इंश्योरेंस

यूलिप्‍स और पारंपरिक जीवन बीमा को कहें न

न मिलता है पर्याप्‍त बीमा कवर और न निवेश से होता है फायदा

यूलिप्‍स और पारंपरिक जीवन बीमा को कहें न

हमारे देश में यूनिट लिंक्‍ड प्‍लान यानी यूलिप्‍स और पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी बेहद लोकप्रिय हैं। न सिर्फ कम पढ़े लिखे लोग बल्कि ज्‍यादा पढ़े लिखे लोग भी यूलिप्‍स और पारंप‍रिक जीवन बीमा पॉलिसी बिना किसी हिचक के खरीदते हैं। हम आपको बता रहे हैं कि ये दोनों प्‍लान क्‍यों आपकी जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं और इनके विकल्‍प क्‍या हो सकते हैं।

क्‍या हैं यूलिप्‍स और पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी

यूलिप्‍स और पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी दोनों ऐसे उत्‍पाद हैं जो ग्राहक को बीमा के साथ निवेश का विकल्‍प भी देते हैं। यानी बीमा एजेंट कहता है कि आपको बीमा कवर भी मिलेगा और पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर आपको एक तय राशि भी रिटर्न के तौर पर मिलेगी। हालांकि ये दोनों उत्‍पाद आपके काम के नहीं है क्‍योंकि न तो ये आपको पर्याप्‍त बीमा कवर देते हैं और न ही निवेश के मोर्चे पर आपको खास फायदा पहुंचाते हैं। यूलिप्‍स एक बीमा स्‍कीम है, जो बाजार से जुड़ी है। इस स्‍कीम के तहत आपका पैसा इक्विटी या डेट में निवेश किया जाता है। वहीं पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी में गारंटीड बेनेफिट की पेशकश की जाती है। गारंटीड बेनेफिट को बीमा की भाषा में सम एश्‍योर्ड कहा जाता है।

क्‍या है इनकी लोकप्रियता का राज


1- हमारे देश में ज्‍यादातर लोग बीमा जल्‍दबाजी में खरीदते हैं। ऐसा वे खास तौर पर टैक्‍स बचाने के लिए करते हैं। ऐसा वो बीमा उत्‍पादों को पूरी तरह से समझे बिना करते हैं।

2- अक्‍सर होता है कि कोई बीमा एजेंट हमारा पड़ोसी होता है या दोस्‍त होता है। अक्‍सर बीमा एजेंट रिश्‍तेदार भी होता है। रिश्‍तेदार को मना करना मुश्किल होता है। ऐसे में लोग पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी या यूलिप्‍स खरीद लेते हैं। बीमा एजेंट ऐसे प्‍लान को बेचने के लिए बहुत ज्‍यादा प्रयास भी करते हैं क्‍योंकि इस तरह की पॉलिसी बेचने पर उनको बहुत आकर्षक कमीशन मिलता है।

3 - बहुत से लोग बीमा को बेकार का खर्च समझते हैं। उनको लगता है कि ऐसे बीमा उत्‍पाद का क्‍या फायदा जिसमें सिर्फ मरने पर ही कुछ मिलता है। अगर जिंदा रह गए तो लाखों का प्रीमियम बेकार चला जाएगा। इसकी वजह से वे ऐसे बीमा उत्‍पाद को प्राथमिकता देते हैं, जो प्रीमियम पर कुछ न कुछ रिटर्न दे। हालांकि वे इस बात को समझ नहीं पाते कि इस तरह के प्‍लान पर उनको बहुत कम रिटर्न मिलता है।

इन उत्‍पादों में क्‍या है कमी

इन उत्‍पादों में बीमा और निवेश दोनों होता है। ऐसे में हम आपको बीमा और निवेश दोनों के लिहाज से इसकी कमियां बता रहे हैं। पहले बात करते हैं बीमा की।

बीमा

अक्‍सर लोग यह नहीं जान पाते हैं कि उनको कितनी राशि के बीमा कवर की जरूरत है। उदाहरण के लिए चार लोगों के परिवार में आप अकेले कमाने वाले सदस्‍य हैं। अगर किसी तरह की अनहोनी में आपकी असमय मौत हो जाती है तो आपके लिए 5 लाख रुपए का बीमा कवर पर्याप्‍त नहीं है। अगर आपने अपने पीछे पारिवारिक संपत्ति नहीं छोड़ी और लोन भी है तो आपके परिवार की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। आपको 50 लाख रुपए बीमा कवर वाला टर्म प्‍लान सालाना 7,000 रुपए प्रीमियम में मिल जाता है जबकि अगर अगर आप यूलिप्‍स में 50 लाख का बीमा कवर लेंगे तो इसके लिए आपको सालाना 5 लाख रुपए का प्रीमियम देना होगा।

निवेश

निवेश के लिहाज से इस तरह के उत्‍पादों में सबसे खराब बात‍ यह है कि इनमें आपसे चार्ज या शुल्‍क काफी ज्‍यादा लिया जाता हैं। पॉलिसी के शुरूआती सालों में आपके प्रीमियम का बड़ा हिस्‍सा कई तरह की फीस और शुल्‍क में चला जाता है। इसमें सबसे बड़ा हिस्‍सा डिस्‍ट्रीब्‍यूटर कमीशन के रूप में जाता है। ऐसे में आपके प्रीमियम का बहुत हिस्‍सा निवेश के लिए जाता है। जब निवेश ही कम होगा तो इस पर रिटर्न भी कम ही मिलेगा।
यूलिप्‍स

उम्र: 35
सालाना प्रीमियम: 50,000 रुपए
सम एश्‍योर्ड: 5 लाख रुपए

इस टेबल में यूलिप्‍स में लगने वाले कई तरह के चार्जेज के बारे में बताया गया है। साफ है कि यह चार्जेज छिपे हुए नहीं हैं। ये आपके पॉलिसी डाक्‍युमेंट में मिल जाएंगे। लेकिन शायद ही लोग यूलिप्‍स खरीदने से पहले पॉलिसी डाक्‍युमेंट पढ़ने की जहमत उठाते हैं। तो अगर आप सभी चार्जेज को जोड़े तो यह आपके कुल निवेश का लगभग 7 फीसदी बैठता है। आपने 10 साल में प्रीमियम के तौर पर 5 लाख रुपए का भुगतान किया है। हालांकि कई तरह के चार्जेज काटने के बाद बीमा कंपनी ने लगभग 4.68 लाख रुपए का निवेश किया है।

क्‍या हैं विकल्‍प

आपके लिए बेहतर होगा कि आप बीमा और निवेश को अलग-अलग रखें। अगर आप का परिवार पैसों के लिए आप पर निर्भर है तो आपको सबसे पहले टर्म प्‍लान लेना चाहिए। टर्म प्‍लान का कवर इतना हो जो किसी भी अनहोनी में आपके परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सके। बाकी पैसा आप एक या दो अच्‍छे डायवर्सीफाइड इक्विटी फंडों में लगा सकते हैं। लेकिन अगर आप जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो आप टर्म प्‍लान के साथ पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं। पीपीएफ आपको पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी से बेहतर रिटर्न देगा।

आंकड़ों की जुबानी

हम नहीं चाहते हैं आप सिर्फ हमारी या किसी और की बात पर भरोसा करें। हम आंकड़ों के जरिए इन उत्‍पादों की कमियों को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं।

नीचे दी गई टेबल में हमने तीन संभावित विकल्‍प दिए हैं। ये हैं यूलिप्‍स खरीदना, पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदना और टर्म प्‍लान खरीदने के साथ इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश करना। टेबल में बताया गया है कि आप पिछले 10 साल में हर एक उत्‍पाद से कितना रिटर्न पा सकते थे। टेबल में हमने हर कैटेगरी से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले उत्‍पादों को चुना है।

नतीजा

ऊपर दी गई टेबल खुद सब कुछ कह रही है। तीसरे विकल्‍प में यानी अगर आप टर्म प्‍लान खरीदते हैं तो आपको यूलिप्‍स की तुलना में 10 गुना ज्‍यादा यानी 50 लाख का बीमा कवर मिलेगा। दूसरा तीसरे विकल्‍प में रिटर्न काफी अधिक है।

सलाह

बीमा एक खर्च है और इसे खर्च की तरह ही लेना चाहिए। बीमा और निवेश को मिलाना नहीं चाहिए। बीमा और निवेश को मिलाने से आपको बहुत कम रिटर्न मिलेगा।

क्‍या कर सकते हैं आप

1- बीमा पॉलिसी खरीदने पर 15 दिन की शुरूआती अवधि को फ्री लुक पीरियड कहा जाता है। अगर आप बीमा पॉलिसी से संतुष्‍ट नहीं है तो आप पॉलिसी खरीदने के 15 दिन के अंदर इसे वापस कर सकते हैं और आपको रिफंड मिल जाएगा।

2- अगर आपक पॉलिसी 15 दिन से ज्‍यादा पुरानी है तो हम आपको इसे वापस करने का सुझाव देंगे। आप इससे होने वाले नुकसान को वहन करें और तुरंत एक टर्म प्‍लान खरीद लें। बाकी पैसा आप अच्‍छे डायवर्सीफाइड इक्विटी म्‍युचुअल फंड में लगा दें।


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