बाजार कब ऊपर जाएगा या कब नीचे आएगा। इसका सही अनुमान कोई नहीं लगा सकता। इसके अलावा देश और दुनिया में सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में बहुत सी घटनाएं समय -समय पर होती रहती हैं। आप इन घटनाओं का भी सही अनुमान नहीं लगा सकते हैं और न ही इन घटनाओं पर आपका कोई नियंत्रण हो सकता है। हालांकि कम अवधि में बाजार पर इन सब चीजों का असर पड़ता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिए म्युचुअल फंड में निवेश एक बेहतर विकल्प है। खास कर उन लोगों के लिए जो लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं।
एसआईपी के जरिए निवेश शुरू करना और सालों तक निवेश जारी रखना काफी आसान है। आप छोटी छोटी रकम नियमित तौर पर एसआईपी के जरिए निवेश करते हुए लंबी अवधि में बड़ी रकम बना सकते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि लंबी अवधि में एसआईपी बेहतर रिटर्न दे सकती है। और यह आपको बाजार में कम अवधि के उतार चढ़ाव के जोखिम से भी बचाती है। हम ऐसे 5 मंत्र बता रहे हैं जो एसआईपी से बेहतर रिटर्न दिलाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
जल्द शुरू करें एसआईपी: जल्द एसआईपी शुरू करके आप कम रकम निवेश करते हुए लंबी अवधि में बड़ी रकम बना सकते हैं। इसकी वजह यह है कि जब आप 25 या 30 साल तक की उम्र में निवेश शुरू करते हैं तो आपके पास निवेश के लिए ज्यादा समय जैसे 25 या 30 साल होता है। वहीं देर से निवेश शुरू करने वालों के पास निवेश के लिए कम समय बचता है। ऐसे लोगों को बड़ी रकम बनाने के लिए हर माह एसआईपी के जरिए ज्यादा रकम निवेश करनी होती है जो सबके लिए आसान नहीं होता है। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति 20 साल की उम्र में निवेश शुरू करता है तो वह 2,000 से भी कम रकम निवेश करके 40 साल में 1 करोड़ रुपए की रकम बना सकता है। वो भी सिर्फ सालाना 10 फीसदी रिटर्न पर। वहीं अगर कोई व्यक्ति 40 साल की उम्र में एसआईपी शुरू करता है तो उसे 20 साल में 1 करोड़ रुपए की रकम बनाने के लिए हर माह लगभग 14,000 रुपए निवेश करना होगा।
कम अवधि में बाजार के उतार-चढ़ाव को न दें भाव
अर्थव्यवस्था और बाजार ऐसी चीजें हैं जो एक ही दिशा में नहीं चलती हैं। इनमें उतार- चढ़ाव आता रहता है। तो खास कर बाजार में गिरावट का दौर आने पर निवेश रोकना नहीं चाहिए। और एसआईपी निवेशक के लिए तो बाजार में गिरावट आना फायदे का सौदा है। जब बाजार गिरता है तो एसआईपी की रकम में ज्यादा यूनिट मिलती है। तो एसआईपी का पूरा फायदे उठाने के लिए जरूरी है कि आप धैर्य बनाए रखें और बाजार के उतार चढ़ाव की परवाह किए बिना निवेश जारी रखें। अगर आप बाजार के हर उतार चढ़ाव पर ध्यान दिए बिना कम से कम 7 तक निवेश जारी रखते हैं तो इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि आप एसआईपी से बेहतर रिटर्न हासिल करेंगे।
अलग-अलग जरूरतों के लिए निवेश
हर आदमी की कई तरह की जरूरतें होती हैं। जैसे कम अवधि की जरूरतें। मध्यम अवधि की जरूरतें और लंबी अवधि की जरूरतें। जैसे अगर आपको कार खरीदने के लिए रकम जुटानी है तो यह आपकी कम अवधि की जरूरत है। और रिटायरमेंट कॉर्पस बनान है तो यह आपकी लंबी अवधि की जरूरत है। आपको कम अवधि की जरूरतों के लिए डेट म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। और लंबी अवधि की जरूरतों जैसे रिटायरमेंट और बच्चे की हायर एजुकेशन के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। इस तरह से आप कम अवधि और लंबी अवधि दोनों तरह की जरूरत के लिए साथ साथ निवेश जारी रख सकते हैं।
बढ़ाते रहें एसआईपी की रकम
आपने एसआईपी के जरिए निवेश शुरू किया है। यह अच्छी बात है लेकिन यह काफी नहीं है। आपको आय बढ़ने के साथ साथ एसआईपी की रकम भी बढ़ानी चाहिए तभी आप लंबी अवधि में इतनी बड़ी रकम बना पाएंगे जिससे आपकी जरूरतें पूरी हो सकें। महंगाई के असर का मुकाबला करने के लिए भी ऐसा करना जरूरी है। क्योंकि महंगाई की वजह से हर साल कीमतें बढ़ रही हैं। मान लेते हैं कि आज आपका खर्च 50,000 रुपए तो महंगाई की वजह से यह खर्च हर साल बढ़ रहा है। ऐसे में अगले 10 साल में आपको अपना खर्च चलाने के लिए काफी ज्यादा रकम की जरूरत होगी।
न निकाले एकमुश्त पैसा
जब तक कोई आपात जरूरत न हो तब तक बीच में एसआईपी से एकमुश्त रकम न निकालें। आप पैसा तभी निकालें जब आपका लक्ष्य पूरा हो जाए। और एसआईपी से उतना ही पैसा निकाले जितनी आपको जरूरत है। अगर आप समय से पहले बड़ी रकम निकाल लेंगे तो आप अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे।