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साफ सुथरा हो सकता है घर बेचने का बिजनेस

सालों से जारी आर्थिक सुस्‍ती के बाद महामारी का प्रकोप घर बेचने के बिजनेस में सुधार ला सकता है

साफ सुथरा हो सकता है घर बेचने का बिजनेस

रियल एस्‍टेट मार्केट इन्‍वेस्‍टमेंट मार्केट की तुलना में कहीं ज्‍यादा खराब तरीके से काम करता है। यहां इन्‍वेस्‍टमेंट मार्केट का मतलब स्‍टॉक्‍स या बॉण्‍ड में निवेश से है। शायद आप में से बहुत से लोग इस बात से सहमत नहीं होंगे। ऐसे में इसे स्‍पष्‍ट करना जरूरी है। पहले हम यह समझते हैं कि सही तरह से काम करने वाला मार्केट क्‍या है ?


सही तरह से काम करने वाला मार्केट ऐसा मार्केट है जहां बड़े पैमाने पर पारदर्शिता हो। मार्केट में खरीदी और बेची जाने वाली चीजों के बारे में जानकारी आसानी से मिल रही हो। इसके अलावा मांग, आपूर्ति और ट्रांजैक्शन के बारे में भी चीजें साफ हों। अगर मार्केट में ये चीजें हैं तो इस बात की संभावना काफी अधिक है कि खरीदार और विक्रेता दोनों को सही डील मिलेगी। और उनको इस बात का भरोसा भी होगा कि उनको सही डील मिलेगी। यहां यह बात अहम है कि सही डील मिलने का भरोसा वास्तव में सही डील मिलने जितना ही महत्वपूर्ण है।

नि‍श्चित तौर पर अगर इस लिहाज से फाइनें‍शियल मार्केट की बात करें तो यह खामियों से मुक्‍त नहीं है। छोटी कंपनियों और ऐसे स्‍टॉक्‍स जिनकी ट्रेडिंग बहुत कम होती है के लिहाज से मार्केट अच्‍छी तरह से काम नहीं कर रहा है। हालांकि तब भी इन्‍वेस्‍टमेंट मार्केट के काम करने का तौर- तरीका रियल एस्‍टेट मार्केट जितना खराब नहीं है। समस्‍या यह है कि रियल एस्‍टेट से पेशेवर जुड़ाव न रखने वाले सामान्‍य व्‍यक्ति को कभी-कभी इससे डील करना पड़ता है। एक सामान्‍य इंडीविजुअल निवेशक यह उम्‍मीद कर सकता है कि स्‍टॉक्‍स में निवेश करते हुए वह अनुभव और विशेषज्ञता हासिल करेगा। लेकिन रियल एस्‍टेट के साथ ऐसा नहीं है। ऐसे में रियल एस्‍टेट में निवेश बहुत से लोगों के लिए बहुत खतरनाक हो जाता है।

अगर आप सही तरीके से काम करने वाले बनाम सही तरीके से काम न करने वाले मार्केट की परिभाषा पढ़ें तो आप पाएंगे कि यह पूरी तरह से सूचना के प्रवाह और जानकारी की विश्‍वसनीयता के बारे में है। हालांकि मार्केट से सूचना का प्रवाह अच्‍छा हो या खराब हमें अपनी समझ का इस्‍तेमाल भी करना होगा। रियल एस्‍टेट में एक और बड़ी समस्‍या है। हमारा मेंटल मॉडल। मार्केट में वास्‍तव में चल क्‍या रहा है इसको लेकर हमारा अपना विचार।

मैं इसके बारे में पहले भी लिख चुका हूं कि हम लोगों में से ज्‍यादातर लोगों की रियल एस्‍टेट के काम करने तरीके को लेकर समझ बहुत पुरानी है। आम तौर पर खरीदार रियल एस्‍टेट को लेकर पुरानी सोच से बंधा हुआ है। खरीदारों में यह पुरानी सोच पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रही है। दशकों पहले तक यह सोच सही थी। लेकिन रियल एस्‍टेट डेवलपर्स ने काम करने का नया तौर- तरीका अपना लिया और फिर खरीदारों की सोच का आज के लिहाज से कोई मतलब नहीं रह गया। मैं आपको रियल एस्‍टेट इन्‍वेस्‍टमेंट के पुराने मॉडल के बारे में बता रहा हूं। पहले प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने के शायद पांच सोर्स होते थे और आपका अंतिम मुनाफा इन सभी का उत्‍पाद होता था। पहला सोर्स था कृषि या बंजर भूमि से लैंड यूज बदल कर रेजीडेंशियल या कमर्शियल किया जाना। दूसरा सोर्स, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बनना जिससे की जमीन का इस्‍तेमाल नए मकसद के लिए हो सके। तीसरा सोर्स, इलाके में आबादी बढ़ने के याथ जमीन का आवासीय या कमर्शियल रूप से आर्थिक तौर पर और ज्‍यादा वहनीय होना। चौथा सोर्स, रियल एस्‍टेट में समय-समय पर आने वाली तेजी या गिरावट। पांचवा सोर्स, सामान्‍य आर्थिक विकास और अर्थव्‍यवस्‍था की महंगाई एक साथ मिल कर मांग और कीमतों को बढ़ाती थीं जिससे प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़तीं थीं।

आपके माता-पिता और दादा के समय एक इंडीविजुअल घर बनाने वाला इन पांच चरणों में से तीन या चार चरणों में कीमतों में होने वाला इजाफा हासिल कर सकता था। कभी-कभी ऐसा सभी पांच चरणों के लिए भी हो सकता था। साल 2,000 की शुरूआत में रियल एस्‍टेट डेवलपर्स ने सभी पांच चरणों का फायदा उठाने का प्रयास शुरू कर दिया। अक्‍सर डेवलपर्स पांचवे चरण्‍ा की भविष्‍य की कीमत को भी हासिल करने का प्रयास भी करते हैं। इसके लिए वे अक्‍सर ऐसी कीमत की बात करते हैं जो भविष्‍य के लिहाज से उचित साबित हो सकती है। यह हमारे माता- पिता की पीढ़ी के समय के लिहाज से ठीक विपरीत था। उस समय घर बनाने का तरीका यह था कि लोग शहर से दूर अविकसित या कम विकसित इलाके में एक प्‍लॉट खरीदते थे। एक बार प्‍लॉट ले लेने के बाद कुछ गलत होने की गुंजाइश बहुत कम रह जाती थी और लोग अपने बजट के हिसाब से धीरे-धीरे घर बना लेते थे। यह एक अच्‍छा निवेश होता था।


हो सकता है कि रियल एस्टेट बिजनेस के काम-काज में कुछ सुधार आए क्योंकि महामारी ऐसे समय में आई है जब सेक्टर में कीमतें पिछले चार- पांच साल से एक ही स्तर के आसपास बनी हुई हैं। हो सकता है कि डेवलपर्स ने यह सपना देखना छोड़ दिया हो कि कीमतें हमेशा बढ़ती रहेंगी।

आपके लिए इसका क्‍या मतलब है ? हम जल्‍द ही अगले कॉलम में इसके बारे में विस्‍तार ये बात करेंगे।


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