प्रवीण की उम्र 38 साल है। वे एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं। उनकी टेकहोम सैलरी 1.8 लाख प्रति माह है। उनके परिवार में उनकी पत्नी, मां और 18 माह के जुड़वा बच्चे हैं। परिवार का मासिक खर्च 80,000 रुपए है। प्रवीण बाकी रकम एसआईपी के जरिए कई इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। इससे प्रवीण को 19.50 लाख रुपए का कॉर्पस बनाने में मदद मिली है। प्रवीण के पास दो घर हैं। प्रवीण चाहते हैं कि हम इस बात का आंकलन करें कि वे अपने गोल को हासिल करने के लिए सही रास्ते पर हैं या नहीं। वे इस बारे में भी गाइडेंस चाहते हैं कि उनको अपने बच्चों की स्कूल फीस कैसे मैनेज करनी चाहिए।
इमरजेंसी फंड
प्रवीण के पास 7 लाख रुपए का इमरजेंसी फंड है। इसमें से 4 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट और 3 लाख रुपए हाइब्रिड फंड में है। अग्रेसिव हाइब्रिड फंड 65-80 फीसदी इक्विटी में निवेश करता है। इसीलिए कम अवधि के निवेशकों के लिए यह काफी जोखिम भरा है। ऐसे में एक इमरजेंसी फंड के लिहाज से यह सही नहीं है।
एक इमरजेंसी फंड की रकम को ऐसे निवेश उत्पादों में रखना चाहिए जिसमें जोखिम न हो और जरूरत पड़ने पर कभी भी रकम निकाली जा सके। आप इसे फिक्स्ड डिपॉजिट और शार्ट ड्यूरेशन डेट फंड के कांबीनेशन में रख सकते हैं। शार्ट ड्यूरेशन फंड सेविंग अकाउंट की तुलना में बेहतर रिटर्न भी हासिल करता है।
क्या करें: इमजरेंसी फंड की रकम को अग्रेसिव हाइब्रिड फंड से निकाल कर शार्ट ड्यूरेशन फंड में निवेश करें।
हेल्थ इन्श्योरेंस
प्रवीण पूरी तरह से कंपनी की ओर से मुहैया कराए गए हेल्थ इन्श्योरेंस पर निर्भर हैं। कंपनी की ओर से दिया गया कवर तभी तक अच्छा है जब तक आप कंपनी से जुड़े हैं। नौकरी बदलते ही आपका कवर खत्म हो जाता है। नौकरी बदलने के बीच का जो समय होता है उस समय भी आप कवर नहीं होते हैं और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि नई कंपनी जो कंपनी कवर देगी उसमें पहले वाले कवर के समान बेनेफिट्स होंगे ही। प्रवीण को कम से कम 5-7 लाख रुपए का हेल्थ इन्श्योरेंस खरीदना चाहिए जिसमें उनकी पत्नी और बच्चे कवर हों। इसके अलावा उनको अपनी मां के लिए सीनियर सिटीजंस हेल्थ इन्श्योरेंस प्लान भी खरीदना चाहिए।
क्या करें: कंपनी के अलावा अलग से एक हेल्थ इन्श्योरेंस कवर खरीदें।
लाइफ इन्श्योरेंस
प्रवीण के पास दो टर्म प्लान हैं। इससे उनको कुल मिला कर 3 करोड़ रुपए का लाइफ कवर मिल रहा है। वे इसके लिए सालाना 40,000 रुपए प्रीमियम चुका रहे हैं। यह लाइफ कवर उनकी जरूरतों के लिए काफी है। टर्म प्लान पारंपरिक जीवन बीमा प्लान या यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान से बेहतर है क्योंकि यह कम कीमत में जरूरतों को पूरा करने के लायक लाइफ कवर मुहैया कराता है। पारपंरिक जीवन बीमा प्लान और यूनिट लिंक्ड प्लान न तो जरूरतों को पूरा करने के लायक इंश्योरेंस मुहैया कराते हैं और न ही अच्छा रिटर्न देते हैं।
क्या करें: पारंपरिक जीवन बीमा प्लान और यूनिट लिंक्ड इंन्श्योरेंस से दूर रहें
बच्चों की एजुकेशन
प्रवीण का अनुमान है कि उनको अपने बच्चों की स्कूल फीस के लिए हर माह 16,000-20,000 रुपए की जरूरत होगी। जब उनका खर्च बढ़ेगा तो वे अपनी मंथली एसआईपी कम करने पर विचार करेंगें। एसआईपी कम होने के बाद भी उनके गोल को पूरा करने के लिए काफी होगी। स्कूल फीस में सालाना 8-10 फीसदी का इजाफा सालाना अप्रैजल से पूरा किया जा सकता है।
प्रवीण अपने बच्चों की हायर एजुकेशन पर 80 लाख रुपए खर्च करना चाहेंगे। 8 फीसदी महंगाई के हिसाब से जब उनको इस रकम की जरूरत होगी तब यह जरूरत बढ़ कर 2.74 करोड़ हो जाएगी। वे इसके लिए पहले ही 3.72 लाख रुपए जमा कर चुके हैं। 12 फीसदी अनुमानित रिटर्न के हिसाब से 25,000 रुपए की एसआईपी उनके गोल को पूरा करेगी। लेकिन उनको हर साल एसआईपी की रकम में कम से कम 10 फीसदी का इजाफा करना होगा।
क्या करें: बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए फ्लेक्सी कैप फंड में हर माह 25,000 रुपए निवेश करें।
बच्चों की शादी
प्रवीण अपने बच्चों की शादी पर आज की वैल्यू के हिसाब से प्रत्येक शादी पर 20 लाख रुपए खर्च करना चाहते हैं। 8 फीसदी महंगाई के हिसाब से जब शादी होगी तब तक यह रकम बढ़ कर 2.35 करोड़ हो जाएगी। उन्होंने अपने बच्चों की शादी के लिए म्युचुअल फंड में 2.4 लाख रुपए इकठ्ठा किए हैं। सालाना 10 फीसदी इजाफे के साथ 7,500 रुपए की एसआईपी इसके लिए काफी होगी।
क्या करें : फ्लेक्सी कैप फंड में हर माह 7,500 रुपए निवेश करें।
रिटायरमेंट
प्रवीण को रिटायरमेंट के बाद आज की तरह जीवन शैली को बनाए रखने के लिए 12.94 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। यहां अनुमानित रिटर्न 9 फीसदी और रिटायरमेंट के बाद के सालों में महंगाई 8 फीसदी मानी गई है। उन्होंने अब तक इसके लिए 10.54 लाख रुपए जुटाए हैं। उनका मंथली मासिक ईपीएफ डिडक्शन 25,000 रुपए है। 8 फीसदी औसत ब्याज दर के हिसाब से ईपीएफ से उनको 4.36 करोड़ रुपए मिलेगा। बाकी रकम के लिए वे 31,000 रुपए प्रति माह की एसआईपी कर सकते हैं। यहां भी उनको अपना एसआईपी कंट्रीब्यूशन सालाना 10 फीसदी बढ़ाना होगा।
उन्होंने टैक्स सेविंग फंड में 2 लाख रुपए निवेश किए हैं। टैक्स सेविंग फंड में लॉक इन पीरियड सिर्फ तीन साल का है लेकिन निवेशक को जितना संभव हो सके उतने लंबे समय तक निवेश बनाए रखना चाहिए जिससे कंपाउंडिंग का अधिक से अधिक फायदा मिल सके। इसके अलावा टैक्स सेविंग फंड में निवेश को लंबी अवधि के गोल जैसे रिटायरमेंट से जोड़ा जाना चाहिए।
क्या करें : रिटायरमेंट के लिए 31,000 रुपए की मंथली एसआईपी करें। अपने टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट को रिटायरमेंट से लिंक करें।
फंड
प्रवीण के पोर्टफोलियो में पांच अच्छी रेटिंग वाले फंड शामिल हैं। हालांकि उन्होंने जो स्कीम चुनी है वह अच्छी है लेकिन सिर्फ 37 फीसदी कॉर्पस फ्लेक्सी कैप फंड में है। बाकी या तो अग्रेसिव हाइब्रिड फंड या लार्ज और मिड कैप स्कीम में है। उनको हाइब्रिड फंड में निवेश करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके सारे गोल 15 साल से अधिक समय के हैं। उनके लिए तीन या चार अच्छे फ्लेक्सी कैप फंड और एक टैक्स सेवर में निवेश करना काफी होगा। फ्लेक्सी कैप फंड सभी सेक्टर्स और सभी आकार की कंपनियों में निवेश कर सकते हैं।
इसके अलावा, गोल के नजदीक पहुंचने पर उनको कंजरवेटिव पोर्टफोलियो की ओर मूव करना शुरू कर देना चाहिए। इससे गोल पूरा होने पर बाजार गिरने की सूरत में उनको नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रवीण अपना दूसरा घर बेच कर रकम तीन साल की अवधि में फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। निवेश के तौर पर रियल एस्टेट में बहुत कम रिटर्न मिलता है और रख रखाव की लागत भी काफी अधिक होती है। इसके विकल्प के तौर पर वे अपनी प्रॉपर्टी को रेंट पर देकर मंथली रेंट फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश कर सकते हैं।
क्या करें: फ्लेक्सी फंड में निवेश बढ़ाएं। दूसरा घर बेच कर रकम फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश करने पर विचार करें।
इन बातों का रखें ध्यान
.इमरजेंसी कॉर्पस निवेश के सुरक्षित विकल्पों में होना चाहि। यह इक्विटी फंड में नहीं होना चाहिए।
.अगर आपके पास कंपनी की ओर से मुहैया कराया गया हेल्थ कवर है तो एक अलग से हेल्थ कवर खरीदें।
.अपने टैक्स सेविंग निवेश को लंबी अवधि के गोल जैसे रिटायरमेंट से लिंक करें।
.इक्विटी में फ्लेक्सी कैप फंड सबसे बेहतर विकल्प हैं क्योंकि ये सभी सेक्टर और हर आकार की कंपनियों में निवेश कर सकते हैं।
.प्रॉपर्टी में निवेश करने से बचें क्योंकि यह लिक्विड नहीं और बहुत कम रिटर्न देती है।