फ़र्स्ट पेज

मुनाफा कमाने के लिए अच्‍छा फंड बेच देना कितना सही

निवेश में खरीदना आसान है लेकिन बेचना उतना ही मुकिश्‍ल है

मुनाफा कमाने के लिए अच्‍छा फंड बेच देना कितना सही

म्‍युचुअल फंड में निवेश करना वैसे तो आसान है। लेकिन म्‍युचुअल फंड भी कई तरह के होते हैं। इतनी ज्‍यादा स्‍कीमें हैं। इससे नए निवेशक के लिए यह फैसला लेना आसान नहीं होता है कि कहां से शुरू करें। कई निवेशक इसके लिए फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लेते हैं या किसी वेबसाइट की मदद लेते हैं या जान पहचान के लोगों से पूछते हैं। निवेश करने के बाद निवेशक को एक और मुश्किल का सामना करना पड़ता है। यह मुश्किल है कि कौन सा फंड बेचें और कब बेचें।
दिलचस्‍प बात यह है कि जानकार और ज्‍यादा सक्रिय निवेशकों को इस दिक्‍कत का सामना ज्‍यादा करना पड़ता है। इसका कारण यह है कि सक्रिय निवेशक हमेशा कुछ न कुछ करना चाहता है। ऐसे निवेशक आम तौर पर निपवेशक के तौर पर अच्‍छा करते हैं। ऐसे निवेशक सीखते हैं, आंकड़ों का विश्‍लेषण करते हैं और इसके आधार पर फंड खरीदते और बेचते हैं। इससे यह धारणा बनती है कि एक अच्‍छे निवेशक को हर समय कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। इसका नतीजा यह हुआ कि निवेशक हमेशा अपना निवेश बेचने के लिए तैयार रहता है।

आम तौर पर फंड बेचने की ज्‍यादातर वजह सही नहीं होती है। इसके कुछ अपवाद भी हैं लेकिन अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि निवेशक को जब पेसे की जरूरत होती है तो वह इसे फंड बेचने की सही वजह मान लेता है और फंड बेवने की गलत वजह आम तौर पर फंड से जुड़ी होती है। मैं इसके बारे में आपको और विस्‍तार से बताता हूं। जरूरत से ज्‍यादा सक्रिय निवेशक जब फंड बेचना चाहते हैं तो तीन वजह बताते हैं। पहला, उन्‍होंने फंड से मुनाफा कमा लिया है। दूसरा, उनको नुकसान हुआ है और तीसरी वजह यह होती है कि उनको न तो नुकसान हुआ है और न फायदा। मेरा मतलब है कि जब निवेशक कुछ करना चाहता है कि तो वह अपने कदम को सही ठहराने के लिए किसी भी स्थिति में कोई न कोई वजह तलाश लेता है।
फंड बेचने की ऊपर बताई गई तीन वजहों में से कोई भी सही नहीं है। ये फंड बेचने के लिए अपने आप में कोई वैध कारण नहीं हैं। पहली वजह मुनाफा कमाने से जुड़ी है। मुनाफा कमाना या मुनाफा वसूली के विचार को वित्‍तीय सलाहकारों ने बढ़ावा दिया है। स्‍टॉक्‍स या शेयरों के लिए मुनाफा वसूली को कोई मतलब नहीं है और म्‍युचुअल फंड के लिए तो मुनाफा वसूली का विचार और भी खराब है। वास्‍तव में इस तरह रवैया रखने वाले निवेशक अच्‍छा प्रदर्शन करने वाले फंड को बेच देते हैं और खराब प्रदर्शन करने वाले फंड को बनाए रखते हैं। म्‍युचुअल फंड में आपका फंड मैनेजर यह तय करता है कि कौन सा शेयर बेचना और कौन सा शेयर खरीदना है। अगर फंड मैनेजर अपना काम अच्‍छी तरह से कर रहा है तो फंड अच्‍छा रिटर्न हासिल करता है। ऐसे में अच्‍छा प्रदर्शन कर रहे फंड को बेचना निवेश के लिए नुकसान का ही सबब बनता है।
अब फंड बेचने की दूसरी वजह की बात करते हैं। निश्चित तौर पर खराब प्रदर्शन कर रहे फंड से छुटकारा पाना सही है। लेकिन इससे पहले आपको देखना होगा कि फंड कितने समय से खराब प्रदर्शन कर रहा है और इसका प्रदर्शन दूसरे फंडों की तुलना में कितना खराब है। कई बार निवेशक ऐसे फंड को भी बेचने का प्रयास करते हैं तो अच्‍छा प्रदर्शन कर रहा होता है लेकिन दूसरे फंड की तुलना में वह थोड़ा कम रिटर्न दे रहा होता है। जैसे कोई निवेशक यह कह सकता है कि पिछले साल मेरे फंड ने 25 फीसदी रिटर्न दिया लेकिन दूसरे पांच फंड ने 30 फीसदी रिटर्न दिया। ऐसे में मैं अपना फंड बेच कर इन फंडों को खरीदना चाहता हूं। कम अवधि के पिछले प्रदर्शन के आधार पर एक फंड बेचकर दूसरे फंड पर शिफ्ट होने से आम तौर पर निवेशक को नुकसान ही उठाना पड़ता है और इससे भविष्‍य का रिटर्न बेहतर करने में कोई मदद नहीं मिलती है। अगर कोई फंड पिछले दो या इससे अधिक साल से लगातार खराब प्रदर्शन कर रहा है और इसकी वैल्‍यू रिसर्च रेटिंग दो पायदान नीचे आ गई है तो आपको फंड बेचने पर विचार करना चाहिए।

तो इन सब बातों से हमें क्‍या पता चलता है। इसका सही जवाब यह है कि हमें फंड बेचने का फैसला अपने फाइनेंशियल गोल के आधार पर करना चाहिए। जब आपके पास अपनी जरूरत पूरी करने के लायक रकम हो जाए तो आप रकम निकाल सकते हैं। मान लेते हैं कि पांच, दस या पंद्रह साल लगातार एसआईपी के जरिए निवेश किया और अब आपकी रकम जरूरत पूरी करने लायक हो गई है। जैसे आपको घर खरीदने के लिए डाउनपेमेंट करना है या बच्‍चे की एजुकेशन के लिए रकम चाहिए या किसी और जरूरत के लिए। अगर आप अपनी जरूरत पूरी के करीब पहुंच रहे हैं तो आपको निवेश भुना लेना चाहिए। बाजार चाहे किसी भी स्थिति में हो ऊपर हो या नीचे। अगर आप खर्च को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं तो आपको समय से एक या दो साल पहले निवेश भुना लेना चाहिए। अगर आपका निवेश इक्विटी फंड में है तो आपको रकम निकाल कर लिक्विड फंड लगाना शुरू कर देना चाहिए। इसके लिए आपको सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान यानी एसटीपी की मदद लेनी चाहिए। यह आपके लिए आसान होगा।
आपको इस पर गौर करना चाहिए कि निवेश का लक्ष्‍य निवेश करना नहीं बल्कि बेचना है जिससे कि आप वह रकम हासिल कर सकें तो आपने निवेश करके कमाई है। तो आपको इस पर उतना ही ध्‍यान देना चाहिए जितना आप निवेश करने पर देते हैं।


टॉप पिक

₹12 लाख 3-4 साल के लिए कहां निवेश कर सकते हैं?

पढ़ने का समय 1 मिनटवैल्यू रिसर्च

आसान सवालों के मुश्किल जवाब

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

आपको कितने फ़ंड्स में निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

मार्केट में गिरावट से पैसा बनाने का ग़लत तरीक़ा

पढ़ने का समय 2 मिनटधीरेंद्र कुमार

म्यूचुअल फ़ंड, ऑटो-पायलट और एयर क्रैश

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

पुराने निवेश बनाम नए निवेश

क्या आप पर्सनल फ़ाइनांस और निवेश के नए-नए आइडिया की ओर खिंचे चले जाते हैं? इस आदत को छोड़ दें!

दूसरी कैटेगरी