिटर्न देने वाले फ़ंड को ELSS कैटेगरी को शामिल किया है। इसमें भी सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले ELLS फ़ंड ने आधी बार PPF से बेहतर प्रदर्शन किया है।
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अभी रिटर्न कैसा मिल रहा है
जहां ये कैटेगरी काफ़ी अच्छा प्रदर्शन कर ही है और फ़्लैक्सी-कैप फ़ंड जैसा ही रिटर्न दिया है, मगर 2019 के मध्य से, ये S&P BSE 500 TRI से पिछड़ गई है। जैसा 'ELSS बनाम BSE 500 TRI (टोटल रिटर्न इंडेक्स)' ग्राफ़ में दिखाया गया है, ये कैटेगरी पहले आसानी से बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन कर रही थी, मगर ये गैप अब कम हो गया। 2018 में इससे मिलने वाले रिटर्न S&P BSE 500 TRI के बराबर थे। वहीं, 2019 के मध्य से, टैक्स सेविंग फ़ंड ने कैटेगरी बेंचमार्क से नीचे प्रदर्शन करना शुरु कर दिया है।
इसमें कोई शक़ नहीं है कि ELSS फ़ंड मैनेजरों को अपने फ़ंड के रिटर्न बेहतर करने की ज़रूरत है, पर इसका एक तरीक़ा ख़र्च को कम करने का भी हो सकता है। इसी कैटेगरी में, रेग्युलर प्लान का मीडियन ख़र्च (सितंबर 2021 तक) 2.25 प्रतिशत है। डायरेक्ट प्लान का मीडियन 1.05 प्रतिशत है।
इसके अलावा ये देखना भी दिलचस्प होगा कि BSE 500 के बेहतर प्रदर्शन का ट्रैंड कब तक क़ायम रहता है।
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ELSS फ़ंड्स कहां करते हैं निवेश
ज़्यादातर दूसरे फ़्लैक्सी कैप फ़ंड्स की ही तरह, इस कैटेगरी में लार्ज-कैप निवेश की औसत 70 प्रतिशत के क़रीब है। इससे ये साबित होता है कि इस कैटेगरी की ज़्यादातर स्कीमें लार्ज-कैप-हैवी हैं। जिन फ़ंड्स को लेने की सलाह हम देते हैं, उनकी निवेश की शैलियां कई तरह की हैं, जो हर तरह के निवेशक की ज़रूरत पूरी करती हैं।