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क्‍या कहती है फंड की नेट असेट वैल्‍यू

नेट असेट वैल्‍यू यानी एनएवी कैसे काम करती है और क्‍या लो एनएवी का वही मतलब है जो लोग समझते हैं

क्‍या कहती है फंड की नेट असेट वैल्‍यू

म्‍युचुअल फंड निवेशक का निवेश करते हुए एनएवी से सामना होता है। वह निवेश से जुड़े जटिल शब्‍दों से दूर रहने की कितनी ही कोशिश करेकरे लेकिन एनएवी से उसका सामना होता ही है। खास कर म्‍युचुअल फंड यूनिट करते हुए और बेचते हुए। एनएवी को लेकर कई गलत बातें प्रचलित हैं जिनको निवेशक अक्‍सर सच मान लेते हैं। एक म्‍युचुअल फंड निवेशक के लिए यह जानना कि एनएवी क्‍या है और किन चीजों से बना है फायदेमंद हो सकता है।

एनएवी फार्मूला
एनएवी या नेट असेट वैल्‍यू निकालने का एक आसान फार्मूला है। इसमें किसी फंड के कुल शेयर की मार्केट वैल्‍यू को जोड़ कर उससे फंड की देनदारी को घटा देते हैं। इसके बाद फंड द्वारा जारी की गई कुल यूनिट से भाग करने पर फंड की नेट असेट वैल्‍यू आ जा जाती है। यानी म्‍युचुअल फंड की नेट असेट वैल्‍यू और कुछ नहीं बल्कि यूनिट की बुक वैल्‍यू होती है।

क्‍या लो एनएवी अच्‍छा है
कई निवेशक सोचते हैं कि लो एनएवी वाला फंड हायर एनएवी वाले फंड की तुलना में सस्‍ता है। इसके अलावा जब बाजार में कोई नया फंड लांच होता है तो कई डिस्‍ट्रीब्‍यूटर्स इसके लो एनएवी को आधार बना कर फंड को प्रमोट करते हैं और वे ऐसा संकेत करते हैं कि यह फंड आप मोल भाव करके खरीद सकते हैं।

लेकिन सच यह है कि एनएवी अपने आप में किसी काम की नहीं है। एनएवी की तुलना शेयर कीमतों से करने वाले निवेशक ही यह मानते हैं कि लो एनएवी वाला फंड सस्‍ता है। शेयर की कीमत होने का मतलब है कि यह शेयर सस्‍ता है लेकिन फंड के एनएवी के लिए यह सच नहीं है। एनएवी यह नही बताता है कि फंड सस्‍ता है या महंगा है। एनएवी सिर्फ पोर्टफोलियो के एक यूनिट की करंट वैल्‍यू यानी मौजूद कीमत बताता है।

उदाहरण से समझें
हम आपको एक उदाहरण से यह साबित कर देंगे कि रिटर्न और एनएवी दो अ अलग चीजें और इनका एक दूसरे से कोई लेना देना नहीं है। मान लेते हैं कि आपके पास निवेश के लिए 10,000 रुपए हैं। आपके पास निवेश के लिए दो विकल्‍प हैं। फंड एक्‍स और फंड वाई। दोनों फंडों के पोर्टफोलियो समान हैं लेकिन दोनों के एनएवी के अलग अलग हैं। फंड एक्‍स का एनएवी 10 रुपए और फंड वाई का एनएवी 50 रुपए है। तो आप 10,000 रुपए में फंड एक्‍स की 1,000 यूनिट या फंड वाई की 200 यूनिट पा सकते हैं। दोनों फंडों के पोर्टफोलियो समान हैं। ऐसे में एक साल के बाद दोनों फंड की ग्रोथ समान होगी।

मान लेते हैं कि एक साल में फंडो ने 25 फीसदी तक ग्रोथ दर्ज की। तो एक साल बाद फंड एक्‍स की एनएवी 12.50 रुपए और फंड वाई की एनएवी 62.50 रुपए होगी। तो फंड एक्‍स के लिए आपके निवेश की वैल्‍यू 12,500 और फंड वाई के लिए भी 12,500 होगी। इस तरह से आपका रिटर्न समान होगी भले ही एनएवी कुछ भी हो।

जब हम म्‍युचुअल फंड उसकी एनएवी पर खरीदते हैं तो हम फंड उसकी बुक वैल्‍यू पर खरीदते हैं। चूंकि हम उसकी बुक वैल्‍यू खरीद रहे हैं ऐसे में हम उसकी असेट के लिए सही कीमत चुका रहे हैं। चाहे यह 10 रुपए हो या 100 रुपए।


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