फंड बेसिक

एक ही जगह निवेश करना भारी पड़ सकता है

निवेश में रिस्क कम करने की आसान टिप्स

Importance of  diversification for smart investments. in Hindi

आपने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक घोटाले से जुड़ी ख़बरें ज़रूर सुनी होंगी. जिसमें निवेशकों को बड़ा नुक़सान हुआ. उनकी सारी जमा पूंजी बैंक में थी और जब RBI ने विड्रॉल पर पाबंदी लगाई, तो उनके पास पैसे निकालने की कोई सुविधा नहीं बची. इससे आपको ये समझने में देर नहीं लगेगी कि एक ही जगह निवेश करने का ख़ामियाज़ा क्या हो सकता है.

निवेश में डायवर्सिफ़िकेशन क्यों ज़रूरी है?

पुरानी कहावत है, "अपने सारे अंडे एक ही टोकरी में न रखें." यानि, कभी भी अपनी पूरी जमा-पूंजी एक ही जगह निवेश नहीं करना चाहिए. उस घोटाले के दौरान निवेशक अगर अपनी जमा पूंजी को अलग-अलग जगहों पर निवेश करते, तो वे इस स्थिति से बच सकते थे. "स्मार्ट निवेश का नियम डायवर्सिफ़िकेशन है." डायवर्सिफ़िकेशन यानि अपनी पूंजी को अलग-अलग विकल्प और प्लान में निवेश करना. ऐसा करने से अगर किसी एक जगह नुक़सान हो भी जाए, तो दूसरी ओर उस नुक़सान की भरपाई की जा सकती है.

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रिस्क कम करने का पुराना तरीक़ा

आज से 10-15 साल पहले जब डिजिटल पेमेंट का दौर नहीं था, लोग कैश को अलग-अलग जेबों या बैग में रखते थे. ये तरीक़ा पैसे की चोरी या गुम होने से बचाने के लिए था. यहां तक कि लंबे सफ़र में भी लोग कैश को सुरक्षित रखने के लिए इस तरह की सावधानी बरतते थे. इसी तरह से निवेश में डायवर्सिफ़िकेशन ज़रूरी है, ताक़ि आप अपनी पूरी रक़म को रिस्क में न डालें.

एक स्मार्ट फ़ाइनेंशियल प्लान की अहमियत

अगर आप बाज़ार में निवेश कर रहे हैं, तो स्मार्ट फ़ाइनेंशियल प्लान ज़रूरी है. यानि, अपने पूरे पैसे को एक ही निवेश करने के बजाय अलग-अलग स्कीमों में लगाना बेहतर साब़ित हो सकता है. इसे पर्सनल फ़ाइनांस की भाषा में "डायवर्सिफ़िकेशन" (Diversification) कहते हैं.

डायवर्सिफ़िकेशन के फ़ायदे:

1. रिस्क मैनेजमेंट:
अगर एक फ़ंड ख़राब परफ़ॉर्मे कर रहा है, तो दूसरे फ़ंड का बेहतर प्रदर्शन उस नुक़सान की भरपाई कर सकता है.

2. फ़ंड की परफ़ॉर्मेंस:
कोई भी निवेश फ़ंड हमेशा अच्छा परफ़ॉर्मे नहीं करता. इसलिए अलग-अलग फ़ंड में निवेश करना ज़रूरी है.

उदाहरण के लिए, अगर आपने दो फ़ंड में निवेश किया है और उनमें से एक ख़राब प्रदर्शन कर रहा है, तो दूसरा फ़ंड उस नुक़सान को बैलेंस कर सकता है. पर आपने पूरी रक़म को सिर्फ़ एक ही फ़ंड में लगाया और वो उसका प्रदर्शन ख़राब हो जाता है, तो उस नुक़सान की भरपाई लगभग नामुमक़िन है.

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सही इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजी के साथ रिस्क को कम करें

निवेश का सही तरीक़ा है कि आप दो-तीन अच्छे फ़ंड्स का चुनाव करें और उसमें निवेश करें. इससे आपके पैसे डूबने का रिस्क कम हो जाता है. हालांकि, ये ध्यान रखें डायवर्सिफ़िकेशन नुक़सान से बचने की गारंटी नहीं है. इसका मक़सद निवेश में रिस्क को काफ़ी हद तक कम करना है.

कितने फ़ंड्स काफ़ी होते हैं?

डाइवर्सिफ़िकेशन के लिए 4-5 फ़ंड ही काफ़ी होते हैं. और ज़्यादा फ़ंड में निवेश करने से ज़्यादा डाइवर्सिफ़िकेशन नहीं मिलता. इसकी वजह है कि इन फ़ंड्स के स्टॉक्स एक जैसे होते हैं. अगर आप बहुत सारे फ़ंड में निवेश करेंगे, तो यही होगा कि आप पहले से मौजद फ़ंड में निवेश करके और फ़ंड्स अपने पास इकट्ठा कर लेंगे. फ़र्क़ होगा तो बस नाम का.

निवेश के लिए ये नियम अपनाएं:

  • हमेशा "अलग-अलग फ़ंड" और "स्मार्ट प्लान" में निवेश करें.
  • निवेश की परफ़ॉर्मेंस को समय-समय पर चेक ज़रूर करें.
  • पर्सनल फ़ाइनांस एक्सपर्ट की सलाह ज़रूर लें.

आख़िरी बात!

"स्मार्ट निवेश" की सीख यही है कि अपनी पूरी जमा-पूंजी को एक ही जगह पर न रखें. सही स्ट्रैटेजी अपनाने और डायवर्सिफ़िकेशन से आप रिस्क को कम कर सकते हैं और अपने निवेश को सुरक्षित बना सकते हैं.

फ़ंड्स कैसे ट्रैक करें

अपने फ़ंड निवेश को ट्रैक करना बेहद आसान है. इसके लिए आपको सही जानकारी की ज़रूरत होती है ऐसे में आप हमारे टूल 'मेरे निवेश' का इस्तेमाल करके अपने इन्वेस्टमेंट को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं. इसके अलावा धनक (dhanak.com) पर आप निवेश के लिए सबसे अच्छे फ़ंड चुनने में भी मदद मिल सकती है. धनक पर फ़ंड्स को रेटिंग दी जाती है. इस तरह से हम 1 स्टार से 5 स्टार तक की रेटिंग देते हैं. और, जिन फ़ंड्स को निवेश के लायक़ नहीं मानते है, उन्हें कोई रेटिंग नहीं दी जाती. हमारे इस फ़ीचर को इस्तेमाल कीजिए और निवेश के ज़रिए ख़ुद को आर्थिक तौर पर सफ़ल बनाएं. स्टॉक चुनने का तरीक़ा विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें.

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