हर आदमी पैसा कमाने के लिए कोई न कोई काम करता है। कोई नौकरी करता है कोई बिजनेस करता है। क्योंकि जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा चाहिए। कम या ज्यादा यह किसी की जरूरत पर निर्भर करता है। आप भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। आपकी कमाई से परिवार चल रहा है। बच्चे पढ़ रहे हैं। दूसरी जरूरतें पूरी हो रही हैं। लेकिन क्या आप अपने पैसे को भी काम पर लगा रहे हैं।
पैसे को निठल्ला न बनाएं
अब आप सोचेंगे पैसे को काम पर लगाने का क्या मतलब। भाई मेरा सीधा सा मतलब है कि आप काम कर रहे हैं पैसा कमाने के लिए। तो आपका पैसा भी यही काम कर सकता है। यानी पैसा भी पैसा कमा सकता है। लेकिन पैसा खुद अपने आप से पैसा नहीं कमा सकता है। उसे आपको काम पर लगाना होगा। जैसे आप मजदूर को काम पर लगाते हैं। कोई काम करवाने के लिए। फिर उसकी निगरानी भी करते हैं कि यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं। काम पर लगाने से मेरा मतलब है पैसा निवेश करने से। अगर आप पैसा बचा कर घर में रख लेते हैं और पैसे को सही जगह पर निवेश नहीं करते तो इसका मतलब है कि आपने अपने पैसे को निठल्ला बना रखा है। आपने खुद देखा होगा जब कोई काम करने के लायक हो जाता है और काम नहीं करता है तो घर के लोग ही उसे निठल्ला कहना शुरू कर देते हैं। कहते हैं कुछ काम धाम करो दिन भर मटरगश्ती करते रहते हो।
थकता या बीमार नहीं होता है पैसा
तो पैसे के साथ भी ऐसा ही होता है। अगर आप पैसे को सही जगह निवेश करते हैं। तो एक तरह से आप उसे काम पर लगाते हैं। पैसा आपके लिए काम करता है और आपको सालाना रिटर्न देता है। और अच्छी बात यह है कि आदमी की तो काम करने की उम्र होती है। वह थक सकता है। बीमार हो सकता है। लेकिन पैसे के साथ ऐसा कुछ भी नहीं है। पैसा हमेशा काम करता रह सकता है। उसे थकान नहीं लगती है। उस पर किसी बीमारी का असर भी नहीं होता है। आप जब तक उसे निवेश में बनाए रखेंगे तब तक आपके लिए काम करता रहेगा और रिटर्न देता रहेगा।
आपके बेटे बेटी के लिए भी काम करेगा पैसा
यहीं नहीं आपके न रहने पर भी यह पैसा काम करता रहेगा। उसके लिए जिसे आप यह पैसा देकर जाएंगे। च बेटा हो बेटी या आपकी पत्नी। बस शर्त यह है कि पैसे को निवेश से निकाला न जाए। जैसे ही आपने पैसे को निवेश से निकाला। वह काम करना बंद कर देगा। यानी फिर आपको रिटर्न नहीं देगा। निवेश किया हुआ पैसा सोने की मुर्गी है। अगर पैसे को निवेश में बनाए रखते हैं तो यह आपको अंडे के तौर पर सालना रिटर्न देता रहेगा। और अगर आपने निवेश को बेच कर पैसा निकाल लिया तो फिर आपको रिटर्न मिलना बंद हो जाएगा। इसका मतलब होगा कि आपने सोने की मुर्गी को हलाल कर दिया।
एसआईपी के जरिए काम पर लगाएं पैसा
अब आप कहेंगे मेरे पास तो काम पर लगाने के लिए ज्यादा रकम ही नहीं है। थोड़ी ही रकम है। इसका भी रास्ता है। और आसान रास्ता है। आप सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिए म्युचुअल फंड में थोड़ी थोड़ी रकम निवेश कर सकते हैं। इसे आप जैसे लोगों के लिए ही बनाया गया है जो हर महीने अपनी कमाई से कुछ पैसा बचा कर निवेश कर सकें। बस एक शर्त है कि एसआईपी में आपका निवेश नियमित होना चाहिए। अगर आप हर माह 2,000 रुपए भी एसआईपी में निवेश कर रहे हैं। तो यह निवेश जारी रहना चाहिए। बंद नहीं होना चाहिए। इस तरह से आप हर महीने 2,000 रुपए को काम पर लगाते रहेंगे। और यह रकम आपको हर साल रिटर्न यानी मुनाफा देती रहेगी। वैसे तो आप इस पैसे को जब चाहे निकाल सकते हैं आपकी मर्जी। लेकिन एसआईपी का पूरा फायदा लेना है और बड़ी रकम बनानी है। तो इस रकम को न निकालें। वरना आप भी बाद में उसी तरह पछताएंगे जैसे सोने की मुर्गी हलाल करने वाला पछता रहा था।