क्या अल्ट्रा शार्ट या लो ड्यूरेशन फंड जोखिम से मुक्त होते हैं। मेरा मानना है कि फैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शार्ट बॉण्ड फंड सुपर इंस्टीट्यूशनल पलान अच्छा फंड है। आपका क्या नजरिया है ?
नरेश
फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शार्ट बॉण्ड फंड ने पिछले कुछ सालों के दौरान लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इस फंड का प्रबंधन बहुत अच्छी तरीके से किया जा रहा है। लेकिन अगर आप इस फंड की क्रेडिट रेटिंग को देखें तो आप पाएंगे कि इस फंड जोखिम ने भी जोखिम वाले बॉण्ड में निवेश किया है। तो इसे जोखिम से मुक्त नहीं कहा जा सकता है। हालांकि निवेश्कों को जोखिम का सामना कभी कभी ही करना पड़ता है लेकिन हमें उस समय के लिए तैयार रहना चाहिए।
अगर हम लगभग जोखिम से मुक्त फंड की बात करें तो लिक्विड और ओवरनाइट फंड इस कैटेगरी में आते हैं। हाल में इन फंडों की डिजाइन को लेकर नियामकीय बदलाव हुए हैं। इसकी वजह से ये फंड लगभग जोखिम से मुक्त हो गए हैं। मैं आपको पहले भी बता चुका हूं कि कोई भी फंड पूरी तरह से जोखिम से मुक्त नहीं होता है। और निवेशकों को लोकप्रिय डिस्क्लेमर म्युचुअल फंड बाजार के जोखिमों के आधीन हैं का ध्यान रखना चाहिए। जोखिम कम या ज्यादा हो सकता है लेकिन जोखिम से मुक्त कुछ भी नहीं है।
आजकल पीएमसी बैंक में घोटाले की खबरें आ रहीं हैं। इस बैंक में पैसा जमा कराने वालों को लग रहा है कि उनका डूब सकता है। तो बैंक में जमा किया गया पैसा भी जोखिम से मुक्त नहीं है। ये असुरक्षित कर्ज की तरह हैं। जब बैंक आपको कर्ज देता है तो वह इसके बदले में कोलैटरल मांगता है। लेकिन आप जब अपना पैसा बैंक को उधार देते हैं यानी जमा कराते हैं तो आप ऐसा नहीं करते हैं। हालांकि आरबीआई जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाता है। वापस डेट फंड की बात करते हैं। डेट फंड से बहुत ज्यादा रिटर्न की अपेक्षा न करें। आपका मकसद अपनी पूंजी की सुरक्षा होना चाहिए। ऐसे में आपको अच्छा प्रदर्शन कर रहे डेट फंड की बजाए कम जोखिम वाले डेट फंड में निवेश करना चाहिए।
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