कृपया रेग्युलर इनकम के लिए एन्युटी प्लान की जगह पर 20-25 साल के लिए फिक्स्ड इनकम विकल्प का सुझाव दें
-पीयूष
पहली बात तो यह है कि दूसरे फिक्स्ड इनकम विकल्प पर शिफ्ट होना अच्छी बात है क्योंकि भारत में एन्युटी न तो बहुत सक्षम है और न ही सस्ता। और ऐसा सिर्फ आपके साथ ही नहीं है। यहां तक कि पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) भी इस बात पर नए सिरे से विचार कर रहा है कि एन्युटी प्लान खरीदने के बजाए विद्ड्रॉअल प्लान का विकल्प दिया जाए। पीएफआरडीए भी इस बात को समझ रहा है कि एन्युटी ही इकलौता विकल्प नहीं होना चाहिए। ऐसे में आप सही राह पर हैं।
अपना प्लान तैयार करने के लिए पहले आप इस बात पर गौर करें कि आपकी मंथली इनकम की जरूरत कितनी है और आपकी पूंजी कितनी है इसके बाद यह चेक करें कि क्या यह मैच होती है। शुरूआती वर्षों में आप इस समीकरण के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। शुरूआती वर्षों में सालाना 6 फीसदी से अधिक रकम निकालने पर इस बात का खतरा पैदा हो जाएगा कि आप अपनी पूंजी ही खाने लगेंगे। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपनी पूंजी न खाने लगें। और कभी कभी ऐसा समय भी आएगा जब बाजार आपके अनुकूल नहीं होगा। इसके आधार पर आपको असेट अलॉकेशन पर फैसला करना होगा। शायद ऑल फिक्स्ड इनकम प्लान काफी नहीं होगा। ऐसा प्लान तो बढ़ती इनकम की जरूरत को पूरा करे के लिए आपको ऐसा विद्ड्रॉअल प्लान अपनाना होगा जिसमें सालाना 4 फीसदी से अधिक रकम न निकाली जाए। इस तरह का विद्र्डॉअल प्लान आपको इस लायक बनाएगा कि आप इनकम का एक बड़ा हिस्सा निकाल सकते हैं और इसका एक छोटा हिस्सा ग्रोथ के लिए छोड़ सकते हैं। तो मान लेते हैं कि आपके पास 100 रुपए हैं और यह रकम सालाना 8 फीसदी की दर से बढ़ रही है। अगर आप 6 फीसदी निकाल लेते हैं तो बाद के वर्षों में अधिक इनकम की जरूरत के लिए कुछ रकम बची रहेगी। लेकिन अगर आप 8 फीसदी निकाल लेते हैं तो आपकी पूंजी उतनी ही रहेगी यानी इसमें कोई ग्रोथ नहीं होगी। ऐसे में यह अच्छी बात नहीं होगी क्योंकि अगले 25 वर्षों में अधिक इनकम की जरूरत होगी। ऐसा कोई तरीका नहीं है कि 10 साल के बाद कम रकम की जरूरत होगी। आपको निश्चित तौर पर अधिक रकम की जरूरत होगी। ऐसे में आपको ग्रोथ की रकम का एक हिस्सा छोड़ना होगा।
ऐसे में आपको निवेश की रकम के हिसाब से 15-35 फीसदी रकम इक्विटी में निवेश करने पर विचार करना होगा। अगर आपके पास कम पूंजी है तो आपको जोखिम लेना होगा लेकिन अगर आपके पास अच्छी पूंजी है तो आपको इक्विटी में कम रकम निवेश करने की जरूरत होगी। आपके लिए आदर्श प्लान यह होगा कि मौजूदा वर्ष में पूंजी में जो भी इजाफा हो तो अगले साल आप इसका 80 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं और 20 फीसदी हिस्सा छोड़ दें। इस तरह से आपकी पूंजी बढ़ती रहेगी। अच्छे समय में आपकी पूंजी में ज्यादा इजाफा होगा लेकिन बुरे समय में आप अपनी पूंजी नहीं खाएंगे। इस तरह के अनुशासन की जरूरत होगी।