स्टॉक की बात

कब बेचें स्‍टॉक

निवेश में सफलता हासिल करने के लिए अपना स्‍टॉक सही समय पर बेचना अहम है। यहां हम चार हालात के बारे में बता रहे हैं जब आपको स्‍टॉक बेचना चाहिए

when to sell stocks

 कब बेचें स्‍टॉक

क्‍या आप जानते हैं कि लिंडसेल ट्रेन और यूके के स्‍टार फंड मैनेजर निक ट्रेन सिर्फ स्‍टॉक न बेच कर बड़े पैमाने पर रकम बनाई। वे बाय एंड होल्‍ड इन्‍वेस्‍टर हैं जिसने ओवर ट्रेडिंग से खुद को सफलतापूर्वक बचाया है। ओवर ट्रेडिंग को निवेश के लिहाज से एक खराब चीज मानी जाती है। वारेन बफेट की तरह, वे मानते हैं कि आम तौर पर निवेशक निवेशक बेचन को लेकर कुछ ज्‍यादा ही उत्‍सुक रहते हैं। उनको यह भरोसा होता है कि कुछ न करने के बजाए कुछ करने से सकारात्‍मक नतीजे मिल सकते हैं। जाहिर है कि उनका यह भरोसा गलत है।

सही स्‍टॉक्‍स खरीदना और उनको उपयुक्‍त समय पर बेचना निवेश में सफलता के लिए अहम है। लेकिन स्‍टॉक्‍स को समय से पहले न बेचना और भी ज्‍यादा अहम है। Value Research Stck Advisor न सिर्फ अच्‍छे स्‍टॉक्‍स चुनने में मदद करता है बल्कि हम उन पर लगातार नजर भी रखते हैं जिससे हम आपको बता सकें कि इन स्‍टॉक्‍स को बेचना का सही समय क्‍या है।

लेकिन एक निवेशक को अपनी होल्डिंग कब बेचनी चाहिए? उसे ऐसा चार तरह के हालात में करना चाहिए। पहला, जब उसने अपना फाइनेंशियल गोल हासिल कर लिया हो, जैसे रिटायरमेंट या अपने बच्‍चे की हायर एजुकेशन के लिए रकम का इंतजाम। दूसरा, स्‍टॉक्‍स के फंडामेंटल्‍स बदल गए हों- मसलन डेट बहुत बढ़ गया हो, बिक्री में लगातार गिरावट आ रही हो और सीईओ को शेयरहोल्‍डर्स के साथ धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया हो। तीसरा, वैल्‍यूएशन या स्‍टॉक की कीमत काफी बढ़ गई हो और इसका कोई तार्किक वजह स्‍पष्‍ट न हो। चौथा, स्‍टॉक की मूल थीसिस गलत साबित हो।

अब हम चार हालात के बारे में और विस्‍तार से बात करते हैं

1-फाइनेंशियल गोल पूरा हो गया हो

अपना निवेश बेचने की सबसे अच्‍छी वजह यह है कि आपने अपना फाइनेंशियल गोल हासिल कर लिया है जिसके लिए आप निवेश कर रहे थे। निवेश में सफलता की यह सबसे सटीक परिभाषा है। और शायद इससे ज्‍यादा संतु‍ष्टि किसी और चीज में नहीं मिलेगी कि आप जिस चीज के लिए निवेश कर रहे थे अब आपने उसे हासिल कर लिया है। इसलिए, अगर आपका फाइनेंशियल गोल करीब है और आपका निवेश बढ़ कर इस लायक हो गया है कि यह आपकी जरूरतें पूरी कर सके, तो आप अपना स्‍टॉक बेच सकते हैं। लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपनी रकम को आखिरी मिनट तक निवेश में न बनाएं रखें। आप मार्केट के बारे में कोई अनुमान नहीं लगा सकते हैं और अचानक गिरावट आने पर आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे में आप कम से कम एक साल पहले से रकम निकालना शुरू कर दें और अगले कुछ महीनों तक ऐसा करते हुए अपनी रकम को सुरक्षित तरीके से निकाल सकते हैं।

2-कंपनियों के फंडामेंटल्‍स में बदलाव

कंपनियां आंकड़ों की मुरीद होती हैं। जैसे भारत में प्रति 1,000 लोगों पर सिर्फ 13 कार हैं वहीं अमेरिका में प्रति 1,000 लोगों पर 440 कार हैं। यानी फ्यूचर में ग्रोथ की शानदार संभावनाएं हैं। लेकिन आप उबर और ओला की सर्विसेज पर गौर करें जिसकी वजह से कार खरीदने की जरूरत उतनी नहीं रह गई है। इससे भविष्‍य में कार की बिक्री की संभावनाओं को नुकसान हुआ है।

और यह सिर्फ कार तक ही नहीं सीमित है। इंटरनेट और मोबाइल बैकिंग के प्रसार का मतलब है कि ग्रामीण भारत में बैंक की ब्रांच शायद कभी न खुलें। रेस्‍टोरेंट डिलीवरी ऐप की बाढ़ आने का मतलब है कि लोकल डोमिनोज और पिज्‍जा हट के आउटलेट कागज पर ही रह सकते हैं। हमारी जिंदगी में गूगल की बढ़ती पहुंच ने कई इंडस्‍ट्रीज के लिए खतरा पैदा कर दिया है। जैसे ट्रैवेज एजेंसी, आईटी और ऑटोमोबाइल। आज सबसे बड़े सेक्‍टर्स में से एक ऑयल एंड गैस पर शेल रिवॉल्‍यूशन का बुरा असर पड़ा है।

इन सभी वजहों से आपको अपने स्‍टॉक्‍स की संभावनाओं के बारे में चिंतित होना चाहिए। लेकिन स्‍टॉक बेचने से पहले आपको यह चेक करना होगा कि इन बातों में कितना दम है।

Value Research Stock Advisor में हम अपनी रिकमेंडेशन पर नजर रखते हैं और फंडामेंटल्‍स में बदलाव होने पर अपनी उन बातों पर फिर से गौर करते हैं जिनके आधार पर स्‍टॉक को रिकमेंड किया गया था। आम तौर पर दिक्‍कत के संकेत आंकड़ो से मिलने शुरू हो जाते हैं, जिनके बारे में आपको और जांच पड़ताल करनी चाहिए। इसके लिए आपको कुछ बातों पर सतर्क हो जाना चाहिए:
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· मार्केट शेयर में गिरावट
· सेल्‍स और मार्जिन का खराब होना
· ऑपरेटिंग कैश फ्लो घटना
· डेट बढ़ना
· बड़े पैमाने पर इक्विटी डायल्‍यूशन
· संदिग्‍ध ट्रांजैक्‍शन

3-गैर वाजिब कीमतें

निवेश का एक फंडमेंटल नियम है कि वाजिब कीमत पर शानदार कंपनी में निवेश करना। ऐसे में लंबी अवधि में भी रकम बनाने में वैल्‍यूएशन की अहम भूमिका होती है। इसी तरह से, कब स्‍टॉक बेचना चाहिए यह तय करने में भी वैल्‍यूएशन की भूमिका अहम है।

निवेश की अवधि में आपके निवेश की वैल्‍यूएशन बढ़ सकती है और घट सकती है। और लंबी अवधि में रकम बनाने के लिए निवेश बनाए रखना अहम है। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि वैल्‍यूएशन बढ़ जाती है लेकिन इसकी कोई वाजिब वजह नहीं होती है। यह वह समय होता है जब निवेशक को स्‍टॉक बेचने या अपनी हिस्‍सेदारी कम करने पर विचार शुरू कर देना चाहिए।

वारेन बफेट का कहना है ‘ कीमत वह है जिसका आप भुगतान करते हैं। वैल्‍यू वह है जो आपको मिलती है’। यह पता लगाना अहम है कि कंपनी के लिए कोई कितनी अधिकतम कीमत देने के लिए तैयार होगा। इसका आकलन समय-समय पर किया जाना चाहिए। आपको बिजनेस की क्‍वालिटी, मैनेजमेंट और ग्रोथ की संभावना के आधार पर उसकी वैल्‍यू पता करनी चाहिए। इन सब बातों पर गौर करने के बाद अगर आपको लगता है कि वैल्‍यूएशन सही नहीं है तो आपको स्‍टॉक बेच देना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर एक कंपनी बहुत अच्‍छा बिजेनस चला रही है और उम्‍मीद है कि अगले पांच दस साल तक कंपनी 20-25 फीसदी ग्रोथ दर्ज करेगी और अगर किसी कंपनी की अर्निंग 10 रुपए है और उसकी वैल्‍यूएशन 1000 रुपए है तो प्राइस टू अर्निंग वाजिब नहीं हैं। ऐसे में यह स्‍टॉक बेचने का समय है।

4 - स्‍टॉक चुनने का आधार गलत होना
हर कोई गलतियां करता है। खास स्‍टॉक एनॉलिसिस जैसी गलत प्रक्रिया में। अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों में से एक इरविंग फिशर का कहना है कि 1929 की बड़ी गिरावट से पहले स्‍टॉक बहुत ऊंचे स्‍तर पर पहुंच गए थे इसके बाद मंदी आई।

कंपनियां गलत स्‍टेटमेंट जारी किए बिना भी अच्‍छी तस्‍वीर दिखाने के लिए हर संभव प्रयास करती हैं। अगर आपको लगता है कि आपके निवेश से जुड़ी बुनियादी बातों का एक बड़ा हिस्‍सा गलत था तो आपको अपनी गलती स्‍वीकार करनी चाहिए और तुरंत स्‍टॉक बेच देना चाहिए।

निवेशक अक्‍सर खराब प्रदर्शन कर रहे स्‍टॉक को रकम रिकवर करने की उम्‍मीद में होल्‍ड करते हैं या होल्डिंग की लागत को औसत करने के लिए और रकम निवेश करते हैं। यह एक बड़ी गलती है। इसके अलावा आप स्‍टॉक बेचने में जितनी देरी करेंगे आपको इसकी उतनी ही कीमत चुकानी पड़ेगी क्‍योंकि आपके पास मौका है कि आप अच्‍छी कंपनी में रकम निवेश करके फायदा उठा सकते हैं।

Value Research Stock Advisor में हम स्‍टॉक कब बेचना है, पर फैसला करने के लिए इन फैक्‍टर्स पर नजर रखते हैं। हम फंडामेंटल्‍स में बदलाव, वैल्‍यूएशन के आधार पर अपनी रिकमेंडेशन का लगातार आकलन करते हैं और स्‍टॉक रिकमेंड करने के आधार पर नए सिरे से गौर करते हैं। लेकिन एक निवेशक के तौर पर आपको अपने फाइनेंशियल गोल का आकलन करना होगा और गोल के करीब पहुंचने पर कदम उठाने होंगे।



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