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क्‍यों रियल एस्‍टेट बना रहेगा फेवरिट

म्‍युचुअल फंड और स्‍टॉक्‍स जैसे फाइनेंशियल इन्‍वेस्‍टमेंट रियल एस्‍टेट को पीछे छोड़ देते हैं लेकिन कम से एक पहलू है जहां ये पीछे रह जाते हैं

क्‍यों रियल एस्‍टेट बना रहेगा फेवरिट

हाल में एक फ्लाइट में मैं अपने बगल में बैठे व्‍यक्ति से बात कर रहा था। मैंने जल्‍द ही पता लगा लिया कि वह दिल्‍ली से हैं और उसने पता लगा लिया कि मैं आजीविका के लिए फाइनेंस और इकोनॉमिक्‍स पर लिखता हूं। इसके बाद हमने दिल्‍ली वालों के पसंदीदा टॉपिक रियल एस्‍टेट पर बात करना शुरू कर दिया। मेरे लिए आश्‍चर्य की बात थी कि वह अब भी रियल एस्‍टेट को लेकर उत्‍साहित था। मैंने इसका विरोध किया “लेकिन पिछले पांच छह सालों में कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ। वास्‍तव में राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर के बड़े हिस्‍से में कीमते गिरी हैं”। अगर आपने पिछले कुछ वर्षों के दौरान एक निवेश के तौर पर रियल एस्‍टेट खरीद है तो पूंजी के तौर पर कोई फायदा नहीं हुआ है और अगर आपने लोन लेकर घर खरीदा है तो ईएमआई के अलावा प्रॉपर्टी टैक्‍स के साथ साथ सोसायटी मेन्‍टेनेंस चार्ज जैसे खर्च भी उठाने पड़े होंगे। मैं अपनी बात को इस उम्‍मीद में जारी रखा कि यह व्‍यक्ति इस बात को समझेगा कि मैं क्‍या कहना चाहता हूं।

उसने बहुत भरोसे के साथ जवाब दिया “हां मैं पहले भी यह सब बातें सुन चुका हूं”। “लेकिन जब मैं रियल एस्‍टेट खरीदता हूं तो मैं ऐसा कुछ खरीद रहा हूं जिसे मापा जा सकता है। मैं इसे छूट सकता हूं। मैं इसे महसूस कर सकता हूं। मेरी रकम मेरी आंखों के सामने है”।

मैंने पूछा कि कोई यह पता करने का प्रयास करने के बजाए कि निवेश रकम बना रहा है या नहीं निवेश छूना या देखना क्‍यों चाहेगा।

उसने अपनी बात को स्‍पष्‍ट किया मैं अपने पीछे मेरे बेटों के लिए घर छोड़ सकता हूं न कि कुछ पेपर। अगर मैं म्‍युचुअल फंड में निवेश करूंगा तो मैं ठीक यही करूंगा। या अगर में स्‍टॉक्‍स में निवेश करूंगा तो अपने पीछे कुछ डिजिटल एंट्री छोड़ जाउंगा।

दार्शनिक अंदाज में उसके स्‍पष्‍टीकरण को मैंने काफी कमजोर पाया लेकिन मैंने इससे अपने तरीके से निपटेने का फैसला किया। मैंने कहा यह दिलचस्‍प है। लेकिन आप अपने पीछे बच्‍चों के लिए रियल एस्‍टेट क्‍यों छोड़ कर जाना चाहेंगे।

जिससे आज के महंगाई के दौर में उनके पास अपना घर हो।

दिलचस्‍प है। आपको क्‍यों लगता है कि अगर आप स्‍टॉक्‍स या म्‍युचुअल फंड में निवेश करेंगे तो आपके बच्‍चों के पास रहने के लिए घर नहीं होगा।

उसने पूछा “अगर मैं घर के बजाए स्‍टॉक्‍स और म्‍युचुअल फंड खरीदूंगा तो उनके पास रहने के लिए घर कैसे होगा”।

मैंने जवाब दिया “बहुत सरल है निवेश को बेच कर जब उनको जरूरत हो तब घर खरीद कर”। “इसके अलावा, वे अपनी पसंद का घर खरीद सकेंगे बजाए इसके कि वे आपके खरीदे घर को मेन्‍टेन करें और उसमें रहें”।

उसने कहा “लेकिन अगर वे निवेश बेच कर घर खरीदने के बजाए बेकार की चीजों पर रकम खर्च कर दें तो”।

“क्‍या आपको लगता है कि वे ऐसा करेंगे? क्‍या उन्‍होंने ऐसा कुछ किया है”।
उसने जवाब दिया “इमानदारी से कहूं तो अभी वे किशोरावस्‍था में हैं और उन्‍होंने अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया है। लेकिन कौन जानता है कि अखिरकार वे क्‍या करेंगे”।
“तो आपका मतलब है कि अभी आप उन पर भरोसा करते हैं लेकिन आपको नहीं पता कि भविष्‍य में वे कैसे होंगे और ऐसे में आप उन पर भरोसा नहीं कर सकते”।
“हां”।
“ अगर आप अपने पीछे उनके रहने के लिए घर छोड़ कर जाते हैं तो इस बात की आशंका नहीं है कि वे कुछ गलत करेंगे”।
उसने मुस्‍कराते हुए कहा हां।

मैंने उसे समझाने का प्रयास किया “ अगर आप अपने पीछे घर छोड़ कर जाते हैं तब भी वे घर बेच कर रकम बरबाद कर सकते हैं। अगर आप नहीं हैं आपके बेटों को ऐसा करने से कौन रोकेगा”।

इस बात पर उसे थोड़ा सोचना पड़ा।
कुछ सेंकेंड तक चुप रहने के बाद उसने कहा अगर वे घर बेच भी देते हैं तो रियल एस्‍टेट में हमेशा सबसे ज्‍यादा रकम बनाई जाती है।
“ वास्‍तव में यह सच नहीं। आम तौर पर लोग रियल एस्‍टेट में खरीद की कीमत और बिक्री वाली कीमत की बात करते हैं। और इसमें जो अंतर होता है वह एक बड़ा नंबर होता है। इससे हम मान लेते हैं बड़ी रकम बनाई गई है। हम सबने कम से कम ऐसी एक कहानी जरूर सुनी होगी। और इन कहानियों की ताकत बहुत ज्‍यादा है। कोई भी डिटेल में जाकर कैलकुलेशन करने का प्रयास नहीं करता है। उदाहरण के लिए, कोई भी वर्षों तक रियल एस्‍टेट के मेन्‍टेंनेंस पर आने वाले खर्च पर गौर नहीं करता है। इसके अलावा कोई भी प्रॉपर्टी टैक्‍स की बात नहीं करता है जिसे हर साल चुकाना होता है”।
“ ये बात तो है”।
“ और सबसे अहम बात यह है कि कोई भी रकम की टाइम वैल्‍यू पर ध्‍यान नहीं देता है। अगर इन सब बातों पर गौर किया जाए तो लंबी अवधि में रियल एस्‍टेट का इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न बहुत साधारण होगा। ज्‍यादातर लोग इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न के बारे में नहीं जानते। इसका मतलब किसी निवेश पर रिटर्न कैलकुलेट करने के सही तरीके से है। इसके अलावा रियल एस्‍टेट में निवेश पर सही रिटर्न कैलकुलेट करने के लिए जरूरी डाटा कभी उपलब्‍ध नहीं होता। इन सब वजहों से लोग यह मान लेते हैं कि रियल एस्‍टेट में कोई भी निवेश बड़े पैमाने पर रकम बनाने में मदद करता है”।

उसने कहा “लेकिन आबादी का क्‍या ? जैसा कि आप जानते हैं आबादी बढ़ रही है। ऐसे में ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को घर की जरूरत होगी और रियल एस्‍टेट कीमतें हमेशा बढ़ती रहेंगी”।

“ आप दिल्‍ली को देखिए। किस तरह से हर दिशा में इसका विस्‍तार हो रहा है। तो जमीन की कमी कहां है। यह तर्क मुंबई जैसे शहर के लिए काम कर सकता है लेकिन दूसरे शहरों के लिए नहीं, जहां काफी जमीन है शहर का सभी दिशाओं में विस्‍तार हो रहा है। इसके अलावा, अगर आबादी बढ़ने की बात करें तो भारत इस स्‍टेट पर पहुंच गया है जहां कुछ सालों में जो बच्‍चे पैदा होंगे वे सिर्फ मरने वालों की जगह लेंगे। ऐसे में आबादी बढ़ने की दर गिरती जाएगी। ये दो बातें यह सुनिश्चित करेंगी कि लंबी अवधि में आबादी का तर्क काम नहीं करेगा”।

ऐसा लगा कि वह मेरी बात से सहमत हो रहा है। थोड़ी देर बाद वह मुस्‍कराया और पूछा “ लेकिन काले धन का क्‍या”।

अब मेरे पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था। मैं मुस्‍कराया और बाहर अंधेरे में देखने लगा।


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