चींटी और टिड्डी की कहानी आपने सुनी होगी। ठंड का मौसम आने वाला है। यह जानकर चींटी अपनी कॉलोनी में रहने वाले अन्य लोगों के साथ कड़ी मेहनत करते हुए अनाज का एक एक दाना जुटा कर स्टोर कर रही थी। टिड्डी ने चींटी को काम करते हुए देखा और उसका मजाक उड़ाया। टिड्डी का मानना था कि अभी तो मजे लो भविष्य को लेकर चिंता करने का क्या फायदा। उसे एक एक दाना जुटा कर उसे इकठ्टा करना भी बेकार की कवायद लगती थी। उसका मानना था कि इस तरह से एक एक दाना जुटा कर कितना अनाज इकठ्ठा किया जा सकता है।
चींटी ने भी टिड्डी को समझाने का प्रयास किया कि उसे आने वाले दिनों की जरूरतों के लिए कुछ जमा कर लेना चाहिए, वरना जाड़े में उसे खाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा। लेकिन टिड्डी ने उसकी सलाह पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब तक ठंड का मौसम आया चींटी ने अपने लिए इतना खाना जुटा लिया था जो उसकी जरूरत से थोड़ा ज्यादा ही था। भीषण ठंड में जब बर्फबारी शुरू हुई और तो चारों तरफ बर्फ ही बर्फ पसर गई। घास या फूल पत्तियों का नामों निशान भी नहीं रह गया। ऐसे में टिड्डी भूख की मार से बेहोश हो गई। जब चींटी को इसके बारे में पता चला तो उसने टिड्डी को खान देकर उसकी जान बचाई।
इस कहानी में चींटी को एसआईपी निवेशक कहना गलत नहीं होगा। उसने अनाज का एक एक दाना जुटा कर एक समय के बाद इतना अनाज जुटा लिया जिससे पूरे जाड़े में उसकी खाने की जरूरत पूरी हो सकती थी। उसने छोटे-छोटे निवेश से अपने गोल या जरूरत को पूरा किया। वहीं टिड्डी को लगता था कि इतने छोटे कंट्रीब्यूशन से क्या होगा और इससे कोई खास अंतर नहीं पड़ेगा।
जब आप एसआईपी के जरिए छोटी रकम निवेश करना शुरू करते हैं तो हो सकता है कि यह आपको कम लगे लेकिन समय के साथ यह बड़ी रकम बन जाती है। जब आप एसआईपी इक्विटी फंड में करते हैं तो आपको लंबी अवधि में ऊंचे रिटर्न का फायदा भी मिलता है। उदाहरण के लिए अगर आप 5,000 रुपए हर माह एक इक्विटी फंड में निवेश करते हैं और आपको सालाना 12 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 10 साल में आप 11.62 लाख रुपए की रकम बना लेंगे।
आपका गोल भले ही कितना ही बड़ा क्यों न हो। आप उसे छोटे टुकड़ों में तोड़ दीजिए। एसआईपी आपके लिए यही करती है। जैसे आज आपको लगता है कि 20 साल बाद आपको 5 करोड़ रुपए की जरूरत होगी तो आज आपको यह बड़ी राशि लग सकती है। हो सकता है कि आपको लगे कि इतनी बड़ी रकम जुटाना मेरे बस की बात नहीं है। लेकिन एसआईपी आपको इसी मुश्किल से बचाती है। इसके अलावा जब आप अपनी इनकम बढ़ने के साथ एसआईपी की रकम हर साल बढ़ाते रहते हैं तो आपकी रकम और तेजी से बढ़ती है। इस तरीके से आप अपनी जरूरत की रकम तक और तेजी से पहुंच सकते हैं। वहीं निवेश करते हुए अगर आपको लगता है कि आपकी एसआईपी की रकम गोल को पूरा नहीं कर पाएगी तो आप एसआईपी की रकम बढ़ा कर उस कमी को पूरा कर सकते हैं। ऊपर बताए गए उदारहण में अगर आपने अपनी एसआईपी की रकम हर साल 10 फीसदी बढ़ाई होती तो आप समान अवधि में 15.36 लाख रुपए की रकम बना सकते थे।
हमारे कई गोल या जरूरतें हो सकती हैं। जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की एजुकेशन और शादी, घर या कार खरीदना। आप हर गोल के लिए अगल एसआईपी कर सकते हैं। इस तरह से आप अपने निवेश का बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं। आपको अवधि के हिसाब से हर गोल के लिए सही कैटेगरी का फंड चुनना चाहिए। अगर आपका कोई गोल पांच साल के बाद आने वाला है तो उसके लिए इक्विटी फंड में निवेश करें। जो गोल तीन या पांच साल दूर हैं उसके लिए इक्विटी सेविंग्स और कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड में निवेश करें। ऐसे गोल जो एक से तीन साल में पूरे होने वालें उसके लिए अल्ट्रा शार्ट ड्यूरेशन फंड या लिक्विड फंड में निवेश करें।
आपको इक्विटी में एसआईपी के जरिए निवेश करना चाहिए। इससे आप अपनी पूरी रकम ऐसे समय में नहीं निवेश करेंगे जब बाजार अपने उच्चतम स्तर पर हो। और सबसे जरूरी बात आप को एसआईपी अनुशासन के साथ करनी चाहिए और इस पर भरोसा बनाए रखना चाहिए।