स्टॉक एडवाइज़र

स्टॉक रेकमेंडेशन के तीन स्तर

वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र रेकमेंडेशन के तीन सब-सेट हैं। ये तीनों लेवल आपके निवेश को फ़ाइन-ट्यून करने में और रिटर्न बढ़ाने में आपकी मदद करते हैं।

स्टॉक रेकमेंडेशन के तीन स्तर

अगर दुनिया परफ़ेक्ट होती, तो हमारी एक छोटी सी स्टॉक रेकमेंडेशन लिस्ट होती, और आप ख़ुशी-ख़ुशी उस छोटी लिस्ट के हर स्टॉक में निवेश करते। जैसे-जैसे वक़्त गुज़रता, आपका एक शानदार कॉस्ट-एवरेज वाला पोर्टफ़ोलियो बन जाता, जो वैल्यू बढ़ने के साथ-साथ आदर्श तरीक़े से बड़े रिटर्न देता रहता।
हालांकि, किसी भी दूसरे व्यक्ति के मुक़ाबले इक्विटी इन्वेस्टर इस बात को बेहतर तरीक़े से समझते हैं कि दुनिया परफ़ेक्ट नहीं है। वक़्त गुज़रने के साथ-साथ, मुनाफ़ा भी कम-ज़्यादा होता रहता है, बिज़नस की परिस्थितियां बेहतर या ख़राब होती रहती हैं, महामारियां आती हैं और (उम्मीद है) चली जाती हैं, और इस सब में स्टॉक कमोबेश लुभावने हो जाते हैं। जब स्टॉक कमोबेश लुभावने होते हैं, तब भी याद रखने वाली बात है कि वो हमेशा के लिए नहीं लुभावने नहीं रहते। किसी स्टॉक में निवेश की इच्छा कहीं स्थिर होती है, बजाए उस स्टॉक के लुभावनापन के, जो कुछ ज़्यादा ही जल्दी-जल्दी बदल जाता है।
हमारे रेकमेंडेशन सिस्टम के सब-सेट इसी बारे में हैं। आइए, एक मेंबर के तौर पर आपको मिलने वाले Value Research Stock Advisor के अलग-अलग स्टॉक सेट को देखते हैं।
रेकमेंड किए गए स्टॉक
रेकमेंड किए स्टॉक्स की हमारी मास्टर लिस्ट है 'Buy'. बाक़ी के ग्रुप इसी लिस्ट का हिस्सा हैं। स्टॉक रेकमेंडेशन करने के लिए कई स्तरों पर काम किया जाता है। शुरुआत होती है, बहुत सारे लिस्टिड स्टॉक पर लगातार नज़र रखने, मैनेजमेंट की क्वालिटी परखने, और कई पैमानों पर बिज़नस की संभावनाओं के विस्तृत आकलन से। ज़ाहिर है ये स्टॉक, पूरे मार्केट का एक छोटा सब-सेट हैं, पर इसके नंबर इतने कम भी नहीं हैं। हमने क़रीब चार साल पहले स्टॉक एडवाइज़र सर्विस 10 स्टॉक के साथ शुरु की थी और धीरे-धीरे इस लिस्ट को बड़ा किया है। आज हमारी इस 'Buy' लिस्ट में 55 स्टॉक हैं। ये चुने हुए स्टॉक हर पैरामीटर पर लगातार जांचे जाते हैं और अगर हमें लगता है कि किसी स्टॉक में कोई ऐसा बदलाव आ गया है जो निवेश के लिए सही नहीं है, तो हम उसे लिस्ट से हटा देते हैं।
ये एक बेस लिस्ट है। इसके बाद आती है हमारी ‘Best Buys Now’.
Best Buys Now
ये लिस्ट, मुख्य लिस्ट का हिस्सा है। इसे तैयार करने का मुख्य कारण था कि आमतौर पर निवेशकों के लिए 40-50 स्टॉक एक बड़ा नंबर हो जाता है, ख़ासतौर पर नए मेंबरों के लिए। इस लिस्ट का ये मतलब नहीं है कि हमारी लिस्ट के बाक़ी स्टॉक, किसी तरह से 'डी-रेकमेंड' कर दिए गए हैं या रेकमेंडेशन से हटा दिए गए हैं। ये उतने ही अच्छे निवेश होते हैं जितने कि 'Best Buys'. मगर, इस ‘Best Buys Now’ लिस्ट से, एक समय में आपका सारा फ़ोकस सिर्फ़ 18 स्टॉक तक सीमित हो जाता है, जो पोर्टफ़ोलियो बनाने को आसान कर देता है।
Best Buys में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि मार्केट अपने स्पेक्ट्रम के दोनों सिरों पर काम करता है। कभी, एक अच्छा बिज़नस किसी तात्कालिक कारण से मार खा सकता है, जो उसके वैलुएशन को बेहतर कर देता है। आमतौर पर, अगर आपका निवेश किया हुआ पैसा इतना नहीं भी है कि वो स्टॉक्स की पूरी लिस्ट के साथ न्याय कर सके, तो आप अपने निवेश का फ़ोकस इन Best Buys पर ही रख सकते हैं।
री-रेकमेंडेशन
कई बार हम अपनी रेकमेंड की हुई लिस्ट के ही स्टॉक को री-रेकमेंड करते हैं, यानि दोबारा रेकमेंड करते हैं। ये एक अजीब बात लग सकती है, मगर इसका हमारे मेंबरों के लिए एक ख़ास महत्व है।
री-रेकमेंडेशन का मतलब हुआ कि हम उस स्टॉक में निवेश की अहमियत पर दोबारा ज़ोर दे रहे हैं क्योंकि अब उसमें निवेश करने के बुनियादी कारण में बड़ा बदलाव हुआ है। उन बातों में बदलाव हुआ है, जिसकी वजह से हमने उसे पहले रेकमेंड किया था। ये कुछ ऐसा बदलाव होता है जिसने इस स्टॉक को निवेश के लिए और भी ज़्यादा आकर्षक बना दिया होता है।
हम सभी जानते हैं कि किसी स्टॉक को पसंद करना (desirability of a stocks) दो फ़ैक्टर्स का कॉम्बीनेशन होता है। इनमें से एक है, स्टॉक का मूल गुण और दूसरा है, मौजूदा दाम में उसे लेने में फ़ायदेमंद ऑफ़र (proposition that it offers). हम किसी स्टॉक को री-रेकमेंड तब करते हैं, जब इन दोनों बातों में से कोई एक या अक्सर दोनों फ़ैक्टर उससे बेहतर हो जाते हैं जितने पहले रेकमेंड करने के समय थे।
आपको क्या करना चाहिए
तो, जब आप वैल्यू रिसर्च स्टॉक एडवाइज़र का मेंबर बनेंगे, तब आपको अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी को और बेहतर करने में मेन लिस्ट के ये सब-सेट काफ़ी काम आएंगे। अगर आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं और/या आपके पास सीमित फ़ंड हैं, तो अभी के लिए Best Buys Now लिस्ट पर ही अपना फ़ोकस रखें, और अपनी होल्डिंग लगातार बढ़ाते रहें।
जब हम कोई स्टॉक री-रेकमेंड करते हैं, तो हमारा संकेत साफ़ होता है कि ये स्टॉक अब और ज़्यादा आकर्षक हो गया है। अगर आपने किसी भी कारण से, इसमें निवेश बंद कर दिया है, तो आपको अपनी ग़लती सुधार लेनी चाहिए। इसमें निवेश करना शुरु कर देना चाहिए। और अगर आप इसमें इन्वेस्ट कर रहे हैं, तब आपको अपना निवेश बढ़ा देना चाहिए। री-रेकमेंड करने का मतलब है कि ये ज़्यादा अट्रैक्टिव है और इनमें ज़्यादा ज़ोरदार निवेश करना आपके लिए फ़ायदेमंद होगा। न तो Best Buys, न ही री-रेकमेंड करना बाक़ी की पूरी लिस्ट की अहमियत कम करता है। बजाए इसके, आपको इनसे अपना निवेश फ़ाइन-ट्यून करने में मदद ही मिलती है।
क्या ये सब पढ़ कर इक्विटी में निवेश की आपकी इच्छा और मज़बूत हुई है? मुझे ऐसी ही उम्मीद है। ऐसे में आपको तुरंत Value Research Stock Advisor की तरफ़ रुख़ करना चाहिए और अपनी मेंबरशिप ले लेनी चाहिए।


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