बड़े सवाल

सही Diversification के लिए कितने म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करें?

डाइवर्सिफ़िकेशन के लिए फ़ंड्स का बहुत ज़्यादा होना बेकार है और बहुत कम होना रिस्की होता है.

सही डाईवर्सिफ़िकेशन के लिए कितने फ़ंड्स की ज़रूरत होती है?

How many mutual funds invest: म्यूचुअल फ़ंड आपके निवेश में जिस अहम पहलू को जोड़ते हैं, वो है डाइवर्सिफ़िकेशन. हालांकि, डाइवर्सिफ़िकेशन सही होना चाहिए, बहुत ज़्यादा होने पर बेहतर रिटर्न पाने की क़वायद बेकार हो जाती है और बहुत कम होने पर रिस्क बढ़ सकता है.

डाइवर्सिफ़िकेशन का सही तरीक़ा

डाइवर्सिफ़िकेशन का तरीक़ा काफ़ी सीधा और सरल है. असल में, अलग-अलग समय में, अलग-अलग तरह की कंपनियों के स्टॉक, या तो अच्छा ख़राब प्रदर्शन कर रहें हो या फिर ख़राब. यहां 'अलग तरह की कंपनियों' से मतलब है, ऐसी कंपनियां जो अलग सेक्टर से हों, दुनिया के कई हिस्सों से हों, या फिर उनके फ़ाइनेंशियल पैरामीटर अलग हों, जैसे - उनके लिए इंटरेस्ट कॉस्ट या फ़ॉरेक्स एक्सपोज़र में फ़र्क़ हो.

अच्छी तरह से मैनेज किए जाने वाले फ़ंड्स के एसेट्स का निवेश कई जगह किया जाता है. इससे निवेश में बैलेंस क़ायम रहता है जो न सिर्फ़ कई कंपनियों में निवेश से आता है, बल्कि निवेश को कई सेक्टर और अलग-अलग साइज़ की कंपनियों में करने से होता है. इससे निवेश सुरक्षित रहता है. फ़ंड्स में निवेश करने वालों को सिर्फ़ एक ही तरह का डाइवर्सिफ़िकेशन करने की ज़रूरत होती है, और वो है अलग-अलग फ़ंड मैनेजर वाले फ़ंड्स का चुनाव करना.

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इतने फ़ंड्स काफ़ी होते हैं

How many funds should i hold: डाइवर्सिफ़िकेशन के लिए 4-5 फ़ंड ही काफ़ी होते हैं. और ज़्यादा फ़ंड में निवेश करने से ज़्यादा डाइवर्सिफ़िकेशन नहीं मिलता. इसकी वजह है कि इन फ़ंड्स के स्टॉक्स एक जैसे होते हैं. अगर आप बहुत सारे फ़ंड में निवेश करेंगे, तो यही होगा कि आप पहले से मौजद फ़ंड में निवेश करके और फ़ंड्स अपने पास इकट्ठा कर लेंगे. फ़र्क़ होगा तो बस नाम का.

फ़ंड मैनेज करने में आसान

आपके पास बहुत ज़्यादा फ़ंड्स होंगे तो म्यूचुअल फ़ंड्स का सबसे बड़ा फ़ायदा ही आप खो बैठेंगे, और ये फ़ायदा है - निवेश में सरलता. बहुत से म्यूचुअल फ़ंड्स को ट्रैक करने का मतलब है, अपना काम बढ़ाना. निवेशक को, कम-से-कम एक तिमाही में अपने हर फ़ंड को देखना होगा, उस पर सोच-विचार करना होगा कि फ़ंड कैसा कर रहा है, क्या जिस मक़सद के लिए फ़ंड में निवेश किया था वो पूरा हो रहा है या नहीं. ये क़वायद तभी सही हो सकती है, जब कई फ़ंड रखने का कोई फ़ायदा हो, जो कहीं नज़र नहीं आता. आमतौर पर, कई फ़ंड्स लेने का कारण निवेशक की असल ज़रूरत न होकर, फ़ंड्स के सेल्स और प्रमोशन का ज़ोर होता है. असल में, आपको कुछ ही फ़ंड में अपना निवेश रखना चाहिए. और, ये पक्का करें कि आपके फ़ंड अलग तरह के हों और इन्हें मैनेज करने वाले फ़ंड मैनेजर अलग हों.

ये भी पढ़िए - म्‍यूचुअल फ़ंड निवेश क्‍या है और किसके लिए है?

फ़ंड्स को ट्रैक कैसे करें

अपने फ़ंड निवेश को ट्रैक करना बेहद आसान है. इसके लिए आपको सही जानकारी की ज़रूरत होती है ऐसे में आप हमारे टूल 'मेरे निवेश' का इस्तेमाल करके अपने इन्वेस्टमेंट को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं. इसके अलावा धनक (dhanak.com) पर आप निवेश के लिए सबसे अच्छे फ़ंड चुनने में भी मदद मिल सकती है. धनक पर फ़ंड्स को रेटिंग दी जाती है. इस तरह से हम 1 स्टार से 5 स्टार तक की रेटिंग देते हैं. और, जिन फ़ंड्स को निवेश के लायक़ नहीं मानते है, उन्हें कोई रेटिंग नहीं दी जाती. हमारे इस फ़ीचर को इस्तेमाल करिए और निवेश के ज़रिए खुद को आर्थिक तौर पर सफ़ल बनाएं. स्टॉक चुनने का तरीक़ा विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें.

यह भी पढ़िए- SIP में cost averaging क्या है और कैसे काम करती है?

ये लेख पहली बार मई 27, 2022 को पब्लिश हुआ, और मई 31, 2024 को अपडेट किया गया.

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कोई सवाल छोटा नहीं होता. पर्सनल फ़ाइनांस, म्यूचुअल फ़ंड्स, या फिर स्टॉक्स पर बेझिझक अपने सवाल पूछिए, और हम आसान भाषा में आपको जवाब देंगे.


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