कौन सा निवेश बेहतर होगा- सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड एसजीबी या आरबीआई फ्लोटिंग रेट बॉण्ड ?
एस. मुरली
दोनों बहुत अलग हैं। इनकी अंडरलाइंग असेट क्लास एक दूसरे पूरी तरह से अलग हैं। ऐसे में मेरा मानना है कि दोनों की तुलना नहीं की जा सकती है। हालांकि दोनों निवेश की अवधि काफी हद तक समान है। एक आठ साल की स्क्ीम है और दूसरे की अवधि सात साल है। मेरा सुझाव है कि आपको निवेशक के मकसद के हिसाब से विकल्प चुनना चाहिए। मैं उस मकसद के बारे में बताउंगा जिसके लिए ये दोनों निवेश लाभदायक हो सकते हैं और मुझे उम्मीद है कि इससे आपको दोनों विकल्पों में से एक विकल्प चुनने में मदद मिलेगी।
पहले सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड की बात करते हैं। हम आम तौर पर गोल्ड को निवेश के तौर पर नहीं देखते हैं। इसे बाजार में गिरावट के दौरान इक्विटी के अगेंस्ट बचाव के तौर पर देखा जा सकता है। अगर आप ऐतिहासिक तौर पर देखें तो जब भी इक्विटी में तेज गिरावट आई है उस समय गोल्ड ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है। तो इस नजरिए से कुछ निवेशक अपने पोर्टफोलियो में कुछ अलॉकेशन गोल्ड के लिए कर सकते हैं। यह इक्विटी निवेश के लिए बचाव के तौर पर काम कर सकता है। इस तरह की जरूरत के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड बेहतर विकल्प हो सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड गोल्ड की कीमतों में वृद्र्धि के ऊपर 2.5 फीसदी रिटर्न देते हैं। और गोल्ड की कीमतों में इजाफा अपने आप में टैक्स फ्री है। कुल मिला कर गोल्ड में थोड़ा अलॉकेशन अच्छा है।
अब बात करते हैं आरबीआई फ्लोटिंग रेट बॉण्ड की। ये आपकी लंबी अवधि के फिक्स्ड इनकम अलॉकेशन के लिए बेहतर विकल्प हैं। मौजूदा समय में ये लगभग 7.15 फीसदी रिटर्न दे रहे हैं। हालांकि इनका रिटर्न हर छह माह पर तय होता है। लेकिन जिस तरह के कम ब्याज दर वाले माहौल में हम रह रहे हैं उसके हिसाब से देखें तो यह काफी अच्छा रिटर्न है। जो लोग नियमित तौर पर रकम चाहते हैं उनके लिए यह सही निवेश है। ये बॉण्ड हर छह माह में ब्याज का भुगतान करते हैं। तो इस नजरिए से फिक््सड इनकम निवेशक के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
इस सूचना के आधार पर आप यह फैसला कर सकते हैं कि आपके लिए कौन सा निवेश बेहतर है।