जब आप फ्लाइट में बैठते हैं तो फ्लाइट टेक ऑफ होने से पहले फ्लाइट अटेंडेंट सुरक्षा से जुड़े उपायों के बारे में बताते हैं। ऐसा वे हर बार फ्लाइट टेक ऑफ होने से पहले करते हैं। इन्वेस्टमेंट एडवाइजर को भी दो सुरक्षा उपायों को समय समय पर बार बार दोहराना चाहिए। पहला है गोल्ड यानी सोने के बारे में और दूसरा रियल एस्टेट के बारे में। पिछले कुछ सालों के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर में आई सुस्ती की वजह से लोगों को यह बात काफी हद तक समझ आ गई है कि रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करने का मतलब अपना पैसा गढ्ढे में डालने जैसा है। लेकिन सोने की कीमतों में थोड़ी तेजी का दौर आते ही लोगों में सोना खरीदने का बुखार चढ़ने लगता है।
साल 2029 की शुरूआत से सोने की कीमतें बढ़ रहीं है और अब तक सोना 20 फीसदी तक महंगा हो चुका है। इस साल निवेश के दूसरे विकल्पों में थोड़ा ज्यादा ही उतार चढ़ाव रहा है। ऐसे में कुछ लोगों को सोना निवेश के लिए बेहतर विकल्प लग रहा है। हालांकि सोने की कीमतों के साथ ऐसा समय समय पर होता रहता है। अगर आप इसे नजर अंदाज कर दें तो सोना निवेश के लिए आकर्षक विकल्प नहीं है। पिछले 10 साल में सोने का रिटर्न 8.3 फीसदी रहा है। ऐसे में आप खुद ही समझ सकते हैं कि सोने में निवेश करने वालों को क्या मिला होगा। लेकिन सोने में निवेश करना या न करना सिर्फ रिटर्न से नहीं तय होना चाहिए। आपके इसके रिटर्न के सोर्स पर विचार करना चाहिए।
हमारे देश में अब भी सोने को लेकर लोगों की सोच में खास बदलाव नहीं आया है। वे अब भी सोने को एक सरल और फायदेमंद निवेश मानते हैं। सोना बुरे समय में काम आता है। इसलिए आज भी घर घर में सोना खरीदा जाता है। अगर हम नई सोच या बाजार की सोच की बात करें तो सोना भी एक जिंस है और दूसरी जिंसो की तरह ही इसका भी कारोबार किया जाना चाहिए।
हालांकि मेरा मानना है कि सोने को लेकर सही नजरिया कुछ और है। सोना निवेश का एक विकल्प तो है लेकिन यह निवेश का बहुत अच्छा विकल्प नहीं है। आप अपनी बचत को इसके अलावा दूसरे विकल्पों में निवेश कर सकते हैं क्योंकि बजार में सोने की तुलना में निवेश के दूसरे बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं। निवेश के किसी भी विकल्प का आंकलन हम कुछ फैक्टर्स के आधार पर करते हैं। जैसे रिटर्न कितना मिलेगा, निवेश कब भुना सकते हैं और निवेश में उतार चढ़ाव कितना है। निवेश के विकल्प के तौर पर सोने का आंकलन भी इन्हीं फैक्टर्स के आधार पर किया जाना चाहिए। तो जब हम सोने का आंकलन इन फैक्टर्स के आधार पर करते हैं तो पता चलता है कि सोने में निवेश को कोई मतलब नहीं बनता है।
सोने पर मिलने वाला रिटर्न निवेश के दूसरे विकल्पों की तुलना में काफी कम है। इसका कारण है। सोना कुछ भी पैदा नहीं करता है। यानी सोना कोई वैल्यू क्रिएट नहीं करता है। सोने की कीमत इस विश्वास पर बढ़ती है कि जब इसे बेचा जाएगा तो खरीदने वाला इसकी ज्यादा कीमत चुकाएगा।
इक्विटी, बॉंण्ड या फिक्स्ड डिपॉजिट में आप जो पैसा लगाते हैं वह देश के आर्थिक विकास में काम आता है। लेकिन सोने में किया गया निवेश देश की तरक्की में कोई योगदान नहीं करता है। अगर आप किसी अच्छे कारोबार या किसी आर्थिक गतिविधि में रकम लगाते हैं तो यह रकम और रकम पैदा करती है। लेकिन सोने की मात्रा हमेशा वही रहती है।
इन सब बातों को बताने के पीछे मेरा यह मकसद कतई नहीं है कि किसी को सोने में कभी भी निवेश नहीं करना चाहिए। जो पाठक इस लेख को पढ़ रहे होंगे वे मौजूदा फाइनेंशियल सिस्टम से परिचित होंगे और बाजार से जुडें निवेश के विकल्पों में निवेश कर सकते हैं। ऐसे लोगों को सोने में निवेश नहीं करना चाहिए। सोने में निवेश ऐसे लोगों को करना चाहिए जो बाजार को नहीं समझते हैं या कहें वे बाजार पर भरोसा ही नहीं करते हैं। आप सोने को एक वैकल्पिक मुद्रा कह सकते हैं।
अगर आप सोना खरीदना ही चाहते हैं तो आपको फिजिकल गोल्ड के बजाए पेपर गोल्ड खरीदना चाहिए। यानी आप ऐसा कोई प्रोडक्ट खरीद सकते हैं जो सोने में निवेश करता है। गोल्ड फंड भी ऐसा ही एक विकल्प है। गोल्ड फंड सोने की कीमतों पर नजर रखते हैं। गोल्ड फंड को कभी भी खरीदा जा सकता है और इसे कभी भी बेचा भी जा सकता है।
अगर आप पांच साल तक के लिए पैसा निवेश कर सकते हैं तो आप सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड में पैसा लगा सकते हैं। भारत सरकार समय समय पर गोल्ड बॉण्ड जारी करती है। बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड बेचते हैं। गोल्ड बॉण्ड में आपके निवेश की कीमत सोने की कीमतों के आधार पर बढ़ती है। इसके अलावा सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी मिलता है। इस ब्याज से होने वाली आय पर टैक्स लगता है लगता है लेकिन इस पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है।
बहुत से लोगों के लिए यह स्वीकार कर पाना बहुत मुश्किल होता है कि सोना निवेश का अच्छा विकल्प नहीं है। लंबे समय से सोने को स्थाई धन या संपत्ति के तौर पर देखा जाता रहा है। उनकी नजर में सोना ऐसा धन या मुद्रा है जो सदियों से अपनी उपयोगिता को बनाए हुए है। यह बात सही है लेकिन क्या इसी बात पर आज भी सोने में निवेश किया जाना चाहिए? खास कर तब जब आपके पास निवेश के कई अच्छे विकल्प मौजूद हैं। मेरा मानना है कि इसका जवाब न ही होना चाहिए।