इन्वेस्टमेंट प्लान

एक गोल भी भूले तो फ़ेल हो सकता है सारा फ़ाइनेंशियल प्लान

मुकेश ने कई तरह के निवेश किए हैं जिनमें से कुछ में बदलाव की ज़रूरत है, मगर उससे भी अहम ये है कि जो फ़ाइनेंशियल गोल प्लानिंग में शामिल नहीं हैं, वो उनका सारा प्लान फ़ेल कर सकते हैं।

एक गोल भी भूले तो फ़ेल हो सकता है सारा फ़ाइनेंशियल प्लान

मुकेश 48 साल के हैं। 18-साल का बेटा, बी.एस.सी. कर रहा है। पत्नी गृहणी हैं और 44-साल की हैं। मुकेश की 68-साल की मां उनके साथ रहती हैं और आर्थिक तौर पर मुकेश पर निर्भर हैं।
टैक्स वगैरह के बाद, वेतन के ₹52,000 मुकेश के हाथ हर महीने आते हैं। वो अपने ख़ुद के घर में रहते हैं। उन्होंने कई म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश कर रखा है, इंडोमेंट पॉलिसी, यूलिप और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) भी वो पैसे डालते हैं। इनके अलावा, उनका एक प्लॉट भी है, जिसका आज की क़ीमत क़रीब ₹5 लाख है।
इमर्जेंसी कॉर्पस
किसी भी फ़ाइनेंशियल प्लान की शुरुआत इमर्जेंसी के प्लान के साथ होनी चाहिए। आमतौर पर इमर्जेंसी कॉर्पस आपके छः महीने के वेतन जितना होना चाहिए। मुकेश का मासिक ख़र्च ₹20,000 है, जिसमें इंश्योरेंस का प्रीमियम शामिल नहीं है। इसके मुताबिक़ उनका इमर्जेंसी कॉर्पस ₹1.2 लाख होना चाहिए। अभी इमर्जेंसी कॉर्पस के तौर पर उनके पास सिर्फ़ ₹30,000 हैं, जिसे बढ़ा कर ₹90,000 कर देना चाहिए।
इमर्जेंसी कॉर्पस को स्वीप-इन फ़िक्स्ड डिपॉज़िट और लिक्विड फ़ंड के कॉम्बिनेशन में रखना चाहिए। इस तरह, बिना लिक्विडिटी से समझौता किए वो बेहतर रिटर्न हासिल कर सकेंगे।
एक्शन: ₹1.2 लाख का इमर्जेंसी कॉर्पस बनाएं।
लाइफ़ इंश्योरेंस
मुकेश ने सात लाईफ़ इंश्योरेंस पॉलिसियां (एंडोमेंट और यूनिट लिंक्ड) ली हैं, जो कुल ₹15.25 लाख कवर देती हैं। इसके लिए वो ₹1.65 लाख सालाना का प्रीमियम दे रहे हैं। क्योंकि वो परिवार में अकेले कमाने वाले हैं, उस लिहाज़ से जितना प्रीमियम वो दे रहे हैं और जितने कवर की ज़रूरत है, उसके मुताबिक़ उनका इंश्योरेंस बहुत कम है।
मुकेश को अपनी एंडोमेंट लाईफ़-इंश्योरेंस पॉलिसियों को तब सरेंडर कर देना चाहिए जब उनकी सरेंडर वैल्यू मिल जाए। आमतौर पर, एंडोमेंट प्लान तीन साल के बाद सरेंडर किए जा सकते हैं (हालांकि इसका समय हर पॉलिसी के लिए अलग होत है)। उन्हें अपनी यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी तुरंत बंद कर देनी चाहिए। जो पैसा अब तक निवेश किया है, वो निवेश शुरु करने से लेकर पांच साल तक लॉक-इन रहेगा। दरअसल, ऐसी पॉलिसियां महंगी होती है और उनमें पारदर्शिता भी कम होती है। इनके रिटर्न का रिकॉर्ड भी उत्साहजनक नहीं है।
लाईफ़ इंश्योरेंस के लिए मुकेश को, टर्म इंश्योरेंस कवर लेना चाहिए जो ₹50 लाख का हो। ये उन्हें सालाना, ₹13,000 का पड़ेगा।
एक आम नियम है कि इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट को आपस में मिलाना नहीं चाहिए। ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसियां जो इन्वेस्टमेंट स्कीम के साथ मिला कर बनाई जाती हैं - वो न तो ज़रूरत के मुताबिक़ इंश्योरेंस दे पाती हैं, और न ही अच्छे रिटर्न देती हैं।
एक्शन: पारंपरिक इंश्योरेंस पॉलिसियों में निवेश बंद कर दें। निवेश रडीम करने के बाद जो रक़म मिले, उसे SIP के ज़रिए म्यूचुअल फ़ंड में इन्वेस्ट करें। टर्म इंश्योरेंस ख़रीदें।
हेल्थ इंश्योरेंस
मुकेश के ऑफ़िस ने उन्हें ₹3 लाख का हेल्थ कवर दिया है, ये उनके पूरे परिवार के लिए है। मगर, कंपनी द्वारा दिया गया मेडिकल इंश्योरेंस तभी तक रहता है, जब तक आप कंपनी में काम करते हैं। इसलिए, मुकेश को अपना हेल्थ कवर बढ़ाने के लिए ₹3 लाख का एक और पर्ससनल कवर लेना चाहिए। इसका सालाना प्रीमियम क़रीब ₹18,000 से ₹20,000 होना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें अपनी मां के लिए एक सीनियर सिटिज़न हेल्थ इंश्योरेंस भी ले लेना चाहिए।
एक्शन: पर्सनल हेल्थ कवर ख़रीदें।
रिटायरमेंट
मुकेश को अपने रिटायरमेंट के बाद, अपनी मौजूदा जीवनशैली बनाए रखने के लिए क़रीब ₹1.10 करोड़ चाहिए होंगे। उन्होंने इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड्स और EPF में 4.79 लाख का कॉर्पस इकठ्ठा कर लिया है। ये रक़म अगले 12 साल में बढ़ कर क़रीब ₹15 लाख हो जाएगी। म्यूचुअल फ़ंड में SIP और EPF के ज़रिए उनके मौजूदा निवेश (हर साल 10 प्रतिशत बढ़ाने पर) ज़रूरत के मुताबिक़ कॉर्पस नहीं बना पाएगा। हालांकि, जैसे-जैसे वो अपने इंश्योरेंस प्रीमियम का सरप्लस SIP के ज़रिए म्यूचुअल फ़ंड में लगाते जाएंगे, तो समय के साथ ये कमी दूर हो जाएगी।
मुकेश के पास एक प्लॉट है, जिसे उन्होंने निवेश के तौर पर ख़रीदा था। वो इसपर अपना दूसरा घर बनाना चाहते हैं। हम ज़मीन या प्रॉपर्टी को इन्वेस्टमेंट के तौर पर लेने की सलाह नहीं देते। क्योंकि प्रॉपर्टी से मिलने वाला फ़ायदा इक्विटी के मुक़ाबले काफ़ी कम रहता है। इसके अलावा, प्रॉपर्टी निवेश में पारदर्शिता की कमी होती है। मुकेश को अपनी ज़मीन बेच देनी चाहिए और उससे मिले पैसे सिस्टमैटिक तरीक़े से, एक अर्से के दौरान, इक्विटी में निवेश करने चाहिए। इस तरह किश्तों में निवेश करने से, मार्केट के उछाल पर होने के दौरान निवेश के रिस्क से बचा जा सकता है।
एक्शन: हर साल अपनी SIP को 10 प्रतिशत बढ़ाएं। ज़मीन में किए गए निवेश को बेच दें और एक अर्से के दौरान उस पैसे को इक्विटी फ़ंड में लगाएं।
वो गोल जो छूट गए हैं
मुकेश ने अपने बेटे की उच्च-शिक्षा और शादी को अपने गोल में शामिल नहीं किया है। ऐसा कोई भी ख़र्च जिसे आपने नहीं जोड़ा है, आपकी सारी प्लानिंग ध्वस्त कर सकता है। मुकेश को अपने बेटे की शिक्षा और शादी को अपनी फ़ाइनेंशियल प्लानिंग में शामिल करना चाहिए और एक ठीक-ठाक रक़म इसके लिए अलग रख देनी चाहिए।
एक्शन: बेटे की उच्च-शिक्षा और शादी को अपने प्लान में शामिल करें और तय करें कि इसके लिए कितना निवेश करना है।
फ़ंड
हर महीने मुकेश SIP के ज़रिए ₹17,500 म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश करते हैं। उन्हें इस नंबर को चार या पांच तक सीमित कर देना चाहिए। बहुत ज़्यादा स्कीमें आपके पोर्टफ़ोलियो में भीड़ बढ़ाती हैं और उसे मॉनिटर करना मुश्किल हो जाता है, इसके अलावा इससे कोई ज़्यादा डाइवर्सिफ़िकेशन भी नहीं मिलता। अक्सर, एक ही कैटेगरी की अलग-अलग स्कीमें, एक से स्टॉक में निवेश करती हैं और इसलिए इससे होल्डिंग्स में बहुत सारी ओवरलैपिंग हो जाती है।
उनका पोर्टफ़ोलियो दो-तीन फ़्लैक्सी-कैप, एक टैक्स-सेवर और एक स्मॉल-कैप फ़ंड का होना चाहिए। जब वो अपनी सभी मौजूदा इंश्योरेंस पॉलिसियों से बाहर निकल जाएंगे, तब उन्हें टैक्स सेविंग फ़ंड की ज़रूरत होगी। वहीं, निवेश का छोटा हिस्सा अगर, अग्रेसिव स्मॉल-कैप फ़ंड में इन्वेस्ट करते हैं, तो उन्हें लंबे अर्से में ऊंचे रिटर्न पाने में मदद मिलेगी। ये उनके इस गोल के लिए पैसों की कमी को पूरा करने में मदद करेगा। मगर उन्हें याद रखना चाहिए कि स्मॉल-कैप फ़ंड, कम समय के दौरान काफ़ी उतार-चढ़ाव और रिस्क वाले होते हैं।
एक्शन: पोर्टफ़ोलियो में मौजूद म्यूचुअल फ़ंड स्कीमों को कम करें। टैक्स-सेविंग फ़ंड लें।


टॉप पिक

क्या रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का बोनस शेयर इश्यू वाक़ई दिवाली का तोहफ़ा है?

पढ़ने का समय 3 मिनटAbhinav Goel

म्यूचुअल फ़ंड, ऑटो-पायलट और एयर क्रैश

पढ़ने का समय 4 मिनटधीरेंद्र कुमार

मल्टी-एसेट फ़ंड आज दूसरी सबसे बडी पसंद हैं. क्या इनमें निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 3 मिनटपंकज नकड़े

क्या आपको इस मोमेंटम इंडेक्स फ़ंड में निवेश करना चाहिए?

पढ़ने का समय 1 मिनटवैल्यू रिसर्च down-arrow-icon

Stock Update: 20 शानदार स्टॉक की इस हफ़्ते की लिस्ट

पढ़ने का समय 2 मिनटवैल्यू रिसर्च

वैल्यू रिसर्च धनक पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

समय, व्यावहारिकता और निराशावाद

पूंजी बनाने के लिए ज़्यादा बचत करना और ज़्यादा लंबे समय तक बचत करना, क्यों बहुत ज़्यादा रिटर्न पाने की उम्मीद से बेहतर है.

दूसरी कैटेगरी