Term Insurance Plan: अपनी फ़ैमिली को अचानक आने वाली किसी मुसीबत या बीमारी से बचाने के लिए टर्म इन्श्योरेंस प्लान सबसे सही और प्रभावी तरीक़ा है. इसके अलावा, एक टर्म इन्श्योरेंस प्लान आपकी दुखद मृत्यु की स्थिति में आपके परिवार की ज़रूरतों को पूूरा करने लायक़ होना चाहिए. मगर, कई लोग टर्म इन्श्योरेंस ख़रीदते क्यों नहीं हैं?
दरअसल, ग़लती से लोग मान लेते हैं कि टर्म इन्श्योरेंस प्लान लेना एक फ़िज़ूल का ख़र्च है. कभी कभार उन्हें अच्छा टर्म इन्श्योरेंस प्लान लेने के लिए जूझना पड़ जाता है. भले ही बाज़ार में कई ऑफ़र मौजूद हैं, लेकिन अपने लिए एक बेहतर विकल्प चुनना आपके लिए मुश्किल हो सकता है. इस आर्टिकल में हमने आपकी यही मुश्किल दूर करने की कोशश की है. यहां हम आपको चार टिप्स दे रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने लिए बेस्ट टर्म इन्श्योरेंस प्लान (how to choose term plan) का चुनाव कर सकते हैं.
1. आपको टर्म इन्श्योरेंस प्लान में कितने कवरेज की है ज़रूरत
मार्केट में मौजूद अलग-अलग टर्म इन्श्योरेंस प्लान पर ग़ौर करने से पहले ये देखें कि आपको कितने कवर की ज़रूरत है. एक उचित फ़ाइनेंशियल प्लान तैयार करें, जिसे आपकी अचानक मृत्यु की स्थिति में आपकी फैमिली फ़ॉलो करेगी. इसके बाद ही कवर से जुड़ा फैसला करें. एक सामान्य नियम है कि आपका कवर आपकी 10 साल की इनकम के बराबर होना चाहिए.
हालांकि, ये अमाउंट तय करते समय आपको कुछ दूसरे फ़ैक्टर भी ध्यान में रखने चाहिए. इन फ़ैक्टर्स में, आपका अपना घर होना, आपकी देनदारियां, आपके जीवन साथी या दूसरे फैमिली मेंबरों की इनकम, आपके बच्चों की संख्या और आपकी भविष्य की ज़रूरतें आदि शामिल हैं.
इन सभी बातों से ही ये तय होगा कि कितना कवर आपके लिए काफ़ी रहेगा.
2. टर्म इन्श्योरेंस प्लान उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के क्लेम सेटलमेंट रेशियो पर ग़ौर कीजिए
Claim Settlement Ratio: जब आप टर्म इन्श्योरेंस ख़रीदने जाते हैं तो आपके लिए क्लेम सेटलमेंट रेशियो जानना ख़ासा अहम हो जाता है. लेकिन ये क्लेम सेटलमेंट रेशियो क्या है? दरअसल, इस रेशियो से पता चलता है कि कुल क्लेम्स की तुलना में इन्श्योरेंस कंपनी ने कितने सम एश्योर्ड का भुगतान किया.
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उदाहरण के लिए, 95 फ़ीसदी के क्लेम सेटलमेंट रेशियो से जाहिर होता है कि कंपनी ने फ़ाइल किए गए 100 क्लेम्स में से 95 मामलों में भुगतान कर दिया. इसलिए, आपके ना होने पर किसी इन्श्योरेंस कंपनी के आपकी फैमिली को फ़ाइनेंशियल सिक्योरिटी (financial security) उपलब्ध कराने के दावे की जांच करनी है तो इस रेशियो को देखना ज़रूरी हो जाता है.
3. इन्श्योरेंस को इन्वेस्टमेंट के साथ मिक्स मत करें
इंडोमेंट (endowment) और
यूनिट लिंक्ड पॉलिसीज
(ULIPs) की तुलना में टर्म इन्श्योरेंस अलग है. इंडोमेंट और यूनिट लिंक्ड पॉलिसीज़ एक तरह के सेविंग प्लान हैं और इनके लिए जमा प्रीमियम लगातार इकट्ठा होता रहता है.
ULIPs के मामले में, प्रीमियम को स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट किया जाता है. दूसरी तरफ, भले ही टर्म इन्श्योरेंस में आपको ज़्यादा कवर मिलता है लेकिन आपको प्रीमियम वापस नहीं मिलता है. इससे कई इन्वेस्टर्स को लगता है कि टर्म इन्श्योरेंस की तुलना में इंडोमेंट पॉलिसी और ULIPs बेहतर हैं. हालांकि, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.
टर्म इन्श्योरेंस प्लान का मुख्य उद्देश्य आपको प्रोटेक्शन उपलब्ध कराना है. आपके इन्वेस्टमेंट को दोगुना करने वाले इन्श्योरेंस प्रोडक्ट्स दोनों ही काम करने में नाक़ाम रहते हैं. एक तो उनका इन्श्योरेंस कवर कम होता है और दूसरा, रिटर्न भी निराशाजनक होता है.
इसीलिए, एक सामान्य रूल है कि इन्श्योरेंस और इन्वेस्टमेंट को मिक्स मत कीजिए. निवेश के लिए, इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स ख़रीदिए. प्रोटेक्शन के लिए, टर्म इन्श्योरेंस प्लान लीजिए.
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4. टर्म इन्श्योरेंस प्रीमियम के साथ बचाएं टैक्स
आप इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) के Section 80C के तहत अपने
लाइफ़ इन्श्योरेंस टर्म प्लान के प्रीमियम के लिए डिडक्शन
क्लेम कर सकते हैं. इसके अलावा, आप टर्म इन्श्योरेंस प्लान के लिए अतिरिक्त राइडर्स लेने पर विचार कर सकते हैं. दरअसल, राइडर्स अच्छे हैं क्योंकि अतिरिक्त राइडर्स के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम से भी आपका टैक्स बचेगा.
उदाहरण के लिए, अगर आप एक्सीडेंटल डेथ बेनिफ़िट (accidental death benefit) जैसे लाइफ़ से संबंधित राइडर लेते हैं तो आप प्रीमियम पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन ले सकते हैं. दूसरी तरफ, अगर आप 'क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट' जैसे हेल्थ से संबंधित राइडर लेते हैं तो आपका प्रीमियम सेक्शन 80डी के दायरे में आ जाएगा.
इस सेक्शन के तहत हेल्थ इन्श्योरेंस पॉलिसी के लिए दिए गए ₹25,000 (सीनियर सिटीजंस के लिए ₹50,000) तक के प्रीमियम पर अतिरिक्त डिडक्शन मिल जाता है.
नीचे दी गई टेबल भारत में उपलब्ध बेस्ट टर्म इन्श्योरेंस प्लान्स और उनके फ़ीचर्स के बारे में बताता है.
टर्म इन्श्योरेंस प्लान्स
एंट्री की न्यूनतम उम्र | एंट्री की अधिकतम उम्र | मैच्योरिटी की अधिकतम उम्र | न्यूनतम पॉलिसी टर्म (वर्ष) | अधिकतम पॉलिसी टर्म (वर्ष) | न्यूनतम सम एश्योर्ड (₹) | एनुअल प्रीमियम (₹ 1 करोड़) | |
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रिलायंस निप्पॉन लाइफ़ प्रोटेक्शन प्लस | 18 | 60 | 75 | 10 | 40 | 25 लाख | 9067 |
बजाज अलायंस स्मार्ट प्रोटेक्ट गोल | 18 | 65 | 85 | 10 | 85 माइनस एंट्री के समय उम्र | 50 लाख | 9431 |
PNB मेटलाइफ़ मेरा टर्म प्लान प्लस | 18 | 60 | 99 | 10 | 99 माइनस एंट्री के समय उम्र | 25 लाख | 9558 |
(1) एक 25 साल के स्वस्थ नॉन स्मोकर मेल के लिए 35 साल के टर्म वाली पॉलिसी के प्रीमियम; (2) बीमा कंपनी के क्लेम (क्लेम सेटलमेंट रेशियो) के भुगतान करने के ट्रैक रिकॉर्ड और न्यूनतम थ्रेसहोल्ड तक दावों (सॉल्वेंसी रेशियो) के निपटान की क्षमता के आधार पर प्लान चुने गए हैं और प्रीमियम के आधार पर रैंक दी गई है. (ए) सम एश्योर्ड (बी) पॉलिसी टेन्योर (सी) रेग्युलर प्रीमियम पेमेंट ऑप्शन और (डी) ऑनलाइन प्लान्स में पर्याप्त लचीलेपन की पेशकश करने वाले प्लान्स पर ही विचार किया गया है; अधिकतम सम एश्योर्डः कोई लिमिट नहीं. |
FAQs
टर्म इन्श्योरेंस प्लान क्या है
What is a term insurance plan: ये एक तरह का लाइफ़ इन्श्योरेंस है जो एक तय समय के लिए फ़ाइनेंशियल कवरेज देता है. इस प्लान के तहत आपको सुरक्षा मिलेगी और इसके लिए आपको समय-समय पर एक छोटा सा प्रीमियम चुकाना होगा. अगर आपको कुछ भी होता है तो आपका टर्म इन्श्योरेंस आपके परिवार को फ़ाइनेंशियल सिक्योरिटी देगा.
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टर्म इन्श्योरेंस की किसे ज़रूरत होती है?
जिसके भी आश्रित हों, उसे टर्म इन्श्योरेंस प्लान ज़रूर लेना चाहिए.
अगर एम्प्लॉयर ने लाइफ़ इन्श्योरेंस दिया है तो क्या टर्म प्लान की ज़रूरत होती है?
इन्श्योरेंस प्लान (insurance plan) ख़रीदते समय हमेशा सुनिश्चित करें कि ये आपकी व्यक्तिगत ज़रूरतों का ख्याल रख सके. आपके एम्प्लॉयर या कंपनी द्वारा दिए गए लाइफ़ इन्श्योरेंस प्लान आपकी और आपके परिवार की ज़रूरतों के अनुरूप नहीं हो सकते. इसलिए, आपको ज़्यादा की ज़रूरत है, और आपको एक टर्म प्लान भी ख़रीदना चाहिए.
क्या अपने कवर को दो अलग-अलग टर्म इन्श्योरेंस प्लान्स में बांट सकते हैं?
अगर आपकी एक बड़ा टर्म इन्श्योरेंस कवर ख़रीदने की योजना है तो अपने कवर को दो इन्श्योरेंस कंपनियों के बीच बांटना अच्छा रहेगा. इससे आपको अपने रिस्क को डाइवर्सिफ़ाई करने में मदद मिलेगी.
टर्म इन्श्योरेंस प्लान ख़रीदते समय आपको कौन सा पेआउट ऑप्शन सलेक्ट करना चाहिए?
अपने लिए टर्म इन्श्योरेंस प्लान ख़रीदते समय, आपको पेआउट ऑप्शन चुनना होता है. याद रखिए कि आपका पेआउट का फैसला आपके नॉमिनी की हालात को संभालने की क्षमता, उसकी वित्तीय समझ, भविष्य के लक्ष्यों और निश्चित रूप से आपकी वित्तीय देनदारियों पर आधारित होना चाहिए.